जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद से कांग्रेस और बीजेपी में बगावत जारी है। इसी बीच बीजेपी ने 11 बागी सदस्यों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशियों के विरुद्ध चुनाव लडऩे के कारण इन 11 बागी सदस्यों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। पार्टी से बाहर किए गए नेताओं में चार मंत्री भी शामिल हैं।
जैतारण विधानसभा से सुरेन्द्र गोयल, मारवाड़ जंक्शन से लक्ष्मीनारायण दबे, श्रीगंगानगर से राधेश्याम गंगानगर, थानागाजी से हेमसिंह भड़ाना, रतनगढ़ से राजकुमार रिणवां, सुजानगढ़ से रामेश्वर भाटी, विराटनगर से कुलदीप धनकड़, फुलेरा से दीनदयाल, श्रीडूंगरगढ़ से किशनाराम नाई, बांसवाडा से धनसिंह रावत, डूंगरपुर से अनिता कटारा शामिल हैं।
बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद से ही पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया था, क्योंकि कई दिग्गज नाम चुनाव के लिए टिकट पाने में विफल रहे थे। राज्य सरकार में मंत्री सुरेंद्र गोयल ने राजस्थान इकाई के अध्यक्ष मदनलाल सैनी को इस्तीफा भेज दिया था। गोयल ने इस्तीफे में कहा था कि वह बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। वे बीजेपी से पांच बार विधायक रहे हैं। बीजेपी के पूर्व महासचिव कुलदीप धनकड़ ने भी चुनाव में उपेक्षित किए जाने के बाद पार्टी छोड़ दी थी। इसके अलावा नागौर से विधायक हबीबुर रहमान ने भी पार्टी छोड़ दी थी।
इससे पहले पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश में भी बीजेपी ने 53 बागियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था। इनमें से अधिकतर पहले ही पार्टी छोडक़र चुनाव मैदान में या तो कांग्रेस की टिकट पर या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। मध्य प्रदेश में पार्टी से बाहर किए गए नेताओं में सरताज सिंह, रामकृष्ण कुष्मारिया, नरेंद्र कुशवाहा, समीक्षा गुप्ता, लता मस्की, धीरज पटेरिया, राजकुमार यादव के नाम शामिल हैं।
टिकट न मिलने से नाराज नेताओं पर बीजेपी की यह तीखी कार्रवाई दिखाती है कि पार्टी चुनावों में किसी भी तरह से बागियों को बर्दाश्त नहीं करने वाली है।


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