देश भर में घूम कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले लगभग सारे नेता इस बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी अपवाद होंगे। उनको छोड़ कर बाकी सभी नेताओं के चुनाव लड़ने की चर्चा है। भाजपा छोड़ने वाले यशवंत सिन्हा, भाजपा के बाकी शत्रुघ्न सिन्हा, पटेल आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल, विश्व हिंदू परिषद से बाहर किए गए कट्टर हिंदुवादी नेता प्रवीण तोगड़िया, आक्रामक दलित आंदोलन चलाने वाले दो नेता- चंद्रशेखर आजाद व जिग्नेश मेवानी, ओबीसी राजनीति के चेहरे के तौर पर उभरे अल्पेश ठाकोर और जेएनयू छात्र संघ से निकले कन्हैया कुमार व शेहला रशीद चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
बताया जा रहा है कि यशवंत सिन्हा को पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग और दिल्ली की नई दिल्ली सीट से लड़ने का प्रस्ताव दिया गया है। वे विपक्ष के साझा उम्मीदवार हो सकते हैं। शत्रुघ्न सिन्हा के पास भी अपनी पारंपरिक पटना साहिब सीट के साथ साथ दिल्ली में उत्तर पश्चिमी सीट से या बंगाल की आसनसोल सीट से लड़ने का प्रस्ताव है। पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की उम्र 25 साल हो गई है और वे गुजरात की अमरेली सीट से लड़ने की तैयारी में हैं। अमरेली और मेहसाणा दो जगह से उनके नाम की चर्चा है पर चूंकि मेहसाणा में उनके ऊपर अदालती पाबंदी है इसलिए अमरेली से ही लड़ने की संभावना है।
गुजरात के हिंदुवादी नेता प्रवीण तोगड़िया ने मोदी के खिलाफ जंग का ऐलान किया है। वे विश्व हिंदू परिषद से बाहर हो गए हैं और अपना नया संगठन बनाया है। वे एक राजनीतिक पार्टी भी बनाने जा रहे हैं। वे खुद उत्तर प्रदेश की अयोध्या सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धुमकेतू की तरह उभरे चंद्रशेखर आजाद सहारनपुर सीट से लड़ सकते हैं तो जिग्नेश मेवानी के कांग्रेस की टिकट से गुजरात से लड़ने की संभावना है।
ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर भी गुजरात की किसी सीट से लड़ सकते हैं। वे फिलहाल कांग्रेस के विधायक हैं और कांग्रेस ने राज्य में चुनाव से जुड़ी सभी कमेटियों में उनको रखा है। कन्हैया कुमार के बिहार की बेगूसराय सीट से लड़ने की संभावना है तो शेहला रशीद जम्मू कश्मीर की किसी सीट से चुनाव लड़ सकती हैं।

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