सोमवार, 11 मार्च 2019

क्या नरेन्द्र मोदी पर लोकसभा चुनाव 2019 में आम जनता करेगी सर्जिकल स्ट्राइक ?

नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय सरकार सर्जिकल स्ट्राइक के नाम पर क्या वोट लेंगे, सर्जिकल स्ट्राइक को हमारी बहादुर सेना ने की है और सेना राष्ट्रपति के अधीन होती है। अब तो नरेन्द्र मोदी पर लोकसभा चुनाव 2019 में आम जनता करेगी सर्जिकल स्ट्राइक ।

आमजन ने 2014 में नरेन्द्र मोदी को वोट दिया, लेकिन अब आमजन का मानना है कि नरेन्द्र मोदी की गलत आर्थिक नीतियों के कारण आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पडा है। नोटबंदी से व्यापारियों ने विभिन्न माध्यमों से अपने काले धन को सफेद कर लिया और आमजन को उपहार में मिली भारी परेशानी और एटीएम की लंबी—लंबी लाईनों में अपने—अपने काम—धंधे छोडकर खडे रहने का दंड ।

केन्द्र सरकार ने बडे नोट एक हजार रूपये का नोट बंद करने का ऐलान किया क्योंकि इससे ब्लेकमनी इधर—उधर करने में आसानी रहती है, लेकिन एक हजार रूपये का नोट बंद करके दो हजार रूपये का नोट चलाकर नरेन्द्र मोदी ने ब्लेकमनी को इधर से उधर करना और भी आसान कर दिया और आमजन को मिली दो हजार रूपये के नोट के छुट्टे कराने की परेशानी।



राजेन्द्र सिंह गहलोत
सुना था गुजराती बहुत बडे व्यापारी होते हैं, लेकिन नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी लागू करके व्यापारियों को ही नाराज कर दिया और व्यापारियों ने कहा कि इससे तो सभी के व्यापार ठप्प हो गये। अंतत: भार आमजन पर ही पडा, आमजन को जीएसटी से कोई राहत नहीं मिली, इसलिये जरूरत पडने पर अब आम जनता की ओर से भी नरेन्द्र मोदी को कोई राहत मिलने वाली नहीं है।





नरेन्द्र मोदी ने ट्राई के नये आदेशों के तहत ढिढोरा पीटने में कोई कसर नहीं छोडी कि घरों में आमजन द्वारा टीवी पर पंसदीदा कार्यक्रम का पैक चुनने से राहत मिलेगी, लेकिन बाद में पता चला कि इसकी आड में आम जनता के उपर घर में टीवी द्वारा होने वाले मनोरंजन पर भी टैक्स का भार डाल दिया, और आमजन को उतने ही चैनल देखने के लिये करीब—करीब दोगुनी रोशि का भुगतान करना पड रहा है।

अभी प्रिटिंग मीडिया में खबर पढी कि डिजिटल पेमेंट करेंगे तभी मिलेगा सिलेण्डर, पायलट प्रोजेक्ट में कोटा व अजमेर को चुना। यदि उपभोक्ता ने डिजिटल पेमेंट नहीं किया तो उसे गैस सिलेण्डर नहीं मिलेगा। अरविन्द गुप्ता, महासचिव, हाडौती एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स ऐसोसिएशन ने बताया कि पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने आयल कंपनियों को निर्देश जारी किये है कि उपभोक्ताओं से गैस सिलेण्डर का अब आनलाइन तरीके से भुगतान लिया जाये, इसके लिये कंपनियों ने प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कोटा व अजमेर जिले को चुना, इसकी कवायद शुरू कर दी है।

मतदाताओं में सिलेण्डर की इस पायलट प्रोजेक्ट योजना को लेकर भारी आक्रोश है कि यह योजना तो फेल होकर रहेगी, लोग इसके विरोध में न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे। डिजिटल पेमेंट की आड में केन्द्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी केन्द्रीय सरकार द्वारा प्रत्याभूत मौद्रिक करेन्सी को अमान्य कैसे कर सकती है ? जिसमें रिजर्व बैंक आफ इंडिया के गवर्नर के हस्ताक्षर से लिखा होता है कि मैं धारक को रूपये अदा करने का वचन देता हूं। और इस मुद्रा की गारंटी केन्द्रीय सरकार द्वारा नोट पर ही दी हुई है। इसे गैस सिलेण्डर लेकर ग्राहक द्वारा देने पर अमान्य करना संवैधानिक रूप से गलत है, तानाशाही है।

मतदाताओं में यह भी आक्रोश है कि गैस सिलेण्डर गरीब से गरीब आदमी के घर में भी मौजूद है, जो दिन भर पकौडे बेच कर कमाता है तो रात में उसके घर पर चूल्हा जलता है। गैस सिलेण्डर आता है तो इधर—उधर से पडौसियों से उधार लेकर सिलेण्डर वाले को पैसे देता है, वह गरीब आदमी बैंक में जमा करने के लिये पैसे कहां से लायेगा ? अगर बैंक में पैसे डालेगा तो मिनिमम बैलेंस रखने के अपराध में बैंक द्वारा उन पैसों की कटौती पहले ही कर ली जायेगी।

मतदाताओं में यह भी आक्रोश है कि जहां किसानों ने बेरोजगारी के कारण आत्महत्याएं की, वह डिजिटल पेमेन्ट के लिये क्या अपने बच्चों को बेचकर स्मार्टफोन खरीदेंगे ?

मतदाताओं में यह भी आक्रोश है कि इसी डिजिटल पेमेन्ट के नाम कर केन्द्रीय सरकार अपनी सरकारी योजनाओं के तहत पहले भी पैसा खा चुकी है और अब लगता है कि गरीबों के चूल्हें की आग भी खाने का इसका इरादा है, इसी डिजिटल पेमेन्ट के नाम पर । 

मतदाताओं ने आक्रोश जताते हुए कहा कि इसीलिये नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय सरकार सर्जिकल स्ट्राइक के नाम पर क्या वोट लेंगे, सर्जिकल स्ट्राइक को हमारी बहादुर सेना ने की है और सेना राष्ट्रपति के अधीन होती है। अब तो नरेन्द्र मोदी पर लोकसभा चुनाव 2019 में आम जनता करेगी सर्जिकल स्ट्राइक ।

1 टिप्पणी:

  1. हो सकती है मोदी पर जनता की सर्जिकल स्ट्राइक,सभी दल व नेता अंतिम 5 वें साल में जी रेवणीया बांटने का काम करते हैं,शुरू के 4 साल जनहित में काम करें तो यह नौबत आये ही नहीँ, जनता क्यों कर उनके हितार्थ कार्य करने वाली सरकार को हटाना चाहेगी,

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