14 फरवरी को आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए, मैंने सोचा कि तीनों सेनाओं के मुखिया सेना को दुश्मन देश में घुसकर मारने के लिये खुली छूट देंगे, लेकिन जनाक्रोश को भांपते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं आतंकी संगठनों और आतंकवादियों के सरपरस्तों से कहना चाहता हूं कि वह बहुत बडी गलती कर चुके हैं, बहुत बडी कीमत उनको चुकानी पडेगी, खून की बूंद—बूंद का हिसाब लेंगे, समय, जगह सेना खुद तय करेगी, सेना को खुली छूट दे दी गई हैंं । गृहमंत्री राजनाथसिंह ने एनएसए अजित डोभाल और अन्य अफसरों के साथ मीटिंग करके घाटी में आतंकियों के खात्मे के आदेश दिये, सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने भी वादा किया कि सभी दल राष्ट और सैन्य बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खडे रहेंगे।
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| राजेन्द्र सिंह गहलोत |
शहादत के पांचवे दिन जैश—ए—मोहम्मद के दो आतंकी ढेर किये गये, आश्चर्य तब हुआ जब आतंकियों को बचाने के फलस्वरूप आतंकियों की पत्थरबाज रेजिमेंट ने मोर्चा संभाल लिया और सुरक्षाबलों को मात्र चेतावनी देते रहे कि आप रास्ते से हट जाओ, आपकी जान हमारे लिये कीमती है।
तुरन्त मन में विचार कोैंधा कि ये सुरक्षाबलों को किस तरह की खुली छूट दी गई है कि आतंकियों की पत्थरबाज रेजिमेंट मोर्चा संभाल लेती है तो सुरक्षाबलों को उनको सीधा—सीधा ठोक डालने के बजाय चेतावनी देनी पडती है कि आपकी जान हमारे लिये कीमती है। इस तरह सरकार द्वारा सुरक्षाबलों को दी गई खुली छूट के क्या मायने हैं, जब आतंकवाद का रॉ मैटेरियल पत्थरबाज रेजिमेंट को सुरक्षाबल सीधे खत्म न कर सके, बल्कि उन्हें चेतावनी दें।
जनता के मन की बात तो यह है कि वोटबैंक की परवाह किये बिना देशहित में आतंकियों की पत्थरबाज रेजिमेंट को सुरक्षाबलों द्वारा ठोकने की खुली छूट दे दी जाये तो घाटी में कोई आतंकी ही पैदा नहीं होगा, डर पैदा करना जरूरी है उनके दिलों में, देशहित में, देशहित देखना होगा, वोटबैंक हित नहीं। तभी कुछ होगा । कहीं ऐसा न हो सरकार के आदेश का इंतजार किये बगैर देशहित में खुद ही पत्थरबाज रेजिमेंट को और इनकी पैरवी करने वालों को सुरक्षाबल ठोक डाले, तब शायद तीनों सेनाओं के मुखिया
कहेंगे कि हमने दी थी सुरक्षाबलों को घर में घुसे आस्तीन के सांपों को कुचलने की खुली छूट और तब पूरा भारत बोल उठेगा शहीदों के परिवारों के साथ—साथ जय हिंद ।


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