जयपुर । उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश का नया व अनुकूल माहौल बनाया जाएगा जिससे प्रदेश में अधिक से अधिक उद्यम स्थापित हो और इससे ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित हो सके। उन्होंने बताया कि औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरलीकृत व्यवस्था लाते हुए जल्दी ही नया कानून लाया जा रहा है। इससे देश में उद्योग स्थापित करने वालों की पहली प्राथमिकता राजस्थान होगी।
मीणा शुक्रवार को यहां सचिवालय में उद्योग व व्यापार सलाहकार समिति की पहली बैठक को संबोधित कर रहे थे। गौरतलब है कि 2010 मेें उद्योग सलाहकार समिति बनने के बावजूद इसकी पहली बैठक मीणा द्वारा ली गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने काम संभालते ही नई औद्योगिक नीति, नई निर्यात परिषद, राज्य व जिला स्तर पर औद्योगिक विवाद व शिकायत निवारण तंत्र विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास है कि प्रदेश में छोटे-बड़े सभी तरह के अधिक से अधिक उद्योग लगे, औद्योगिक निवेश का अनुकूल वातावरण बने, इस तरह की व्यवस्था हो जिससे उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़े।
उद्योग मंत्री ने कहा कि उन्होंने काम संभालते ही औद्योगिक संघों से सीधे संवाद कायम करने का सिलसिला शुरु किया है। नई नीतियों के निर्माण में भी औद्योगिक संघों के साथ बैठकें कर साझा प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इस तरह की नीतियां तैयार होकर आए जो धरातल पर खरी उतरे, उद्यमों और रोजगार को बढ़ाने वाली हो और प्रदेशवासियों को निवेश के लिए अन्य राज्यों में जाने की जगह अन्य राज्यों के निवेशकों को प्रदेश में आकर्षित किया जा सके ताकि औद्योगिक विकास की दृृष्टि से राजस्थान देश काअग्रणीप्रदेश बन सके। उन्होंने कहा कि रीको औद्योगिक क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान के लिए आज से ही शिविर लगाकर समाधान शुरु कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम परस्पर संवाद कायम रखना चाहते हैं ताकि एक दूसरे को किसी तरह की शिकायत का अवसर ही नहीं मिले बल्कि आपसी विचार विमर्श में उभरे बिन्दुओं पर सकारात्मक हल खोजा जा सके। उन्होंने औद्योगिक संघाें से कहा कि आपका और सरकार का एक ही उद््देश्य है और वह यह कि प्रदेश में उद्यम लगे, लगे हुए उद्यमों की समस्याओं का समाधान हो, रोजगार के अवसर बढ़े और बेहतर औद्योगिक माहौल बने ताकि प्रदेश का समग्र आर्थिक विकास हो।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों से लगातार सुझाव प्राप्त करते हुए नई नीति को अंतिम रुप देने की तैयारी की जा रही है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित निरंजन आर्य ने कहा कि ई वे बिल, ब्रिज लोन, आईटी इंवेस्टमेंट, राजस्थान वित निगम से ऋण सुविधा आदि सुझावों पर सकारात्मक सोच के साथ निर्णय किया जाएगा।
प्रमुख शासन सचिव एमएसएमई श्री आलोक ने कहा कि सरकार उद्यगों की समस्याआेंं के प्रति सजग है और उनके निराकरण के प्रयास किए जा रहे है।
आयुक्त डॉ. कृृष्णाकांत पाठक ने बताया कि नई उद्योग नीति के लिए सभी संबंधित पक्षों और अन्य प्रदेशों के नवाचारों का अध्ययन किया जा रहा है।
