जयपुर। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य के करीब 8.30 लाख सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत प्रदान की है। अब कोविड-19 की स्थिति में कार्मिकों को क्वॉरेंटाइन टाइम का अवकाश दिया जाएगा। वित्त विभाग ने इसके आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए सर्विस रूल्स-1951 में संशोधन किया है।
अभी तक ये बीमारियां ही थी शामिल
अभी तक हैजा, चेचक, प्लेग, डिप्थीरिया, टायफस बुखार, स्वाइन फ्लू और सेरेब्रोस्पिनल मेनिनजाइटिस रोग ही क्वॉरेंटाइन अवकाश में शामिल थे। ऐसी संक्रामक बीमारियों की स्थिति में सरकारी कार्मिकों को भी क्वॉरेंटाइन लीव मिलती थी। लेकिन अब सरकार ने कोविड-19 को भी क्वॉरेंटाइन अवकाश में शामिल कर लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित किया है। कोविड-19 की स्थिति में मेडिकल अथॉरिटी की सिफारिश पर क्वॉरेंटाइन लीव स्वीकृत की जा सकेगी। जिस कार्मिक ने 3 साल की नियमित सेवा पूरी नहीं की है, लेकिन वह कोविड-19 से संक्रमित है तो उसके लिए भी क्वॉरेंटाइन लीव स्वीकृत करने की राज्य सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है।
विशेषाधिकार प्राप्त अथॉरिटी करेगी अवकाश स्वीकृत
वित्त विभाग के सचिव हेमंत गेरा की ओर से जारी आदेश के अनुसार सीएमएचओ/ प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज की सिफारिश पर निर्धारित अवधि के लिए क्वॉरेंटाइन स्वीकृत किया जाएगा। इसके अलावा विशेष अधिकार प्राप्त अथॉरिटी भी अवकाश स्वीकृत कर सकेगी। गहलोत सरकार ने प्रोबेशनर्स सहित अन्य कार्मिकों को भी बड़ी राहत प्रदान की है। इससे पूर्व जिन कार्मिकों की 3 वर्ष की सेवा पूरी नहीं होती थी उन्हें क्वॉरेंटाइन अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाता था। लेकिन अब सरकार ने नियमों में संशोधन कर 3 साल की सेवा पूरी नहीं होने वाले कार्मिकों को भी क्वॉरेंटाइन अवकाश देकर बड़ी राहत प्रदान की है।
कर्मचारी संगठनों ने किया स्वागत
उल्लेखनीय है कि राज्य के विभिन्न कर्मचारी संगठन कोविड-19 को भी क्वॉरेंटाइन अवकाश में शामिल करने की मांग कर रहे थे। कर्मचारी नेता गजेंद्र सिंह राठौड़ ने राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया है। गजेंद्र राठौड़ का कहना है कि सरकार ने कर्मचारी कर्मचारियों के हित में यह निर्णय लिया है। हम इसका स्वागत करते हैं।

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