रविवार, 24 मई 2020

राजस्थान सरकार पर भड़के केंद्रीय मंत्री

1- राजस्थान एग्रीकल्चर पेस्टी डिज़ीज एक्स 1954 को देखे सरकार। 

2- इसमें कलेक्टर को व्यवस्था करने की शक्तियां हैं।

3- डेज़र्ट में केंद्र करता है पेस्टीसाईड का उपयोग।

4- जबकि इन्सानी बसावट में कलेक्टर है अधिकृत।

 5- बसावट वाले क्षेत्र में कम ज़हरीली दवा का इस्तेमाल होता है। 
जयपुर। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने राजस्थान सरकार पर सवाल उठाए हैं। टिड्डी दल से निपटने के मामले में चौधरी ने कहा कि केंद्र के साथ ही इस मामले में राज्य की ज़िम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि हर मामले पर अशोक गहलोत केंद्र को ज़िम्मेदार ठहराते हैं. चौधरी ने कहा कि क्या गहलोत सरकार सिर्फ झुंझुना बजाने के लिए है? उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार जनता की सेवा भी करेगी या नहीं?

चौधरी ने कहा कि गहलोत सरकार ज़िम्मेदारी से अपना पल्ला झाड़ नहीं सकती। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की भी उतनी ही ज़िम्मेदारी है, जितनी केंद्र की। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि गहलोत सरकार बिजली से लेकर फसल खरीद, प्रवासियों और टिड्डी दल सभी मामलों में केंद्र पर ही ज़िम्मेदारी थोपने की कोशिश करती है।

इससे पहले केंद्र सरकार ने टिड्डी दल पर चिन्ता जताई. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि केंद्र ने RKVY योजना के तहत 14 करोड़ रुपये राजस्थान सरकार को दिए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने ड्रोन से दवा छिड़कने की अनुमति ली है और जल्द ही यह काम शुरू हो जाएगा। चौधरी ने बताया कि यह पहला मौका होगा जब देश में ड्रोन से दवा छिड़काव होगा। 


राजस्थान के लिए 800 ट्रैक्टर भी दिए 

उन्होंने कहा कि दवा छिड़कने के लिए नई 55 गाड़ियां खरीद की प्रक्रिया जारी है। इन गाड़ियों पर लगाने के लिए ब्रिटेन से नई मशीन भी आ रही है। चौधरी ने कहा कि राजस्थान के लिए 800 ट्रैक्टर भी दिए हैं। उन्होंने बताया कि इसे एनडीआरएफ के तहत कवर किया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पहला मौका है, जब ट्रैक्टर किराये को भी एनडीआरएफ में शामिल किया गया है।

पेस्टीसाइड के लिए मेलाथिऑन 96% का स्टॉक 

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि पिछली बार राज्य सरकार की ढिलाई रही है। इसके चलते एसडीआरएफ के तहत फंड काम नहीं लिया। पेस्टीसाइड के लिए मेलाथिऑन 96% का स्टॉक है। तीन लाख लीटर का स्टॉक सरकार के पास मौजूद है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईराक और भारत में आपसी चर्चा है कि अभी और भी टिड्डी आने की आशंका जताई जा रही है।



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