गुरुवार, 5 अक्टूबर 2017

नालंदा के दंपति का दावा, पाकिस्तान से आई गीता उनकी ही बेटी है

नालंदा के बरबीघा के रहनेवाले एक दंपती ने दावा किया है कि पंजाब के करनाल में ट्रेन में छूटी उनकी बच्ची ही गीता है। गीता दो साल पहले पाकिस्तान से लौटी थी। गीता पिछले दो साल से अपने परिजनों से मिलने को बेचैन है।
गीता को अपनी बेटी बताने का दावा करने वाले दंपती बरबीघा मिशन ओपी से सटे नालंदा जिले के सारे थाना के अलीनगर निवासी रामस्वरूप चौधरी और चिंता देवी हैं। चिंता देवी ने बताया कि गीता उनकी खोई हुई बेटी पूजा है और जब उनकी बेटी को हमारी तस्वीर दिखाई जाएगी तो वह हमें पहचान लेगी।
गीता की तस्वीर मोबाइल पर दिखाए जाने के बाद पड़ोसी श्याम देवी, मनोरम देवी, मोहन चौधरी इत्यादि ने भी गीता को पहचानने का दावा किया और कहा कि गीता अपने माता-पिता को तुरंत पहचान जाएगी। दरअसल रविवार को विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने बिहार और झारखंड के मुख्यमंत्री से विशेष आग्रह कर गीता के परिजनों के तलाश करने का निवेदन किया था।
सुषमा स्वराज की विशेष पहल के बाद देश लौटी गीता के परिवार वालों को खोजने में सरकार भी दो साल में असफल रही। कई लोग गीता को अपनी संतान होने का दावा कर चुके हैं, लेकिन डीएनए की जांच में अब तक सारे दावेदार फेल हो चुके हैं।
विदेश मंत्री ने इन दोनों राज्यों से ही गीता के संबंध होने का हवाला देते हुए समाचार माध्यमों पर खबर चलाये जाने की अपील की थी। परिजनों को खोजने वाले को एक लाख रुपए ईनाम की भी घोषणा विदेशमंत्री ने की है।
कहा- हमारी तस्वीर देख पहचान जाएगी गीता
चिंता देवी ने बताया कि बारह-चौदह साल पहले वे लोग हरियाणा के करनाल के ईंट भट्ठा पर मजदूरी करने गए थे वहीं घर वापसी के क्रम में उनकी गूंगी बेटी स्टेशन पर ही छूट गई और बहुत खोजने पर नहीं मिली। उन्होंने कहा है कि पूजा के सिर पर गोदना और कटे का निशान भी है। दंपती ने विदेश मंत्री से अपील की है।

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