जयपुर, । कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार ईमानदारी से किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 75 फीसदी किसान हैं, इसलिए उनके हितों की रक्षा करना, सरकार का दायित्व है।सैनी प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि विभिन्न किसान संघों द्वारा सरकार को दिए गए ज्ञापन में विभिन्न मांगों के साथ सम्पूर्ण कर्ज माफी की भी मांग की गई थी। किसानों के कर्ज माफी का उचित समाधान निकालने के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के निर्देश पर पहली बार 11 सदस्यीय हाईपावर समिति का गठन किया। यह समिति अन्य राज्यों में माफ किए गए कृषि ऋण माफी का परीक्षण करके, अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस समिति द्वारा प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर सरकार किसानों के हितों में किसानों के कर्ज माफी सम्बंधी विषय पर फैसला लेगी। उन्होंने बताया कि कर्नाटक में हुए किसान कर्ज माफी का अध्ययन करने के लिए वहां एक दल भेजा जा रहा है। सरकार किसानों के कर्ज माफी पर देश में अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करना चाहती है।
कृषि मंत्री सैनी ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण भारत सरकार के कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा किया जाता है। भारत सरकार द्वारा बताया कि गया कि न्यूतनम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए मापदंड बनाए हुए हैं, जिन्हें पूरा करने पर ही किसी कृषि उपज का न्यूतनम समर्थन मूल्य तय किया जाता है। सैनी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा उन्हीं फसलों का न्यूतनम समर्थन मूल्य तय किया जाता है, जिनका उपभोग राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है और ऎसी फसलें जो जल्दी खराब नहीं होती हों तथा जो खाद्य सुरक्षा से जुड़ी हों।
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