बुधवार, 20 जून 2018

किसानों से 194 करोड रूपये की खरीदी लहसुन

जयपुर । सहकारिता मंत्री  अजय सिंह किलक ने  बताया कि राजफैड द्वारा 16 हजार 228 किसानों से बाजार हस्तक्षेप योजना से 194.52 करोड रूपये की लहसुन खरीद की गई है। कोटा, बांरा, बून्दी, प्रतापगढ, झालावाड, चित्तौडगढ एवं जोधपुर में 28 केन्द्रों पर 59 हजार 722 मै.टन की लहसुन खरीद हो चुकी है।

18 जून तक बेचने वाले सभी किसानों को हुआ भुगतान

                उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने 18 जून तक लहसुन की उपज बेची थी उनके बैंक खातो में ऑनलाईन भुगतान कर दिया गया है। इस प्रकार 15 हजार 669 किसानों को 183.23 करोड रूपये का भुगतान किया जा चुका है। तथा शेष किसानों का भुगतान भी एक सप्ताह के भीतर कर दिया जायेगा। प्रारम्भ में 11 केन्द्रों पर खरीद शुरू की गई थी जिसे किसानों की मांग के अनुसार बढाकर 28 किया गया।

सुगम एवं पारदर्शी तरीके खरीद एवं भुगतान

        किलक ने बताया कि किसानों से 3257 रूपये प्रति क्विन्टल की दर से लहसुन खरीदा जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों से सुगम एवं पारदर्शी खरीद के लिए ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन से खरीद प्रक्रिया अपनाई गई है जिसमें किसान ने गिरदावरी एवं भामाशाह कार्ड के द्वारा ई-मित्र अथवा खरीद केन्द्र से अपना पंजीयन करवाया। पंजीयन के बाद किसान को उसके पंजीकृत मोबाईल नम्बर पर तुलाई दिनांक की सूचना का मैसेज भेजा गया और किसान द्वारा निर्धारित तिथि को लहसुन बैचान के बाद त्वरित ही उसके पंजीकृत बैंक खाते में ऑनलाईन भुगतान किया गया।

नेफेड के माध्यम से बेचा जा रहा लहसुन

       सहकारिता मंत्री ने बताया कि किसानों से खरीदे गये लहसुन को भारत सरकार के निर्देशानुसार राजस्थान से बाहर बेचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि लहसुन 200 रूपये से 1100 रूपये प्रति क्विन्टल की दर राजफैड को प्राप्त हो रही है। उन्होंने बताया कि किसानों के हित में की जा रही इस खरीद में हानि को राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाजार भाव लहसुन का 5 से 10 रूपये किसानों को मिल रहा था ऐसे में किसानों को उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिए सरकार ने लहसुन खरीद कर रही है।

शान्ति बाई को 3 दिन में हुआ भुगतान

       बांरा की रहने वाली शान्ति बाई का कहना है कि सरकार ने लहसुन खरीद कर मेरे परिवार को बहुत बडा सहारा दिया है। उसका कहना  है कि जब हमें सरकार द्वारा लहसुन खरीद की सूचना मिली तुरन्त हमनें 8 मई को पंजीयन कराया।

       उसका कहना है कि पंजीयन के समय हमनें मोबाईल नम्बर भी पंजीकृत कराया था। हमे मोबाईल पर सूचना मिली कि 12 मई को खरीद केन्द्र पर लहसुन तुलाई के लिए आयें। 12 मई को लहसुन लेकर केन्द्र पर पहॅूचे और लहसुन तुलवाई। लहसुन तुलवाने के दो दिन बाद 15 मई को हमारे खाते में ऑनलाईन भुगतान प्राप्त हुआ।

       शान्ति बाई का कहना था कि हमनें जब खाते में चेक किया तो 123766 रूपये की राशि जमा थी। उसने बताया कि हमारी खुशी का ठीकाना नहीं था क्योंकि हमनें 38 क्विन्टल लहसुन एकसाथ  बेचा और दो दिन बाद ही एकमुश्त भुगतान भी प्राप्त हो गया।

           इसी प्रकार कोटा खरीद केन्द्र पर संतोष बाई ने 26 अप्रेल को पंजीयन करवाया। उसने 28 अप्रेल को खरीद केन्द्र पर लहसुन की तुलाई करवाई तथा राजफैड ने 15 मई को उसके खाते में 68397 रूपये ऑनलाईन जमा करवाये। राजफैड की इस खरीद से किसानों को राहत मिली है।

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