गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को स्वरोजगार के लिए किया प्रोत्साहित

जयपुर। भारत की पहली महिला राज्यपाल श्रीमती सरोजनी नायडू के जन्मदिवस पर  13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया। इस  उपलक्ष्य में गुरूवार को यहां राजस्थान कॉलेज पौदार कैम्पस में राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहित करने के लिए एक दिवसीय  कार्यशाला इंदिरा महिला शक्ति निधि उद्यम प्रोत्साहन योजना का आयोजन किया गया। 

इंदिरा महिला शक्ति निधि उद्यम प्रोत्साहन योजना पर कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए  महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा  कि राज्य सरकार  महिला सशक्तिकरण के हर कदम पर महिलाओं के साथ  है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने वर्ष 2019-20 के बजट मे एक हजार करोड रुपय की घोषणा की  विभाग ने इंदिरा गांधी महिला शक्ति निधि उद्यम योजना को आकार दिया है जिसके द्वारा महिलाओं के सर्वागिंण विकास के साथ आर्थिक, सामाजिक एवं सुरक्षा आदि क्षेत्रों में काम किया जा सकेगा  और आज इस कार्यशाला के माध्यम से इस योजना कि जानकारी देकर राज्य कि महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। 

श्रीमती भूपेश ने बताया कि राज्य की महिलाओं को उद्योग स्थापित करने के लिए इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के द्वारा व्यक्तिगत आवेदक  एवं स्वयं सहायता समूहाें को अधिकतम एक करोड रुपय तक का ऋण दिया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि ऋण प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष या उससे अधिक हो तथा वह राजस्थान की मूल निवासी हो। एवं उन्होंने यह भी बताया कि महिला स्वयं सहायता समूह को आवेदन करने के लिए नियम नियमानुसार सहकारिता अधिनियम के तहत पंजीकृत होना  आवश्यक है।

 इस अवसर पर श्रीमती भूपेश ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा  देते हुए राज्य सरकार की महिला उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देकर अधिकतम महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि आज इस कार्यशाला का लाइव प्रसारण प्रदेश के 33 जिलों के 250 कॉलेज में किया जा रहा है। जो अपने आप एक बड़ी उपलब्धि है। 

उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ हर महिला ले और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में राजस्थान को अग्रणी बनाने में भागीदार बनें। महिलाओं को स्वरोजगार के लिए एक करोड रुपय तक लोन दिया जाएगा। अब वो पराधीन नही है। महिला बाल विकास विभाग के दरवाजे सभी राजस्थान कि महिलाओं के लिए खुले हुए है। एक हाथ बढाकर हम सौ हाथ की मदद करने के लिए तत्पर है।

उन्होंने कहा कि हमे 21वीं सदी में चल रहे है। ऎसे समय में आग्रह है। कि सुरक्षित राजस्थान बनाने में जागरूक रहें ।उन्हाेंने बताया कि आज इस  कार्यशाला के माध्यम से राज्यभर में महिला उद्यमिता विकसित करना हमारा लक्ष्य है और उन्होंने उम्मीद जताई कि विभागीय योजनाओं का पूर्ण लाभ लेते हुए राज्य कि बहने, माताएं, स्वयं आथिक रूप से सशक्त होने का प्रयास करेंगी।

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा एवं सहायता प्रदान करने के लिए बेहद गम्भीर है। महिलाओं को मदद देने के लिए राज्य सरकार द्वारा राज्य भर में 181 हेल्प लाइन 24 घण्टे संचालित की जा रही है। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव श्री के.के पाठक ने कार्यशाला को सम्बोधित किया और योजना की जानकारी देते हुए बच्चों से चर्चा की।

इस अवसर निदेशालय, महिला अधिकारिता विभाग के निदेशक  पी.सी पवन एवं अतिरिक्त निदेशक श्रीमती आभा जैन,  एवं कार्यक्रम निदेशक कमिलिनी द्रविड़ एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यशाला के बाद निदेशालय महिला अधिकारिता में राज्य महिला नीति 2020 एवं एसिड अटैक रोकथाम हेतु विभिन्न सुक्षाव आमंत्रित करने के लिए गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं विभागों के अधिकारियों के साथ एक अन्य कार्यशाला का अयोजन किया गया ताकि राज्य सरकार कि ओर से एक बेहतर नीति का निर्माण किया जा सके। 

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