गुरुवार, 24 मई 2018

सामाजिक​ समानता और समरसता से होगा राष्ट्र निर्माण—भन्ते राहुल

जयपुर। भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भन्ते संघप्रिय राहुल ने ने कहा है कि राजस्थान में समाजिक समानता, समरसता, दलित, आदिवासियों एवं पिछड़े वर्गों का उच्च जातियों के साथ मेल—मिलाप रहने से देश की एकता और अखंड़ता को मजबूती मिलेगी।

पूरे देश में दलितों के प्रति जो अप्रिय घटना घटित हो रही है, इनकी वजह से मुस्लिम, क्रिश्चियन किश्नरियों ने दलितों को हिंदुओं से तोड़ने की बात कह कर उनके धर्म परिवर्तन जैसी गतिविधियों को बल मिला है।

दलित समाज को एक जुट रखने के लिए बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर ने भारत में ब्राहृमण ने भारत में ब्राह्मण व्यवस्था में फेली हुई रूढ़ावादी, परम्परावादी एवं अमानवीय कुरूतियों का पुरजोर विरोध किया, जिससे कि देश मजबूत और समृद्धशाली बन सके। बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर ने कभी ब्राह्मणों का विरोध नहीं किया। इसलिए उन्होंने बौद्ध विचारधारा को ग्रहण किया।

बौद्ध धर्म भारत की धरती पर ज्न्म लिया है, जो हमे समानता, स्वतंत्रता, बंधुता के साथ रहने की सीख देता है। इसलिए दलित समाज सामाजिक, समानता, बंधुता और समरसता के रास्ते बाबासाहेब और भगवान बुद्ध की विचारधारा पर चलकर देश में एकता व अखंड़ता के लिए सामाजिक, बंधुता और समरता को खत्म कर एकता की कड़ी में पिरोने का कार्य करते हैं। भगवान बुद्ध और बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर का सैद्धांतिक संदेश समाज के लिए अंतिम व्यक्ति तक का विकास और उन्नति करने का था। जिससे देश मजबूत और समृद्ध होगा।

भन्ते संघप्रिय राहुल ने देश को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए समाज के हर व्यक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका की उपयोगिता पर बल दिया गया है। समाज के सभी धर्म और जातियों के लोगों को एक साथ मिलकर काम करने का आव्हान किया। 

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