सोमवार, 17 फ़रवरी 2020

आमजन को स्वस्थ बनाए रखने के लिए ‘निरोगी राजस्थान‘ को बनाया जाएगा मिशन

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री  रघु शर्मा ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि आमजन को स्वस्थ व निरोगी बनाए रखने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री ने सरकार की पहली वर्षगांठ के अवसर पर जिस ‘निरोगी राजस्थान अभियान’ की शुरुआत की थी, उसे जनआंदोलन बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि निरोगी राजस्थान एप द्वारा सम्पूर्ण राज्य में मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से घर घर जाकर डिजीटल हैल्थ सर्वे किया जाएगा। सर्वे के दौरान क्षेत्र के सभी लोगाें को उनकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दी जाएगी। 

डॉ. शर्मा निरोगी राजस्थान नीति पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि निरोगी राजस्थान के जरिए जागरूकता लाने के लिए प्रदेश में कार्यरत लगभग एक लाख 30 हजार आशा, एएनएम एवं आंगनवाडी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर आमजन को स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर विभिन्न बीमारियों की रोकथाम के लिए समन्वित रूप से कार्य किया जाएगा। घर-घर जाकर लोगों को उनके स्वास्थ्य स्थितियों के अनुसार बीमारियों से बचाव तथा उपचार के बारे में जानकारियां दी जाएंगी। 

उन्होंने कहा कि सिटीजन एप से आमजन स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न सुविधाओं की जानकारी के साथ ही आपातकालीन स्थिति में प्राथमिक उपचार के लिए सलाह, चिकित्सक से संपर्क एवं एम्बुलेंस आदि सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। आने वाले दिनों में टोल फ्री स्वास्थ्य हैल्पलाइन की सुविधा उपलब्ध करवायी जाएगी, इस हैल्पलाइन से आमजन स्वास्थ्य की जानकारी ले सकेंगे तथा विभागीय शिकायत दर्ज करवाने के साथ ही एम्बुलेंस के लिए सम्पर्क कर सकते हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि निरोगी राजस्थान के अंतर्गत ग्राम व वार्ड स्तर पर प्रभात फेरी, नुक्कड़ नाटक, प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया जाएगा तथा विज्ञापन के माध्यम से आमजन को निरोगी एवं स्वस्थ रहने के लिए जागरूक किया जाएगा। ‘स्वास्थ्य मित्र’ आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम के माध्यम से घर-घर जाकर बीमारियों से बचाव तथा उपचार के बारे मे जानकारियां दी जाएंगी। 

उन्होंने प्रतिवर्ष 17 दिसम्बर को ‘‘निरोगी राजस्थान दिवस’’ मनाए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने बताया कि इसमें निरोगी राजस्थान के 10 बिन्दुओं में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले निरोगी राजस्व गांव, वार्ड, निरोगी पंचायत समिति या नगरपालिका एवं निरोगी जिले को चिन्हित कर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण करने वाले डॉक्टर्स को सम्मानित किया जायेगा। अभियान के दौरान आमजन को स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर विभिन्न बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूक करने के लिए समन्वित रूप से कार्यवाही की जाएगी।  

डॉ. शर्मा ने बताया कि भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती जीवनशैली के कारण आधारित नॉन कम्युनिकेबल डिजीजेज फैल रही है। इनकी रोकथाम के लिए जांच एवं सघन जागरूकता अभियान संचालित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस राज्यव्यापी जन स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के अन्तर्गत नशा मुक्ति अभियान (शराब, ड्रग्स, तम्बाकू) , खाद्य पदाथोर्ं में मिलावट के खिलाफ अभियान, प्रदूषण नियंत्रण एवं जलवायु संबंधी बीमारियों की रोकथाम, संचारी रोग (मौसमी बीमारियां), गैर संचारी रोग (जीवनशैली आधारित- मोटापा, मधुमेह, बीपी, मनोरोग, हृदयरोग, पक्षाघात, कैंसर, फेंफड़ा संबंधी रोग), मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (एनीमिया, कुपोषण, शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विकास), टीकाकरण एवं वयस्क टीकाकरण (सम्पूर्ण टीकाकरण), किशारोवस्था स्वास्थ्य (एनीमिया, कुपोषण, मोटापा, माहवारी स्वच्छता), वृद्धावस्था में स्वास्थ्य की देखभाल (जेरियेट्रिक केयर), जनसंख्या स्थिरीकरण (परिवार कल्याण कार्यक्रम) जैसे बिन्दुओं पर काम किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि आशा द्वारा घर घर जा कर डिजिटल सर्वे किया जाएगा एवं सभी का हेल्थ रिकार्ड बनाया जायेगा। उप स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्क्रीनिंग की जाएगी। सामुदायिक स्तर पर ‘‘चिकित्सा मित्र’, आशा तथा एएनएम द्वारा जनचेतना की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति में बीमारी का पता चलता है तो उसे उपयुक्त परामर्श देकर इलाज उपलब्ध करवाया जाएगा। सामुदायिक एवं ग्रामीण स्तर पर ऎसा वातावरण तैयार किया जाएगा कि आमजन स्वस्थ्य जीवनशैली के लिए योग एवं व्यायाम अपनाएं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर तक खेल का मैदान, वाचनालय एवं अच्छे साहित्य की सुविधा उपलब्ध करवायी जाएगी।

