जयपुर। तेल एवं गैस कंपनियों की लापरवाही से शहर के घरों में पहुंच रहे लीकेज सिलेंडर और आए दिन हो रहे हादसों के मामले को आखिरकार जिला प्रशासन ने गंभीरता से ले लिया है। कलेक्टर डॉ. जोगराम ने तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों को तलब किया। कलेक्टर ने प्रतिनिधियों से सात बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी।
इतना ही नहीं जिला कलेक्टर जोगाराम ने कंपनियों के प्रतिनिधियों से उपभोक्ताओं की सुरक्षा और सहायता संबंधी सवाल किए। इसका कंपनी प्रतिनिधियों ने जवाब भी दिया। कलेक्टर ने कहा कि प्लांटों की जांच डीएसओ के साथ तेल कंपनियों की संयुक्त दल गठित कर कार्रवाई जाए। रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी जाएगी।
उन्होंने कंपनियों की ओर से अभी तक की गई जांच और लापरवाही पर कर्मचारियों पर की गई कार्यवाही का भी ब्यौरा पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा टोल फ्री नंबरों का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने पूछा की प्लांट से उपभोक्ता तक क्षतिग्रस्त या लीक सिलेंडर पहुंचे तो किस अधिकारी की जिम्मेदारी होगी? प्लांट से सिलेंडर की जांच मानकों के अनुसार किस अधिकारी ने की है और खराब पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है या नहीं। गैस डिस्ट्रीब्यूटर की ओर से सप्लाई डंपिग प्वाइंट के क्या नियम है, इसकी पालना किस अधिकारी से कराई जा रही है।
उन्होंने जानकारी मांगी कि गैस कंपनियों के अधिकारियों की ओर से डिस्ट्रीब्यूटर्स के यहां सिलेंडर भंडारण, सप्लाई आदि का कब-कब निरीक्षण किया जाता है। गैस सिलेंडर उपभोक्ता का दुर्घटना बीमा कितनी राशि का होता है। उसंबंधित दस्तावेज उपभोक्ता को किस तरह उपलब्ध कराते हो। उपभोक्ताओं की शिकायत सुनने और समाधान के लिए विभाग के स्तर पर क्या व्यवस्था है। घरेलू गैस सिलेंडरों का व्यवसायिक उपयोग पाए जाने पर गैस कंपनी के स्तर पर क्या कार्रवाई की जाती है। गत माह में कितने प्रकरणों में कार्यवाही की गई।
इतना ही नहीं जिला कलेक्टर जोगाराम ने कंपनियों के प्रतिनिधियों से उपभोक्ताओं की सुरक्षा और सहायता संबंधी सवाल किए। इसका कंपनी प्रतिनिधियों ने जवाब भी दिया। कलेक्टर ने कहा कि प्लांटों की जांच डीएसओ के साथ तेल कंपनियों की संयुक्त दल गठित कर कार्रवाई जाए। रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी जाएगी।
उन्होंने कंपनियों की ओर से अभी तक की गई जांच और लापरवाही पर कर्मचारियों पर की गई कार्यवाही का भी ब्यौरा पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा टोल फ्री नंबरों का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने पूछा की प्लांट से उपभोक्ता तक क्षतिग्रस्त या लीक सिलेंडर पहुंचे तो किस अधिकारी की जिम्मेदारी होगी? प्लांट से सिलेंडर की जांच मानकों के अनुसार किस अधिकारी ने की है और खराब पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है या नहीं। गैस डिस्ट्रीब्यूटर की ओर से सप्लाई डंपिग प्वाइंट के क्या नियम है, इसकी पालना किस अधिकारी से कराई जा रही है।
उन्होंने जानकारी मांगी कि गैस कंपनियों के अधिकारियों की ओर से डिस्ट्रीब्यूटर्स के यहां सिलेंडर भंडारण, सप्लाई आदि का कब-कब निरीक्षण किया जाता है। गैस सिलेंडर उपभोक्ता का दुर्घटना बीमा कितनी राशि का होता है। उसंबंधित दस्तावेज उपभोक्ता को किस तरह उपलब्ध कराते हो। उपभोक्ताओं की शिकायत सुनने और समाधान के लिए विभाग के स्तर पर क्या व्यवस्था है। घरेलू गैस सिलेंडरों का व्यवसायिक उपयोग पाए जाने पर गैस कंपनी के स्तर पर क्या कार्रवाई की जाती है। गत माह में कितने प्रकरणों में कार्यवाही की गई।

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