पटना। चम्पारण के किसानों को केंद्र सरकार ने चम्पारण शताब्दी के उपलक्ष्य पर किसानों को सौगात दिया है। महात्मा गांधी की जयंती पर केन्द्र सरकार ने चम्पारण में बापूधाम मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी की स्थापना का निर्णय लिया है। केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने दूध उत्पादक किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए किया है। इसका उद्घाटन केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने एक समारोह में किया। कम्पनी पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज जिला में व्यवसाय करेगी। कम्पनी इन तीनों जिलों के किसानों के उत्पादित दूध को खरीदेगी और मवेशियों के नस्ल सुधार सहित अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को लाभान्वित करेगी। पहले चरण में कम्पनी ने पूर्वी चम्पारण के 13 गांवों में दूध खरीद केन्द्र को स्थापित किया है। एक महीने के अन्दर दिल्ली की नामी संस्था मदर डेयरी भी अपना प्लांट यहां लगाएगी। जानकारों का मानना है कि मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी की स्थापना से किसानों को उसकी मवेशियों के दूध का उचित दाम मिल सकेगा। इससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी और नई तकनीक की भी जानकारी मिलेगी। तकनीक का इस्तेमाल से किसानों को इसका फायदा मिलेगा।मंगलवार, 3 अक्टूबर 2017
केंद्र सरकार ने चम्पारण के किसानों को दिया सौगात
पटना। चम्पारण के किसानों को केंद्र सरकार ने चम्पारण शताब्दी के उपलक्ष्य पर किसानों को सौगात दिया है। महात्मा गांधी की जयंती पर केन्द्र सरकार ने चम्पारण में बापूधाम मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी की स्थापना का निर्णय लिया है। केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने दूध उत्पादक किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए किया है। इसका उद्घाटन केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने एक समारोह में किया। कम्पनी पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज जिला में व्यवसाय करेगी। कम्पनी इन तीनों जिलों के किसानों के उत्पादित दूध को खरीदेगी और मवेशियों के नस्ल सुधार सहित अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को लाभान्वित करेगी। पहले चरण में कम्पनी ने पूर्वी चम्पारण के 13 गांवों में दूध खरीद केन्द्र को स्थापित किया है। एक महीने के अन्दर दिल्ली की नामी संस्था मदर डेयरी भी अपना प्लांट यहां लगाएगी। जानकारों का मानना है कि मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी की स्थापना से किसानों को उसकी मवेशियों के दूध का उचित दाम मिल सकेगा। इससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी और नई तकनीक की भी जानकारी मिलेगी। तकनीक का इस्तेमाल से किसानों को इसका फायदा मिलेगा।
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