शनिवार, 7 अक्टूबर 2017

विधानसभा सत्र में पेश होंगे 6 बिल, ओबीसी संशोधन बिल का नाम शामिल नहीं

राजस्थान विधानसभा का आगामी सत्र 23 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। इसके लिए बुधवार को मंत्रिमण्डल के सामने विधानसभा के आगामी सत्र में आने वाले 6 विधेयकों का प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। लेकिन इन 6 बिल में ओबीसी संशोधन बिल का नाम शामिल नहीं है।
आगामी सत्र में राजस्थान स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट रेस्पॉन्सिबिलिटी बिल-2017, राजस्थान लैण्ड रेवेन्यू अमेंडमेंट एंड वेलिडेशन (रिपील) बिल-2017, राजस्थान रिलीफ अंडरटेकिंग्स (स्पेशल प्रोविजंस) (अमेंडमेंट) बिल-2017, राजस्थान लेजिस्लेटिव असेम्बली मेम्बर्स (प्रीवेंशन ऑफ डिसक्वालिफिकेशन) बिल-2017, कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (राजस्थान अमेंडमेंट) बिल-2017 तथा क्रिमिनल लॉज (राजस्थान अमेंडमेंट) बिल-2017 प्रस्तुत किए जाएंगे।
लेकिन आश्चर्य की बात है कि इन 6 बिलों में कहीं भी प्रदेश में ओबीसी का कोटा 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने वाले ओबीसी संशोधन बिल का नाम नही हैं। जबकि गुर्जरों का दावा है कि सरकार ने उनसे वादा किया है कि आगामी विधानसभा सत्र में गुर्जरों समेत पांच जातियों के लिए ओबीसी कोटे में अलग से पांच प्रतिशत का प्रावधान करने वाले बिल को रखा जायेगा। हालांकी कहा जा रहा है कि सरकार इस बिल को विधानसभा में लाने की तैयारी में थी लेकिन अचानक दो लोकसभा उपचुनाव और एक विधानसभा उपचुनावों ​ने सारी गणित बिगाड़ दी है। इन ​तीनों लोकसभा सीटों में से एक सीट अजमेर की भी है जहां कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट की अहम भूमिका रहेगा चाहे वो खुद इस सीट पर चुनाव लडें या किसी अन्य को चुनाव लडवायें।
अजमेर लोकसभा को गुर्जर बाहुल्य सीट भी माना जाता है। ऐसे में इन चुनावों की गणित के चलते ही इस विधेयक का नाम सामने नहीं लाया गया। कहा जा रहा है कि उपचुनावों के गुणा भाग के चलते ही इस विधेयक को एक बारगी रोका गया है। इस विधेयक के जरिये प्रदेश भाजपा गुर्जर समुदाय को ये बताना चाहेगी कि भाजपा ही गुर्जर समाज के लिए इस बिल को पास करवा रही है।


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