बुधवार, 27 मार्च 2019

सीट शेयरिंग पर महागठबंधन में घमसान, नालंदा सीट को लेकर धरने पर बैठे कार्यकर्ता, कादरी ने मांगी काराकाट सीट

 महागठबंधन में सीट शेयरिंग और मनपसंद सीटों को लेकर घमसान मचा है। नालंदा और काराकट सीट को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। एक ओर जहां नालंदा कांग्रेस से जुड़े नेता और कार्यकर्ता प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम पहुंच कर बुधवार को हंगामा किया, वहीं, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने काराकाट की सीट पर दावेदारी ठोंक दी है। नालंदा कांग्रेस के कार्यकर्ता जहां नालंदा सीट को ‘हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा’ से वापस लेने की मांग कर रहे हैं, वहीं कौकब कादरी ने कहा है कि औरंगाबाद की सीट पार्टी को नहीं मिलती है तो काराकाट की सीट मिलनी चाहिए. मालूम कि काराकाट से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा सांसद हैं। कौकब कादरी ने औरंगाबाद या काराकाट की सीट नहीं मिलने पर बड़ा रिएक्शन होने की बात कही है।
धरने पर बैठ गये नालंदा से आये कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता



नालंदा लोकसभा की सीट महागठबंधन की सहयोगी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी के खाते में जाने के बाद विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि साजिश के तहत नालंदा की सीट हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को दे दी गयी है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि नालंदा लोकसभा क्षेत्र में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का ना तो संगठन है और ना ही जनाधार। ऐसे में नालंदा की सीट हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को दिये जाने के संबंध में कांग्रेसियों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिख कर मांग की है कि इस निर्णय को बदला जाना चाहिए। नालंदा से आये कार्यकर्ताओं ने सीट बंटवारे के विरोध में नारेबाजी करते हुए कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में धरने पर बैठ गये।


कौकब कादरी ने औरंगाबाद या काराकाट की मांगी सीट, कहा- नहीं मिलने पर होगा बड़ा रिएक्शन
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को दी गयी औरंगाबाद की सीट या काराकाट की लोकसभा सीट से पार्टी की दावेदारी की मांग की है। कादरी ने कहा है कि पार्टी को औरंगाबाद की सीट नहीं मिलती है, तो काराकाट की सीट मिलनी चाहिए। उन्होंने दक्षिण बिहार में कांग्रेस की उपस्थिति को लेकर कहा है कि औरंगाबाद की सीट नहीं मिलती है, तो काराकाट की सीट मिलनी चाहिए। हमें सिर्फ सासाराम की सीट ही मिली है। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो इसका बड़ा रिएक्शन होगा। अल्पसंख्यक समाज की अनदेखी करने का आरोप पार्टी पर लगाते हुए उन्होंने कहा है कि हम काराकाट क्षेत्र के निवासी हैं। हमारी भी इच्छा है कि हम यहां से चुनाव लड़ें।

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