डॉ. शर्मा ने बताया कि महिलाओं में और विशेषतौर से गर्भवती महिलाओं में खून की कमी (एनीमिया) एक गम्भीर समस्या है। लगभग 80 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में एनीमिया है। गर्भवती महिलाआें में होने वाले कुपोषण की रोकथाम के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायती राज तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के साथ समन्वय करके गर्भवती महिलाओ के पोषण पर विशेष ध्यान किया जाएगा, जिससे निरोगी राजस्थान की शुरुआत स्वस्थ माँ एवं स्वस्थ बच्चें से हो, साथ ही इससे एमएमआर एवं आईएमआर में कमी लाई जा सकेगी।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में 11.32 लाख (88.92 प्रतिशत) बच्चों का पूर्ण टीकाकरण किया गया है। इस लक्ष्य को 100 प्रतिशत अर्जित करने के लिए गाँव वार विस्तृत कार्य योजना बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक घर मे आशा व एएनएम द्वारा बच्चों की सूची तैयार की जाएगी। तत्पश्चात छूटे हुए या ड्रॉप आउट अथवा भ्रांतिवश विरोेध वाले परिवारों को समझाइश कर सम्पूर्ण टीकाकरण करवाया जाएगा। कम टीकाकरण वाले जिलों को चिन्हित कर सघन एवं प्रभावी मॉनिटरिंग द्वारा सम्पूर्ण टीकाकरण को सुनिश्चित किया जाएगा।

डॉ. शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम राजस्थान के 10 जिलों में क्रियान्वयित किया जा रहा है। इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि किशोरों से दोस्ताना व्यवहार के माध्यम से उनकी प्रजनन तथा यौन संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए उजाला क्लीनिक (एडोलिसेंट हेल्थ क्लीनिक) शुरू किये जायेंगे। यह राज्य के 10 जिलों में 314 क्लीनिक के माध्यम से संचालित है जिसे चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता स्कीम लागू की जाएगी, जिसमें किशोरियों के मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई को प्रोत्साहित करने के लिए मासिक धर्म संबन्धित बेहतर साफ सफाई से जुड़ी जानकारी और मासिक धर्म संबंधी सफाई के लिए सेनीटरी नैपकिन निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यही नहीं एनीमिया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर एनीमिया के स्तर में कमी लाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश को नशा मुक्त करने के लिए सरकार पूर्णतया गंभीर है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला स्तर पर ‘‘डी-एडीक्शन केन्द्र’’ खोलने की कार्य-योजना बनाई जाएगी। राज्य में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के विक्रय, वितरण भंडारण एवं विज्ञापन को 30 मई 2019 से प्रतिबंधित कर दिया गया है। हुक्का बार संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध के लिये राज्य सरकार के द्वारा सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2019 को राजस्थान विधानसभा द्वारा पारित कर राष्ट्रपति से अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में सर्वोदय दिवस 30 जनवरी, 2019 के अवसर पर एक करोड़ 13 लाख 98 हजार 285 लोगाें द्वारा नशा न करने की शपथ ली, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा और सर्वोच्च सम्मान के लिए चुना गया। 

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि खाद्य पदाथोर्ं में मिलावट के लिए कड़े कानून बनाए जाएंगे। यही नहीं मिलावट की जांच के लिए लिए गये नमूनो की गोपनीयता बनाए रखने के लिए कोडिंग या डी-कोडिंग की व्यवस्था अमल में लाई जाएगी। खाद्य पदार्थो में मिलावट सम्बन्धी शिकायत समेकित स्वास्थ्य हैल्प लाइन पर दर्ज कराने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने नियमित खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के 98 पदों पर राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर द्वारा भर्ती का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका हैै। विभाग द्वारा 10 फूड एनालिस्टों को नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में 7 खाद्य प्रयोगशालाओं में खाद्य पदार्थो की जांच की जा रही है। 4 नई खाद्य प्रयोगशालाएं भरतपुर, बीकानेर, चुरू व जालौर को शीघ्र ही क्रियाशील की जाएंगी।

डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण एवं जलवायु संबंधी बीमारियों की रोकथाम के लिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनचेतना जाग्रत करने के उद्देश्य से प्रदूषण नियन्त्रण मण्डल, सामाजिक एवं शैक्षणिक, चिकित्सा संस्थाओं, आदि के माध्यम से वृक्षारोपण, संगोष्ठियां, विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारी, प्रदर्शनी, पोस्टर एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, पौध वितरण आदि कई प्रकार गतिविधियां आयोजित की जाएगी।

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