लोकसभा के सियासी मैदान में उतरते हुए भाजपा ने राजस्थान के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करते हुए 16 सीटों पर पत्ते खोल दिेए हैं। खास बात यह है कि इस सूची में पार्टी ने उन तीन मौजूदा सांसदों पर भी भरोसा जताया है, जिनके खिलाफ उनके संसदीय क्षेत्र में शुरुआत से विरोध बना हुआ था।
जयपुर । लोकसभा के सियासी मैदान में 2014 के प्रदर्शन को फिर दोहराने की आस लिए भाजपा ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। पार्टी ने राजस्थान के 25 में से 16 सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा करते हुए यहां की राजनीतिक तस्वीर को साफ कर दिया है। खास बात यह है कि जारी की गई सूची में 14 सीटों पर मौजूदा सांसदों पर ही भरोसा जताया है। इनमें वे सांसद भी शामिल हैं, जिनको लेकर उनकी सीट पर शुरुआत से जबरदस्त विरोध का माहौल बना हुआ था। लेकिन, सभी विरोधों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने इन्हें मैदान में उतारा है। भाजपा के इस कदम के बाद अंदरखाने सियासी पारा चढ़ा हुआ है। भाजपा की ओर से जारी की गई पहली सूची में तीन सीटों पर किए गए निर्णय को लेकर पार्टी के भीतर ही कई नेताओं ने दबी जुबान में हैरानी जताई है। इन सीटों में जयपुर, पाली और बीकानेर लोकसभा सीट शामिल है। तीनों ही सीटों पर शुरुआती रायशुमारी के दौरान पार्टी के भीतर जबरदस्त विरोध देखने को मिला था। साथ ही पार्टी नेताओं ने इन उम्मीदवारों को सियासी मैदान में उतारने पर राजनीतिक नुकसान होने की आशंका भी जताई थी। लेकिन, सभी विरोधों और आशंकाओं को ताक पर रखते हुए पार्टी ने मौजूदा सांसदों को फिर से मैदान में उतार दिया है। पार्टी के इस निर्णय के बाद अंदरखाने नेताओं के बीच नाराजगी की स्थिति बनी हुई है।
जयपुर शहर लोकसभा सीट
जयपुर शहर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद रामचरण बोहरा के नाम पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं समेत विधायकों ने विरोध किया था। साथ ही इस सीट पर 1 दर्जन से अधिक दावेदारों ने ताल भी ठोक रखी थी। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के विरोध के बीच जयपुर शहर में भाजपा को विधानसभा चुनाव और मेयर उपचुनाव के दौरान बड़ा झटका भी मिल चुका है। लेकिन, इसके बाद भी पार्टी ने पहली सूची में ही जयपुर शहर पर स्थिति साफ करते हुए रामचरण को टिकट देकर नवाजा है।
पाली लोकसभा सीट
पाली लोकसभा सीट से सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री पीपी चौधरी को लेकर इस बार क्षेत्र में जबरदस्त विरोध बना हुआ था। मौजूदा सांसद के खिलाफ स्थानीय विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों ने ही मोर्चा खोल रखा था। हाल में राज्यसभा सांसद रामनारायण डूडी के साथ कई नेता राजस्थान चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, संगठन मंत्री चंद्रशेखर, प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी समेत कई नेताओं से मुलाकात करते हुए पीपी चौधरी को दोबारा टिकट नहीं देने की मांग की थी। नेताओं ने एक चिट्ठी भी सौंपी थी। जिसमें आरोप लगाया था कि मौजूदा सांसद ने पांच साल में भाजपा के विधायकों, पूर्व विधायकों, राज्यसभा सांसद, पूर्व सांसदों, जिला प्रमुख, प्रधान सहित पार्टी के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की है। उन पर यह भी आरोप लगाया था कि वे केवल निजी व्यक्तियों को तवज्जो दी है। लेकिन, इन सभी विरोधों के बाद भी भाजपा ने पीपी चौधरी को फिर से टिकट देकर मैदान में उतार दिया है। वहीं, टिकट मिलने के बाद पीपी चौधरी ने कहा कि उनका कोई विरोध नहीं है। जो लोग विरोध कर रहे थे, वे सभी टिकट की मांग करने वाले थे।
बीकानेर लोकसभा सीट
बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ भी इस बार विरोध का झंडा बुलंद रहा है। लगातार हो रहे विरोध के चलते खुद मेघवाल भी असमंजस की स्थिति में बने हुए थे। अर्जुन राम मेघवाल को दोबारा टिकट नहीं देने की मांग स्थानीय स्तर पर लगातार बना रहा। उनका विरोध करते हुए हाल में बीकानेर के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने पार्टी से इस्तीफा भी दे दिया। उन्होंने साफ कहा कि मेघवाल को छोड़कर चाहे किसी को भी टिकट दे दें। वहीं, पिछले दिनों विधानसभा चुनाव के बाद एक कार्यक्रम में पहुंचने पर स्थानीय कुछ लोगों ने भी मेघवाल के खिलाफ नारे लगाए थे। लेकिन, इन सभी विरोधों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने मेघवाल पर ही फिर भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है।

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