जयपुर। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि व्यापारिक क्षेत्र में लोग सीएसआर के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण करवाएं जिससे प्रदेश में आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या में इजाफा हो सके।
श्रीमती भूपेश प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रही थी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 10 गुना 14 का कमरा किचन व बरामदा तथा 200 गज जमीन तथा शहरी क्षेत्र में एक कमरा तथा बरामदा की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विभिन्न संस्थाएं सीएसआर के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण करवा रही है। उन्होंने कहा कि किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र व्यापारिक रुप से बहुत समृद्ध है, उन्होंने आग्रह किया कि वहां व्यापारिक लोग सीएसआर फंड के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्र बनाएं जिससे किशनगढ़ पूरे प्रदेश में आगनबाड़ी केन्द्रों के लिहाज से आदर्श क्षेत्र बन सकें।
श्रीमती भूपेश ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन निर्माण में 7 लाख रुपये की लगत लगती है जिसमे 5 लाख रुपये नरेगा तथा दो लाख रुपये विभाग द्वारा व्यय किया जाता है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन निर्माण में केन्द्र एवं राज्य सरकार का 60ः40 का अनुपात होता है। उन्होंने बताया कि अगर केन्द्र 60 के अनुपात में राशि दे देती है तो राज्य सरकार तुरन्त ही 40 प्रतिशत राशि आंगनबाड़ी के भवन निर्माण में दे देगी।
इससे पहले विधायक श्री सुरेश टाक के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्रीमती भूपेश ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र किशनगढ़ के अन्तर्गत तीन परियोजनाएं क्रमशः किशनगढ़ शहर, किशनगढ़ ग्रामीण, अराई संचालित है। उन्होंने संचालन की स्थिति का विवरण सदन के पटल पर रखा। श्रीमती भूपेश ने आंगनबाड़ी केन्द्राें का विवरण भी सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण का कार्य पंचायतीराज निकाय/ स्थानीय निकाय/ राजस्व विभाग से भूमि आवंटन हो जाने पर विभाग द्वारा वित्तीय संसाधन की उपलब्धता के आधार पर विभागीय योजना के तहत करवाया जाता है।
श्रीमती भूपेश प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रही थी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 10 गुना 14 का कमरा किचन व बरामदा तथा 200 गज जमीन तथा शहरी क्षेत्र में एक कमरा तथा बरामदा की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विभिन्न संस्थाएं सीएसआर के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण करवा रही है। उन्होंने कहा कि किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र व्यापारिक रुप से बहुत समृद्ध है, उन्होंने आग्रह किया कि वहां व्यापारिक लोग सीएसआर फंड के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्र बनाएं जिससे किशनगढ़ पूरे प्रदेश में आगनबाड़ी केन्द्रों के लिहाज से आदर्श क्षेत्र बन सकें।
श्रीमती भूपेश ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन निर्माण में 7 लाख रुपये की लगत लगती है जिसमे 5 लाख रुपये नरेगा तथा दो लाख रुपये विभाग द्वारा व्यय किया जाता है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन निर्माण में केन्द्र एवं राज्य सरकार का 60ः40 का अनुपात होता है। उन्होंने बताया कि अगर केन्द्र 60 के अनुपात में राशि दे देती है तो राज्य सरकार तुरन्त ही 40 प्रतिशत राशि आंगनबाड़ी के भवन निर्माण में दे देगी।
इससे पहले विधायक श्री सुरेश टाक के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्रीमती भूपेश ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र किशनगढ़ के अन्तर्गत तीन परियोजनाएं क्रमशः किशनगढ़ शहर, किशनगढ़ ग्रामीण, अराई संचालित है। उन्होंने संचालन की स्थिति का विवरण सदन के पटल पर रखा। श्रीमती भूपेश ने आंगनबाड़ी केन्द्राें का विवरण भी सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण का कार्य पंचायतीराज निकाय/ स्थानीय निकाय/ राजस्व विभाग से भूमि आवंटन हो जाने पर विभाग द्वारा वित्तीय संसाधन की उपलब्धता के आधार पर विभागीय योजना के तहत करवाया जाता है।

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