प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा लग रहा है कि ठान लिया है कि वे हर मसले पर मीडिया को गलत साबित करेंगे। मई 2014 में पहला मंत्रिमंडल बनने के समय जरूर मीडिया सही साबित हुआ था और मंत्रियों के नाम पहले बता दिए थे। लेकिन उसके बाद हुई तीन फेरबदल में हर बार मीडिया का अनुमान गलत साबित हुआ। राष्ट्रपति से लेकर राज्यपालों तक की नियुक्ति में भी मीडिया ने जिसका नाम बताया, उसे नहीं चुना गया। कई जानकारों का इस बारे में यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी मीडिया को गलत साबित नहीं करते हैं, बल्कि बार बार मीडिया को खबर लीक करने वाले अपने कुछ बड़े नेताओं को सबक देते हैं।बहरहाल, प्रधानमंत्री चाहे जो करते हों, लेकिन यह हकीकत है कि अब भाजपा के नेता मीडिया वालों के सामने हाथ जोड़ने लगे हैं कि उनका नाम किसी पद के लिए नहीं चलाया जाए। मीडिया में नाम आने का मतलब होता है, पद नहीं मिलना। केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति ने दशहरा के दिन पांच राज्यों और एक उपराज्यपाल की नियुक्ति की। इनमें से कोई भी नाम मीडिया ने नहीं बताया था।
मीडिया की चर्चाओं के मुताबिक कलराज मिश्र, लालजी टंडन, विजय कुमार मल्होत्रा, कैलाश जोशी, सीपी ठाकुर, जीतन राम मांझी, बीएस बस्सी, जनरल दलवीर सिंह सुहाग आदि राज्यपाल बनाए जाने वाले थे। लेकिन इनमें से किसी को राजभवन नहीं भेजा गया और बिल्कुल नए और काफी हद तक अनजाने लोगों को राज्यपाल बना दिया गया।
इसी तरह मंत्रिमंडल की फेरबदल में भी मीडिया की भद्द पिटी थी। मीडिया में राम माधव से लेकर मुरलीधर राव, प्रभात झा, विनय सहस्त्रबुद्धे, महेश गिरी, ओम माथुर, भूपेंद्र यादव और पता नहीं किन किन नेताओं के नाम चल रहे थे। सहयोगी पार्टियों की ओर से आरसीपी सिंह, संतोष कुशवाहा, थंबीदुरैई, सुजान चौधरी, अनिल देसाई आदि के नाम चल रहे थे। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इनमें से किसी को मंत्री नहीं बनाया। उन्होंने चार अधिकारियों को मंत्री बनाया, जिनमें से किसी का नाम मीडिया में नहीं आया था।
ऐसे ही राष्ट्रपति के मामले भी हुआ। बिहार के उस समय के राज्यपाल रामनाथ कोविंद का नाम कहीं चर्चा में नहीं था। द्रौपदी मुर्मु से लेकर थावरचंद गहलोत तक दर्जनों दलित, आदिवासी नेताओं के नाम दिखाए गए थे। उप राष्ट्रपति के मामले में जरूर वेंकैया नायडू के नाम की चर्चा थी। ऐसा शायद इसलिए था क्योंकि वेंकैया खुद मीडिया के बहुत प्रिय रहे हैं और हमेशा खबरों में रहते थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें