शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

दलित युवक की मौत पर विधानसभा में हंगामा, CBI जांच कराने की मांग

जयपुर। बाड़मेर में गुरुवार को पुलिस हिरासत में हुई दलित युवक की मौत के मामले में शुक्रवार को विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बीच इस दौरान जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई। मामला बढ़ा तो विधानसभाध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी ने अगले हफ्ते इस मुद्दे पर विशेष चर्चा कराने की बात कहकर दोनों पक्षों को शान्त कराया, लेकिन सीपी जोशी ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि हिरासत के मौत के मामले में पीड़ित परिवार को गुजारे के लिए प्रावधान तय किये जाने चाहिए। 

जोशी ने कहा कि जो हुआ वह गलत हुआ, लेकिन इस मामले पर सरकार को प्रस्ताव तैयार करना चाहिए और विधानसभा के सदस्यों को इसमें अपने सुझाव भी देने चाहिए।

विधानसभा में शुक्रवार को खूब हंगामा हुआ। पूरा मामला बाड़मेर में गुरूवार को पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले से जुड़ा था। दरअसल, शून्यकाल के बाद यह मामला उठा और संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने अपना वक्तव्य दिया। धारीवाल ने बताय कि एसपी को एपीओ कर दिया गया है।

धारीवाल के जवाब पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि एफआईआर को पढ़कर सुनाए। मृतक ने मरने से पहले अपने भाई को बताया था कि पुलिस उसे मार देगी। राठौड़ ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की। साथ ही मांग रखी कि मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा और परिवारजन को सरकारी नौकरी दी जाए।

विधायक जोगेश्वर गर्ग ने इस मामले में पुलिस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। गर्ग ने कहा कि पुलिस हिरासत में मरने वाले जितेन्द्र की तो सुबह ही तबीयत खराब हो गई थी। गर्ग ने हर पुलिस थाने में सीसीटीवी लगाने की मांग की।

इस दौरान चर्चा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि चोरी की रिपोर्ट 27 तारीख को दर्ज हुई और पुलिस ने जितेन्द्र को 26 तारीख को ही उठा लिया। पुलिस ने उसे बुरी तरह मारा और इससे उसकी मौत हो गई। ये सरकार की भी जिम्मेदारी है कि किसी निर्दोष को क्यों मारा गया? कटारिया ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए और फास्टट्रैक में केस की सुनवाई हो। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों को नौकरी से हटाने की मांग भी की।


इस मामले में बीजेपी के कुछ अन्य विधायक भी बोलना चाहते थे, लेकिन स्पीकर ने इसकी इजाज़त नहीं दी। विधायक नहीं माने तो स्पीकर ने चर्चा को खत्म कर दिया। इससे नाराज़ बीजेपी विधायक सदन के वेल में आ गए और नारेबाजी की। नारेबाजी के बीच ही बीेजेपी के दो विधायकों ने अपने तयशुदा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी रखे और मन्त्रियों ने इस पर जवाब भी दिए।

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