शुक्रवार, 29 मार्च 2019

चुनाव आयोग क्या करेगा?

केंद्रीय चुनाव आयोग के सामने हर चुनाव के समय ऐसे सवाल खड़े होते हैं, ऐसे मुद्दे आते हैं, जिसमें लोगों को लगता है कि आयोग को सख्त कदम उठाना चाहिए और कोई कार्रवाई करनी चाहिए पर आयोग कुछ नहीं करता है। चुनाव आयोग की सख्त कार्रवाई इतनी होती है कि वह आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों की निंदा कर दे या उसको नोटिस जारी करके भविष्य में ऐसा नहीं करने के लिए आगाह करे। 

तभी हाल में उठे तीन मामलों में भी आयोग के इससे ज्यादा कुछ करने की उम्मीद नहीं है। चुनाव आयोग ने राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री के संबोधन की जांच करने के लिए अधिकारियों की एक टीम बनाई है। पर यह टीम कुछ करेगी इसमें संदेह है। क्योंकि खुद चुनाव आयोग ने ही मान लिया है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है और इसलिए इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जा सकता है। 

इसी तरह चुनाव आयोग ने कांग्रेस की न्याय योजना की घोषणा के खिलाफ बोलने के लिए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार को नोटिस दिया है। पर उनको भी आगाह करने के अलावा आयोग कुछ नहीं करने जा रहा है। वित्त मंत्रालय ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख कर कुछ वित्तीय कामों की मंजूरी मांगी। आयोग के अधिकारी हैरान थे कि इस पर फैसला करने के लिए उनको 48 घंटे का अनिवार्य समय भी नहीं दिया गया। उन्होंने इस पर नाराजगी जताई पर आनन फानन में उनको वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव पर मंजूरी देनी पड़ी।

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