विशेष आमंत्रित राजीव अरोड़ा ने राजस्थान में विश्वस्तरीय जेम बोर्स की स्थापना की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए प्रदेश में सभी क्षेत्रों का समावेश करते हुए निर्यात काउंसिल बनाई जाएं जिससे प्रदेश का आज का 1.20 लाख करोड़ के निर्यात को और अधिक बढ़ाया जा सके। उन्होंने सेज में खाली पड़े आवंटित भूखण्डाें को लेकर भी कोई नीति बनाने को कहा तािक खाली प्लाटों के स्थान पर उद्योग धंधे लगे। विशेष आमंत्रित सदस्य श्री सुनील परिहार ने औद्योगिक संघों से सीधा संवाद कायम करने के लिए सरकार को बधाई दी और कहा कि हाईवे के रोड कोरिडोर के पास औद्योगिक कोरिडोर विकसित किए जाएं, इसके साथ ही जयपुर व जोधपुर विकास प्राधिकरण की पेरीफेरी एरिया में भूमि कन्वर्जन की जटिल प्रकिया को सरल बनाया जाना चाहिए।
परिहार ने राजस्थान की विपुल खनि संपदा के प्रदेश से बाहर जाने की चर्चा करते हुए बाप में सेरेमिक पार्क बनाने का सुझाव दिया। इसी तरह से सस्ती बिजली के लिए ग्रीन एनजी का रीको में हब बनाकर उद्योगों को उपलब्ध कराई जाएगी तो वह सस्ती दर पर बिजली मिल सकेगी। उन्होंने कपड़ा उद्योग को बचाने के लिए सीईटीपी में सरकारी भागीदारी बढ़ाने की मांग की।
राजस्थान चैंबर ऑफ कामर्स के मानद सचिव डा. केएल जैन ने प्रदेश में जिलावार औद्योगिक सर्वे करवाया जाए ताकि सभी जिलों में समान रुप से औद्योगिकरण हो सके।
सीआईआई के अध्यक्ष अनिल मिश्रा व विशाल वैद्य, बसंत खेतना ने एमएसएमई काउंसिल को पुनगर्ठित व विस्तारित करने, आरएएफसी व रीको से उद्योगों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने, उद्योगों की फायर एनओसी व्यवस्था को सरल बनाने और विवाद निवारण समिति को खुले फोरम के रुप में विकसित करने सहित कई सुझाव दिए। फोर्टी के अध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल व श्री अरुण अग्रवाल और श्री जगदीश सोमानी ने एमनेस्टी योजना वापिस शुरु करने, ई वेबिल में प्रदेश की प्रदेश में एक लाख तक की छूट दिलाने, रीको औद्योगिक क्षेत्रों के पास विकसित औद्योगिक क्षेत्रों को भी आसानी से पर्यावरण एनओसी दिलाने के साथ ही बीटूबी फेयर आयोजित करने, पीवीसी पाइप की खरीद से रोक हटाने, पानी बिजली की उपलब्धता व दरों की विसंगती दूर करने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
टैक्सटाइल एसोसिएशन के सचिव अशोक जैन ने सोलर एनर्जी पर इलेक्टि्रक ड्यूटी हटाने की मांग की। पीएचडी चैम्बर्स के अक्षय हाड़ा ने औद्योगिक क्षेत्रों में सीवरेज लाइन ड़ालने का सुझाव दिया। बीडा के राकेश अग्रवाल ने एनएस 8 से भिवाडी औद्योगिक क्षेत्र तक कनेक्टिविटि सुनिश्चित करने को कहा। श्रीगंगानर औद्योगिक संघ के ज्योति खांडा ने सरसों उत्पादक प्रदेश घोषित करने और सरसों तेल के निर्यात पर रोक को हटवाया जाए। सर्राफा संघ के सुभाष गुप्ता ने रिहायशी इलाकों में ज्वैलरी कारोबार पर निगम के हस्तक्षेप को रुकवाने व धारा 411 व 412 के अनावश्यक उपयोग को रोका जाए।
बैठक में प्रमुख सचिव यूडीएस भाष्कर सांवत, एमडी रीको गौरव गोयल, एमडी राजसिको श्रीमती शकुंतला सिंह सहित रेवेन्यू, टूरिज्म, लेबर, आरएफसी, पर्यावरण सहित विभिन्न विभागों व उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें