किसानों को 2371 करोड़ रुपये का मिला खरीफ फसली ऋण
वसुन्धरा राजे द्वारा किसान हित में लागू की गई ऋण माफी योजना देश में अपने आप में अनूठी है क्योंकि इस योजना में किसान का न केवल 50 हजार रुपये तक का फसली ऋण ही माफ नहीं किया है बल्कि उसके भविष्य को सुरक्षित करने के लिये खरीफ की फसल के लिये शिविर में ही ऋण के आवेदन लिये जा रहे हैं।
जयपुर । सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बताया कि प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर आयोजित हो रहे ऋणमाफी शिविरों में अबतक 33 हजार 134 किसानों का 94.34 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण माफ कर ऋण माफी के प्रमाण पत्र वितरित किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को खरीफ फसली चक्र के लिये अबतक 2 हजार 371 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है और किसानों की खरीफ की फसल के लिये ऋण आवश्यकता को पूरा करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी जायेगी।
अनूठी है फसली ऋण माफी योजना
किलक ने बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा किसान हित में लागू की गई ऋण माफी योजना देश में अपने आप में अनूठी है क्योंकि इस योजना में किसान का न केवल 50 हजार रुपये तक का फसली ऋण ही माफ नहीं किया है बल्कि उसके भविष्य को सुरक्षित करने के लिये खरीफ की फसल के लिये शिविर में ही ऋण के आवेदन लिये जा रहे हैं। शिविर के दौरान ही ऋण भी स्वीकृत हो रहे हैं। इससे हम किसान को दोहरी मदद दे रहे हैं।
मूलधन के साथ ब्याज और शास्ति भी माफ
सहकारिता मंत्री ने बताया कि 25676 लघु एवं सीमान्त किसानों के ऋण माफी राशि में 70.97 करोड़ रुपये का मूलधन, 2.86 करोड़ रुपये ब्याज एवं 42.63 लाख रुपये शास्ति सहित कुल 74.26 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया है। जबकि 7458 अन्य किसानों का 20.09 करोड़ रुपये का ऋण माफ हुआ।
उन्होंने बताया कि इन शिविरों में किसानों को उनकी पात्रता के अनुसार ऋण स्वीकृत किया जा रहा है और 3 हजार 652 किसानों द्वारा नये ऋण के लिये आवेदन करने पर 16.48 करोड़ रुपये से अधिक का फसली ऋण भी स्वीकृत किया गया। नये ऋण लेने वाले किसानों को राज सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के तहत 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर का लाभ दिया जा रहा है।
मूल ऋण माफी तक स्वीकृत करा सकते हैं नया ऋण
किलक ने बताया कि किसान आवेदन कर मूल ऋण माफी तक का अतिरिक्त नवीन ऋण स्वीकृत करा सकता है और मूल ऋण माफी के बाद शेष बकाया मूल ऋण जमा कराये जाने पर किसान का उतना ही ऋण पुनः स्वीकृत किया जा रहा है।
वसुन्धरा राजे द्वारा किसान हित में लागू की गई ऋण माफी योजना देश में अपने आप में अनूठी है क्योंकि इस योजना में किसान का न केवल 50 हजार रुपये तक का फसली ऋण ही माफ नहीं किया है बल्कि उसके भविष्य को सुरक्षित करने के लिये खरीफ की फसल के लिये शिविर में ही ऋण के आवेदन लिये जा रहे हैं।
जयपुर । सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बताया कि प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर आयोजित हो रहे ऋणमाफी शिविरों में अबतक 33 हजार 134 किसानों का 94.34 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण माफ कर ऋण माफी के प्रमाण पत्र वितरित किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को खरीफ फसली चक्र के लिये अबतक 2 हजार 371 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है और किसानों की खरीफ की फसल के लिये ऋण आवश्यकता को पूरा करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी जायेगी।
अनूठी है फसली ऋण माफी योजना
किलक ने बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा किसान हित में लागू की गई ऋण माफी योजना देश में अपने आप में अनूठी है क्योंकि इस योजना में किसान का न केवल 50 हजार रुपये तक का फसली ऋण ही माफ नहीं किया है बल्कि उसके भविष्य को सुरक्षित करने के लिये खरीफ की फसल के लिये शिविर में ही ऋण के आवेदन लिये जा रहे हैं। शिविर के दौरान ही ऋण भी स्वीकृत हो रहे हैं। इससे हम किसान को दोहरी मदद दे रहे हैं।
मूलधन के साथ ब्याज और शास्ति भी माफ
सहकारिता मंत्री ने बताया कि 25676 लघु एवं सीमान्त किसानों के ऋण माफी राशि में 70.97 करोड़ रुपये का मूलधन, 2.86 करोड़ रुपये ब्याज एवं 42.63 लाख रुपये शास्ति सहित कुल 74.26 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया है। जबकि 7458 अन्य किसानों का 20.09 करोड़ रुपये का ऋण माफ हुआ।
उन्होंने बताया कि इन शिविरों में किसानों को उनकी पात्रता के अनुसार ऋण स्वीकृत किया जा रहा है और 3 हजार 652 किसानों द्वारा नये ऋण के लिये आवेदन करने पर 16.48 करोड़ रुपये से अधिक का फसली ऋण भी स्वीकृत किया गया। नये ऋण लेने वाले किसानों को राज सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के तहत 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर का लाभ दिया जा रहा है।
मूल ऋण माफी तक स्वीकृत करा सकते हैं नया ऋण
किलक ने बताया कि किसान आवेदन कर मूल ऋण माफी तक का अतिरिक्त नवीन ऋण स्वीकृत करा सकता है और मूल ऋण माफी के बाद शेष बकाया मूल ऋण जमा कराये जाने पर किसान का उतना ही ऋण पुनः स्वीकृत किया जा रहा है।

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