शुक्रवार, 8 जून 2018

प्रणब मुखर्जी के भाषण से सब गदगद, कांग्रेस की बेचैनी खत्म, भाजपा की रणनीतिक चुप्पी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में संबोधन से हर कोई गदगद है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जहां मुखर्जी के संबोधन को 5000 साल पुरानी सभ्यता का याद दिलाना बताया है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि मुखर्जी ने संघ और भाजपा को आईना दिखाया है. शुक्रवार सुबह वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने एक ट्वीट कर कहा कि खुश हूं कि प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस को यह बताया कि कांग्रेस की विचारधारा में सही क्या है और यह कहने का उनका अपना तरीका था कि आरएसएस की विचारधारा में गलत क्या है. ध्यान रहे कि चिदंबरम ने पूर्व में कहा था कि प्रणब मुखर्जी ने अगर आरएसएस के कार्यक्रम में जाने का फैसला कर लिया है तो वे वहां जायें और बतायें कि उनकी विचारधारा में गलत क्या है. वहीं, आनंद शर्मा ने कहा कि मुखर्जी के भाषण से उनका कद और ऊंचा हो गया.



वहीं, भाजपा की ओर से आधिकारिक रूप से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. न इस संबंध में ट्वीट कर कुछ कहा गया है और न ही उसके शीर्ष नेतृत्व में शुमार नेताओं की कोई प्रतिक्रिया आयी है. हां, टीवी चैनलों पर प्रवक्ताओं ने अपनी बात रखी है. हालांकि संगठन मंत्री रामलाल ने अपने ट्विटर हैंडल से प्रणब मुखर्जी के कार्यक्रम से जुड़े आरएसएस के कई ट्वीट को रि ट्वीट कर अपनी मंशा जाहिर की है. भले वे सीधे तौर पर कुछ कहने से बचें हों. उन्होंने संघ संस्थापक डॉ हेडगेवार को मुखर्जी द्व्रारा भारत मां का महान सपूत बताये जाने वाले ट्वीट को रि ट्वीट किया है. संघ व उसकी वैचारिक ऊर्जा से संचालित होने वाली भारतीय जनता पार्टी इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही है.

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