लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने अपने खजाने का मुंह खोल दिया है। अब तक वित्तीय घाटे को लेकर सजग रहने वाली सरकार ने अगले साल के वित्तीय घाटे की चिंता किए बगैर चुनावी साल के अंतरिम बजट में सबके लिए खुले हाथ से सौगात बांटने का ऐलान किया है। छोटे किसानों को हर साल छह हजार रुपए दिए जाएंगे तो असंगठित मजदूरों को तीन हजार रुपए की पेंशन देने की योजना बनी है।
इसी तरह अब तक कर छूट की सीमा में मामूली बढ़ोतरी कर रही केंद्र सरकार ने एक बार में कर छूट की सीमा ढाई लाख रुपए बढ़ा दी है। अब पांच लाख रुपए की सालाना आय वाले को आय कर नहीं देना होगा। इस फैसले से करीब तीन करोड़ लोग कर के दायरे से बाहर हो गए हैं। गौरतलब है कि सरकार ने बड़े प्रयास के बाद कर का दायरा बढ़ा कर तीन करोड़ लोगों को इसमें जोड़ा था।
बहरहाल, वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश किया, जिसमें छोटे और सीमांत किसानों को हर साल छह हजार रुपए और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए नई पेंशन योजना का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने वेतनभागियों के लिए पांच लाख रुपए तक की आय को कर मुक्त बनाने और पांच करोड़ रुपए का कारोबार करने वाले कारोबारी वर्ग को वस्तु व सेवा कर, जीएसटी रिटर्न भरने में छूट की बड़ी राहत दी है।
गोयल ने अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि किसानों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चालू वित्त वर्ष से शुरू की जा रही है। इसके लिए अभी 20 हजार करोड़ रुपए और अगले वित्त वर्ष के लिए 75 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना से करीब साढ़े 12 करोड़ छोटे किसानों को लाभ होगा। यह राशि दो-दो हजार रुपए की तीन किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना शुरू की जा रही है। 18 से 40 साल की उम्र के कामगार इससे जुड़ सकते हैं, जिन्हें तीन हजार रुपए मासिक पेंशन दी जाएगी। इसमें जिनती राशि कामगार देगा सरकार भी उतनी ही राशि जमा करेगी। इस योजना में घरेलू कामगार को भी शामिल किया गया है। यह 15 फरवरी से शुरू हो जाएगी।
बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं से चर्चा में उन्होंने कहा कि अंतरिम बजट की एक मर्यादा होती है और इसे देखते हुए आय कर के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सिर्फ मध्यम वर्ग को राहत पहुंचाते हुए उसे पांच लाख रुपए की शुद्ध वार्षिक आय पर कोई कर नहीं देने का प्रावधान किया गया है।
गोयल ने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान करने से सरकार राजकोषीय घाटे को 3.3 फीसदी के दायरे में नहीं रख पाई और यह 3.4 फीसदी पर पहुंच गया। अगले वित्त वर्ष में भी इसके 3.4 फीसदी पर रहने का बजट अनुमान रखा है। हालांकि, राजकोषीय अनुशासन कार्ययोजना के तहत इसे 2019-20 में इसे कम करके 3.1 फीसदी और 2020-21 में तीन फीसदी पर लाया जाना था।

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