जयपुर। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी दाती महाराज की किसी भी वक्त गिरफ्तारी हो सकती है। दिल्ली क्राइम ब्रांच उनसे पूछताछ कर सकती है। दाती की मुश्किलें अब लगातार बढ़ सकती हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच दाती महाजात के पेश होने का नोटिस दे चुकी है लेकिन पेश नहीं होने से अब गिरफ्तार हो सकती है।
'शनि शत्रु नहीं-मित्र है' का स्लोगन देने वाले दाती महाराज को आज शायद हर कोई शत्रु की नजर से ही देख रहा होगा। शनि की पूजा करने वाले दाती महाराज का खुद का शनि गड़बड़ा गया है। पाली के आलावास में 10 जुलाई 1950 को जन्में दाती महाराज के बचपन का नाम मदन था। मदन के जन्म के कुछ दिनों बाद मां का देहावसान हो गया।
मां की मौत के बाद मदन के पिता ने दूसरी शादी कर ली थी जिसके बाद मदन दिल्ली में आकर बस गया। दिल्ली में कुछ दिन मजदूरी की दिहाड़ी पर काम किया। ये वक्त मदन के लिए काफी मुश्किलों से भरा था। ना तो पिता का साथ था ना माता का हाथ। दिन बस गुजरते जा रहे थे।
1996 में मदन एक ज्योतिषी के संपर्क में आ गया जहां से मदन ने उनसे कुंडली देखने के गुण सीख लिए। यहां से मदन की पूरी जिंदगी बदल चुकी थी अब वो मदन के नाम से नहीं बल्कि दाती के नाम से जाने जाते थे। लोगों की कुंडली देख कर भविष्य बदलने की बात ने लोगों को भगवान बना दिया।
इसकी शुरूआत उस वक्त हुई जब एक दाती ने एक नामी शख्स के लिए भविष्यवाणी की थी और वो सच साबित हुई। इस भविष्यवाणी ने दाती की किस्मत को पूरी तरह से बदल दिया। दाती ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। शनि की पूजा और शनि शत्रु नहीं- मित्र है कि स्लोगन ने लोगों को सर आखों पर बैठाया।
दाती महाराज की देश भर में करोड़ों की संपत्ति है। दिल्ली के पॉश छतरपुर इलाके के फतेहपुर बेरी में शनिधाम उसके पास में ही दाती का एक फार्म हाउस है। राजस्थान के पाली के आलावास में 15 बीघा में आश्वासन बालग्राम, पाली के खेतावास में 30 बीघा में श्रीसिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम। दाती महाराज के देशभर में कई आश्रम और शक्तिपीठ है।
वहीं अब दाती महाराज पर दिल्ली स्थित उन्ही के आश्रम की एक लड़की ने दुष्कर्म का आरोप लगया है। पीड़ित लड़की ने दाती महाराज के हर काले कारनामे को उजागर किया है वहीं पुलिस लगातार दाती के गिरफ्तारी की प्रयास कर रही है।
'शनि शत्रु नहीं-मित्र है' का स्लोगन देने वाले दाती महाराज को आज शायद हर कोई शत्रु की नजर से ही देख रहा होगा। शनि की पूजा करने वाले दाती महाराज का खुद का शनि गड़बड़ा गया है। पाली के आलावास में 10 जुलाई 1950 को जन्में दाती महाराज के बचपन का नाम मदन था। मदन के जन्म के कुछ दिनों बाद मां का देहावसान हो गया।
मां की मौत के बाद मदन के पिता ने दूसरी शादी कर ली थी जिसके बाद मदन दिल्ली में आकर बस गया। दिल्ली में कुछ दिन मजदूरी की दिहाड़ी पर काम किया। ये वक्त मदन के लिए काफी मुश्किलों से भरा था। ना तो पिता का साथ था ना माता का हाथ। दिन बस गुजरते जा रहे थे।
1996 में मदन एक ज्योतिषी के संपर्क में आ गया जहां से मदन ने उनसे कुंडली देखने के गुण सीख लिए। यहां से मदन की पूरी जिंदगी बदल चुकी थी अब वो मदन के नाम से नहीं बल्कि दाती के नाम से जाने जाते थे। लोगों की कुंडली देख कर भविष्य बदलने की बात ने लोगों को भगवान बना दिया।
इसकी शुरूआत उस वक्त हुई जब एक दाती ने एक नामी शख्स के लिए भविष्यवाणी की थी और वो सच साबित हुई। इस भविष्यवाणी ने दाती की किस्मत को पूरी तरह से बदल दिया। दाती ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। शनि की पूजा और शनि शत्रु नहीं- मित्र है कि स्लोगन ने लोगों को सर आखों पर बैठाया।
दाती महाराज की देश भर में करोड़ों की संपत्ति है। दिल्ली के पॉश छतरपुर इलाके के फतेहपुर बेरी में शनिधाम उसके पास में ही दाती का एक फार्म हाउस है। राजस्थान के पाली के आलावास में 15 बीघा में आश्वासन बालग्राम, पाली के खेतावास में 30 बीघा में श्रीसिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम। दाती महाराज के देशभर में कई आश्रम और शक्तिपीठ है।
वहीं अब दाती महाराज पर दिल्ली स्थित उन्ही के आश्रम की एक लड़की ने दुष्कर्म का आरोप लगया है। पीड़ित लड़की ने दाती महाराज के हर काले कारनामे को उजागर किया है वहीं पुलिस लगातार दाती के गिरफ्तारी की प्रयास कर रही है।

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