गुरुवार, 31 मई 2018

सोशल मीडिया से ख़तरा

सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली अफवाहें अब भारत में बेहद घातक साबित हो रही हैं। दक्षिण भारत में एक महीने के भीतर छह लोगों की भीड़ ने इन्हीं अफवाहों के आधार पर मौत हत्या कर दी। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में सोशल मीडिया पर लगातार बच्चों को अगवा करने वाले एक गैंग को लेकर अफवाहें चल रही हैं। हैदराबाद में लोगों ने एक ट्रांसजेंडर महिला को इसी गैंग का सदस्य समझ कर लोगों ने मार डाला। इस घटना में तीन लोग घायल भी हुए। लेकिन पुलिस का कहना है कि इस तरह कि कोई गैंग है ही नहीं। जबकि इस कथित गैंग की अफवाहों के कारण होने वाली ये छठी हत्या थी। इसके पहले हैदराबाद से लगभग 160 किलोमीटर दूर निजामाबाद जिले में 42 साल के एक व्यक्ति को भीड़ ने पीट-पीट कर मार दिया। इस व्यक्ति पर भी भीड़ ने बच्चों को अगवा करने का आरोप लगाया। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में 20 मई को सैकड़ों लोगों की भीड़ ने एक मजदूर को पीट-पीट कर मार डाला और उसके सात साथियों को घायल कर दिया। उन पर भी बच्चों की तस्करी करने के आरोप मढ़े गए। आंध्र प्रदेश में ही एक भिखारी को भी इसी तरह मार दिया गया। अब हैदराबाद में पुलिस स्थानीय लोगों के साथ मिल कर लाउडस्पीकर के जरिए सड़कों पर जनता से अफ़वाहों पर ध्यान ना देने और कानून को अपने हाथ में न लेने की अपील कर रही है।

तमिलनाडु में भी ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं और लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इन सभी राज्यों में अधिकारियों को लोगों को ऐसा ना करने की कड़ी चेतावनी दी है। पुलिस का कहना है कि मारे गए ज्यादातर लोग उस इलाके से नहीं थे, जहां उन्हें मारा गया। फिलहाल वीडियो सर्कुलेट करने के आरोप में पुलिस ने एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन वीडियो में कुछ लोगों को घर के सामने से बच्चा उठाते हुए और एक शिशु के अंगों को छिन्न भिन्न करते दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर डेटा की प्राइवेसी को लेकर चिंता पहले से जारी है। गौरतलब है कि जब से फेसबुक डाटा लीक विवाद में फंसा है, तब से बहुत सी सरकारों की उस पर तिरछी नजर है। फेसबुक के करोड़ों यूजर्स का डेटा एक ब्रिटिश कंपनी कैम्बिज एनालिटिका तक पहुंचा था। इस मुद्दे को लेकर फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग की अमेरिकी और यूरोपीय संसदों में पेशी भी हो चुकी है। 

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