जयपुर। अधूरी तैयारी के साथ विधानसभा में आने पर बुधवार को सरकार के दो मंत्री अर्जुन बामणिया व सालेह मोहम्मद विपक्ष से बुरी तरह घिर गए। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने तो यहां तक कह दिया कि यह सदन है, कोई मजाक नहीं जो बिना तैयारी चले आते है। बजट सत्र में ऐसा कई बार हो चुका है जब अधूरी तैयारी के कारण मंत्री विपक्ष के निशाने पर रहे।
विधानसभा के प्रश्नकाल में बुधवार को फिर सरकार के मंत्रियों की पोल खुल गयी जब अधूरी तैयारी के कारण सदन में आने पर विपक्ष ने जनजातीय विकास मंत्री अर्जुन बामणिया व अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद को घेरा। सालेह मोहम्मद तो अपनी ही पार्टी के विधायक चेतन डूडी के सवालों का जवाब नहीं दे सके। रेवदर विधायक जगसीराम ने विधानसभा क्षेत्र के जनजाति छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण व खेल प्रतिभाओं के विकास की योजना में लाभान्वित नहीं करने का मामला उठाया। मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने अधूरा जवाब दिया। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा की मंत्री को सदन की मेज पर विवरण रखना था, लेकिन यह विवरण मेज पर नहीं रखा गया। आखिर यह विवरण कहां पर है?
वहीं, स्पीकर सीपी जोशी ने भी मंत्री से कहा कि सीधे सवाल का सीधा जवाब दिया जाए। लेकिन फिर भी मंत्री पूरा जवाब नहीं दे सके। इस पर गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस सदन है कोई मजाक नहीं है। बिना तैयारी के आ जाते है मंत्री। न पढ़कर सदन में आते है न उत्तर बताते है। इसके बाद सदन में हंगामे की स्थिति बन गई। इसके बाद मंत्री रघु शर्मा व अशोक चांदना ने कटारिया पर पलटवार किया और कहा कि नेता प्रतिपक्ष के बोलने का यह कोई तरीका नहीं है।
इससे पहले अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद भी अपने ही पार्टी के विधायक चेतन डूडी से घिर गए। चेतन ने डीडवाना विधानसभा क्षेत्र में हुआ संपत्तियों पर अतिक्रमण के बारे में सवाल पूछा था सवाल के जवाब में मंत्री ने स्थानीय निवासियों द्वारा अतिक्रमण की बात कही, लेकिन अतिक्रमणकारियों के नाम नहीं बता सके। विधायक चेतन ने बार-बार अतिक्रमणकारियों के नाम पूछे तो मंत्री ने कहा कि मैं विधायक को इस मामले की अलग से जानकारी दे दूंगा।
खास बात यह है कि अतिक्रमणकारी के नाम महज दो थे लेकिन मंत्री इसकी भी सूचना सदन में लेकर नहीं आए। बजट सत्र में मंत्रियों के प्रदर्शन के देखते हुए कहा जा सकता है कि कई मंत्री पूरी तरह से अधिकारियों के लिखे गए जवाबों पर निर्भर है और खुद अपने स्तर पर तैयारी करके नहीं आते। मंत्रियों की अधूरी तैयारी के कारण विधानसभा में सरकार की किरकिरी हो रही है।

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