जयपुर। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डाॅ. जोगाराम ने आचार संहिता लगते ही सावचेत कर दिया था कि झूठी सूचना देकर चुनाव डयूटी निरस्त करवाने वालों और करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा और अगर अपवादस्वरूप कोई ऐसा कृत्य करते पाया गया तो उसे दंडित किया जायेगा।
डाॅ. जोगाराम ने कहा था कि जिला चुनाव अधिकारी अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए चुनाव डयूटी लगाते है और डयूटी निरस्त करने का आवेदन होने पर उसका उचित कारण पाये जाने पर निरस्त भी कर सकते है, लेकिन अगर किसी ने डयूटी निरस्त करने के कारणों में गलत सूचना देकर डयूटी निरस्त करवाई तो जिसने डयूटी निरस्त करवाई और जिसने डयूटी निरस्त की, उन दोनों को बख्शा नहीं जायेगा, और नियमानुसार उचित विभागीय और कानूनी कार्यवाही की जायेगी, इससे जनता के बीच भी यह संदेश जायेगा कि किसी भी सक्षम अधिकारी ने उचित कारण पाया होगा तभी डयूटी निरस्त की है, यह अफवाह जो अमूमन ऐसे माहौल में फैला दी जाती है कि पैसा देकर डयूटी निरस्त करवाई जा सकती है,वह भ्रामक और असत्य कथनों के अतिरिक्त और कुछ नहीं है, और अगर अपवादस्वरूप कोई ऐसा कृत्य करते पाया गया तो उसे दंडित किया जायेगा।
अब जबकि विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर चुनाव ड्यूटी लगने और कैंसिल कराने की प्रक्रिया जारी है। इस बीच झुंझुनू जिला निर्वाचन अधिकारी का सख्त रवैया काबिले तारीफ है जिसमें उन्होंने आदेश दिया है कि मतदान दलों में नियुक्त कर्मचारियों के बड़ी संख्या में ड्यूटी निरस्त करने के आवेदन सीधे ही जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में आ रहे हैं, जो
आवेदन संबंधित विभागाध्यक्ष की टिप्पणी के साथ जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय भिजवाए जाएं, जिसमें उस सरकारी कर्मचारी के पिछले 6 माह में लिए गए मेडिकल अवकाशों का भी ब्योरा दिया जाए ताकि बीडीके अस्पताल में गठित मेडिकल बोर्ड से उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए।
झुंझुनू जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश में यह भी है कि आवेदन पत्रों के परीक्षण के बाद यह पता चला है कि कुछ अधिकारी कर्मचारी स्वास्थ्य कारणों से राजकीय कार्यों को करने में समर्थ नहीं है, ऐसे में इन कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया अमल में लाई जाए और मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का अंकन उनके सेवा अभिलेख में किया जाए।
इस आदेश के बाद झूठी सूचना व नकली मेडिकल सर्टिफिकेट पेश कर ड्यूटी निरस्त कराने वाले कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है और अब ऐसे आवेदनों की संख्या कम हो रही है ।
हालांकि झूठे और चुनाव ड्यूटी से बचने के लिये झूठे व नकली मेडिकल सर्टिफिकेट पेश करने वाले बेईमान कर्मचारियों का एक वर्ग इस आदेश को हठधर्मितापूर्ण रवैया मानते हुए इसका विरोध भी कर रहा है जिससे यह आदेश विवाद और चर्चाओं में आ गया है, लेकिन यह आदेश अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डाॅ. जोगाराम के आदेश की पूर्ण ईमानदारी से पालना के तहत ही पारित किया गया लगता है, जिसके लिये ब्झुंझुनू जिला निर्वाचन अधिकारी को सम्मानित कर इस आदेश का विरोध करने वालों पर कठोर से कठोर विभागीय और कानूनी कार्यवाही नियमानुसार अमल में लाई जानी चाहिये।

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