सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि पुलवामा के कार बम हमले में पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई शामिल थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीर में हथियार उठानेवाले अगर समर्पण नहीं करते तो उनका सफाया कर दिया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि पुलवामा आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। सेना की श्रीनगर स्थित 15वीं कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग ले जनरल केजेएस ढिल्लों ने कहा कि 14 फरवरी के आतंकवादी हमले के 100 घंटों के अंदर ही कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद नेतृत्व का सफाया कर दिया गया। उन्होंने कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक एसपी पाणि और सीआरपीएफ के महानिरीक्षक जुल्फिकार हसन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की। सोमवार को, पुलवामा जिले के पिंगलान क्षेत्र में 16 घंटे तक चली मुठभेड़ में जैश के तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया। इस मुठभेड़ में सेना के एक मेजर और चार सुरक्षाकर्मी भी शहीद हो गये। यह घटना 14 फरवरी के घटनास्थल से 12 किलोमीटर दूर है।
ढिल्लों ने संवाददाताओं से कहा कि जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तानी सेना द्वारा खड़ा किया गया है और जैश-ए-मोहम्मद पर पाकिस्तानी सेना तथा आईएसआई का नियंत्रण है। इसमें पाकिस्तानी सेना की 100 प्रतिशत संलिप्तता है, इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने आतंकवादी बन गये युवकों की माताओं से अपील की कि वे अपने बेटों को आत्मसमर्पण करने के लिए समझायें, अन्यथा उनका सफाया कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा, कश्मीर में हथियार उठानेवाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा बशर्ते कि वह आत्मसमर्पण कर दे. यह उन सभी के लिए संदेश और अनुरोध है। सोमवार के आपरेशन का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा कि कामरान सहित जैश के तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया है। कामरान कश्मीर घाटी में आतंकवादी संगठन का स्वयंभू मुख्य आपरेशन कमांडर था।
उन्होंने कहा कि विशिष्ट सूचना के आधार पर रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात हमने इस माॅड्यूल पर हमला किया और उन्हें देश को यह जानकारी देते हुए खुशी हो रही है कि कार बम हमले के 100 घंटों के अंदर ही हमले कश्मीर में जैश के नेतृत्व का सफाया कर दिया। सेना के अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बल 14 फरवरी के हमले के बाद से ही जैश के शीर्ष नेतृत्व पर नजर रख रहे थे। उन्होंने कहा कि हमले को जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया और आईएसआई की मदद से पाकिस्तानी सेना इस पर नियंत्रण कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते की घटना में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी कार से एक बस को टक्कर मार दी। कश्मीर में यह इस तरह की पहली घटना थी। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना यहां पहले कभी नहीं हुई। हालांकि सीरिया, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में ऐसी घटनाएं होती रही हैं। सोमवार को मारे गये जैश आतंकवादी गाजी अब्दुल राशिद के बारे में पूछे जाने पर ढिल्लों ने कहा, कई गाजी आये और गये। इसमें कुछ भी नया नहीं है। हम इससे निपटते रहेंगे। किसी गाजी को आने दीजिये।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें