ममता बनर्जी कोलकाता में धरने पर बैठीं तो देश भर की विपक्षी पार्टियों ने उनका समर्थन किया पर मौके पर उनके साथ समर्थन जताने के लिए सिर्फ तीन पार्टियों के नेता पहुंचे। एक दिन राजद नेता तेजस्वी यादव और डीएमके सांसद कनिमोझी पहुंचे तो दूसरे दिन टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने कोलकाता पहुंच कर ममता का समर्थन किया। उनकी पार्टी के जानकार सूत्रों का कहना है कि ममता इससे संतुष्ट नहीं हैं। वे अपने पीछे समूचे विपक्ष को गोलबंद करना चाहती हैं ताकि कांग्रेस को मैसेज दिया जा सके और साथ ही प्रधानमंत्री बनने की आस लगाए दूसरी पार्टी के नेताओं को भी बताया जा सके कि विपक्ष उनके साथ है।
तभी अब ममता बनर्जी दिल्ली में धरना देने पहुंच रहीं हैं। उन्होंने इसके लिए 13 और 14 फरवरी का दिन तय किया है। संसद का बजट सत्र 13 फरवरी तक चलना है। इसलिए अगर वे 13 के दिल्ली में धरना देती हैं तो सभी विपक्षी पार्टियों के नेता उसमें शामिल हो सकते हैं। हालांकि दूसरी पार्टियों के नेता भी उनके इस दांव को समझ रहे हैं। इसलिए संभव है कि सब पार्टियों के संसदीय नेता या छोटे छोटे नेता ही उनके धरने में शामिल हों। उनके धरने को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि उनको अंदेशा है कि संसद का सत्र खत्म होने और चुनाव की घोषणा होने के बीच की अवधि में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई तेज होगी। इसलिए वे दिल्ली में धरना देकर सरकार पर दबाव बनाए रखना चाहती हैं।

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