रविवार, 4 नवंबर 2018

क्या दीपावली मिलन समारोह के बहाने सत्ताधारी दल भाजपा द्वारा की जा रही है चुनिंदा मीडिया संस्थानों से खरीद—फरोख्त ?


जगजाहिर विशेष संपादकीय। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि दीपावली मिलन समारोह के बहाने सत्ताधारी भाजपा ने चुनिंदा मीडिया संस्थानों की खरीद—फरोख्त की जुगत बैठा ली है, और केवल  खरीद—फरोख्त करने के लिये चयनित मीडिया संस्थान व पत्रकारों को निमंत्रण देकर बुलाया गया।


 कोबरा पोस्ट के स्टिंग आॅपरेशन 136 की दूसरी किश्त में भी देश के कई मीडिया संस्थान सत्ताधारी दल के लिये चुनावी हवा तैयार करने के लिये सहमत नजर आये थे, इसमें तथाकथित नामी—गिरामी मीडिया संस्थानों के नाम भी उजागर किये गये थे, इनमें इंडिया टीवी, दैनिक जागरण, सब टीवी नेटवर्क (श्री अधिकारी ब्रदर्स टेलीविज़न नेटवर्क), ज़ी सिनर्जी एंड डीएनए, हिंदी खबर, 9एक्स टशन, समाचार प्लस, एचएनएन लाइव, पंजाब केसरी, स्वतंत्र भारत, स्कूपव्हूप, रेडिफ डॉट कॉम, आज (हिंदी डेली), साधना प्राइम न्यूज़, अमर उजाला, यूएनआई जैसे मीडिया जगत के बड़े नाम शामिल थे। जिन चार बिंदुओं पर पहली किश्त में खुफिया कैमरे की सहायता से कोबरा पोस्ट ने मीडिया घरानों का काला सच उजागर किया था, उन्हीं बिंदुओं को आधार बनाकर दूसरी किश्त में टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, हिंदुस्तान टाइम्स, ज़ी न्यूज़, स्टार इंडिया, नेटवर्क 18, सुवर्णा, एबीपी न्यूज़, दैनिक जागरण, रेडियो वन, रेड एफएम, लोकमत, एबीएन आंध्र ज्योति, टीवी-5, दिनामलार, बिग एफएम, के न्यूज़, इंडिया वॉयस, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस, पेटीएम, भारत समाचार, स्वराज एक्सप्रेस, बर्तमान, दैनिक संवाद, एमवीटीवी और ओपन मैग्जीन से संपर्क साधा था।


 राजनैतिक विश्लेषक राजेन्द्र सिंह गहलोत द्वारा जगजाहिर में अपने चुनावी विश्लेषण में आगाह किया था कि कांग्रेस और भाजपा दोनों बहुमत से दूर, तीसरे मोर्चे के सहयोग से बनेगी सरकार। उन्होंने यह भी लिखा कि राजस्थान के चुनाव में इस बार भाजपा को बहुमत के जादुई आंकड़ें से दूर रखनें में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की भूमिका अहम रहेगी, जिसे राजस्थान की जनता किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री के रूप में बर्दाश्त नहीं करना चाहती। इसी के साथ राजेन्द्र सिंह गहलोत ने चुनावी अभियान में मीडिया के रोल के बारे में खुलकर लिखा कि मीडिया का रोल इस चुनावी अभियान में हमेशा की तरह विज्ञापन मिलने या न मिलने के कारण या स्पेस परचेज के कारण ऐसा हो गया है मानों अवाम की जिंदगी की सार्थकता ही किसी भी पार्टी की सरकार बन जाने में है, चुनावों का तमाशा मीडिया के लिये विज्ञापनों का त्यौहार है, दीपावली का त्यौहार, जिसमें उसे गरीब अवाम के घर का अंधेरा दिखाई नहीं देता। इस बात पर मीडिया खामोश है कि चाहे सरकार किसी की भी बने अवाम को तो हमेशा की तरह महंगाई, गरीबी, बेकारी, बेरोजगारी, अच्छी चिकित्सा, अच्छी शिक्षा से महरूम जीवन ही जीना पड़ेगा, आमजन अभिशप्त है वोट डालने के बाद नारकीय जीवन जीने के लिये।


राजेन्द्र सिंह गहलोत का यह विश्लेषण इसलिये भी सार्थक और सटीक नजर आता है क्योंकि जगजाहिर के विशेष संवाददाता द्वारा इस शीर्षक से खबर दी गई कि भाजपा सरकार की पूरी लुटिया डुबोकर ही छोडेंगे मीडिया सलाहकार महेन्द्र भारद्वाज, महेन्द्र भारद्वाज पर हमेशा यह भी आरोप रहा है कि वह स्वंय कभी भी एक सिद्धहस्त पत्रकार नहीं रहे ​बल्कि मीडिया मैनेजर की भूमिका में ही रहे हैं और इसी भूमिका के कारण वसुन्धरा राजे ने उन्हें अपना मीडिया सलाहकार नियुक्त किया, और उन्होंने मीडिया सलाहकार बनते ही चाटुकार, चापलूस मीडिया संस्थानों और पत्रकारों के अलावा किसी का नियमानुसार काम नहीं किया।


अब विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के मीडिया सलाहकार महेन्द्र भारद्वाज द्वारा दीपावली मिलन समारोह के बहाने सत्ताधारी दल भाजपा के लिये की जा रही है चुनिंदा मीडिया संस्थानों से खरीद—फरोख्त, जिसके जरिये मीडिया में छाई रहे भाजपा, सर्वे में बताया जाये भाजपा को आगे, गुणगान किये जायें भाजपा के और बदले में चुनिंदा मीडिया संस्थानों को दी जाये एक मोटी राशि जिससे उनके मीडिया संस्थान  और वह खुद फलते—फूलते रहें, चाहे जनता रोती रहे, और  राजनैतिक पार्टियां  गरीब जनता के आसुंओं पर कुम्भकर्णी ठहाके लगाती रहे। लेकिन बड़े दुख के साथ जगजाहिर करना पड़ रहा है कि  राजनैतिक पार्टियां चुनिंदा मीडिया संस्थानों से खरीद—फरोख्त कर गरीब जनता के घरों में अंधेरा कर खुद मना रही है दीपावली मिलन समारोह के बहाने दीपावली ।


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