अल कायदा : यह समूह 2001 से पाकिस्तान के फेडरली एडमिनिस्टर्ड ट्राइबल एरिया यानी फाटा व कराची से आतंकी समूह का संचालन कर रहा है। ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद उसका सहायक अयमान अल-जवाहिरी इसकी कमान संभाल रहा है। हमारे देश में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत इस संगठन के नये ठिकानों पर प्रतिबंध है। इसे समूह पर विश्व के अनेक देश प्रतिबंध लगा चुके हैं।
हिजबुल मुजाहिदीन : सितंबर 1989 में अहसान डार ने कश्मीर घाटी में इस आतंकी समूह की शुरुआत की थी। वर्तमान में यह समूह जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां संचालित कर रहा है। पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में इस समूह का मुख्यालय है। इस आतंकवादी समूह का मुखिया सैयद सलाहुद्दीन है। यह उन 32 आतंकी संगठनों में से एक है जो आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 2002 (प्रिवेंशन ऑफ टेररिज्म एक्ट) के तहत भारत में प्रतिबंधित है।
लश्कर-ए-तैयबा : वर्ष 1990 में अफगानिस्तान के कुनर प्रांत में लश्कर-ए-तैयबा की स्थापना हुई थी। वर्तमान में लाहौर के नजदीक मुरिड्के से यह संगठन आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करता है।
इसका मुखिया हाफिज मुहम्मद सईद है। यह संगठन वर्ष 31 दिसंबर, 2001 में भारतीय संसद और 26 नवंबर, 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है। भारत में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत इसकाे गैरकानूनी घोषित किया गया है। अमेरिका और ब्रिटेन में भी इस संगठन पर प्रतिबंध है।
जैश-ए-मुहम्मद : इस आतंकी समूह की शुरुआत जनवरी, 2000 में मौलाना मसूद अजहर ने कराची में की थी। यह समूह जम्मू-कश्मीर में चल रही आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहता है। यह संगठन 31 दिसंबर, 2001 को भारतीय संसद पर हमले का जिम्मेदार है। भारत सरकार ने पोटा के तहत 25 अक्तूबर, 2001 को इस संगठन काे प्रतिबंधित किया था। 26 दिसंबर, 2001 को अमेरिका ने इसे विदेशी आतंकवादी संगठन नामित किया था।
हरकत-उल-मुजाहिदीन (पूर्व में हरकत-उल-अंसार) : हरकत-उल-अंसार की शुरुआत पाकिस्तान के दो आतंकी समूहों हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी और हरकत-उल-मुजाहिदीन के विलय के बाद हुई थी, जिसका सरगना मौलाना सादतुल्लाह खान था। वर्ष 1997 में अमेरिका ने हरकत-उल-अंसार को आतंकवादी संगठन घोषित किया था।
अमेरिकी प्रतिबंध से बचने के लिए 1998 में इस समूह ने एक बार फिर से अपना नाम हरकत-उल-मुजाहिदीन कर लिया। इस आतंकी समूह का मुख्यालय मुजफ्फराबाद है. इसी संगठन के संदिग्ध आतंकवादियों ने दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस का विमान आईसी 814 का काठमांडू से अपहरण कर लिया था। आईएसआई के अनुसार, इस समूह के ज्यादातर लड़ाके अब लश्कर-ए-तैयबा में जा चुके हैं।
अन्य संगठन : इन सबके अलावा, अद बद्र, जमियत उल-मुजाहिदीन, लश्कर-ए-जब्बार, हरकत-उल-जेहाद-अल-इस्लामी, मुत्ताहिदा जेहाद कौंसिल, तहरिक-उल-मुजाहिदीन समेत सैकडों ऐसे आतंकी संगठन हैं जो पाकिस्तानी जमीं से संचालित होते हैं और पाकिस्तान की सरकार, सेना, खुफिया एजेंसी उसे सहायता मुहैया कराती है।
पाकिस्तान में घरेलू आतंकी संगठन
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान : इस समूह काे आमतौर पर पाकिस्तानी तालिबान के नाम से जाना जाता है। 9 सितंबर, 2011 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टावर पर हुए हमले के बाद नाटो द्वारा अफगानिस्तान में सर्च ऑपरेशन किया गया था। इस ऑपरेशन से बौखलाये पाकिस्तान के 13 चरमपंथियों समूहों ने मिल कर बैतुल्लाह महसूद के नेतृत्व में तहरीक-ए-तालिबान का गठन किया था।
सिपह-ए-सहाबा पाकिस्तान : सुन्नी समुदाय के इस आतंकी संगठन को पहले अंजुमन सिपह-ए-सहाबा के नाम से जाना जाता था। यह संगठन आतंकी गतिविधियों में में लिप्त रहा है और इसका प्राथमिक लक्ष्य शिया समुदाय को निशाना बनाना रहा है। इस आतंकी समूह का गठन मौलाना हक नवाज झांगवी, मौलाना जिया-उर-रहमान फारूकी, मौलाना ऐसार-उल-हक कासमी और मौलाना आजम तारिक ने किया था।
लश्कर-ए-झांगवी : इस सुन्नी-देवबंदी आतंकी समूह की स्थापना 1996 में सिपह-ए-सहाबा के टूटने से हुई थी। वर्तमान में इस आतंकी समूह का प्रमुख मुहम्मद अजमल है।
अन्य संगठन : इन घरेलू आतंकी संगठनों के अलावा लश्कर-ए-उमर, तहरीक-ए-नफज-ए-शरीयत-ए-मोहम्मदी, सिपह-ए-मोहम्मद पाकिस्तान समेत अनेक घरेलू आतंकी संगठन हैं जो पाकिस्तान में सक्रिय हैं वहां समय-समय पर आतंकी हमलों को अंजाम देते रहते हैं। इसके साथ ही अल-राशिद ट्रस्ट, अल-अख्तर ट्रस्ट, राबिता ट्रस्ट, उम्माह तमिर-ए-नाउ जैसे कई चरमपंथी समूह भी पाकिस्तान में सक्रिय हैं।
संयुक्त राष्ट्र की सूची में 139 पाकिस्तानी आतंकियों व संगठनों के नाम
बीते वर्ष अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान की धरती से आतंकी गतिविधियों का संचालन करने वाले 139 आतंकी सरगनाओं और समूहों की सूची जारी की थी। सुरक्षा परिषद की इस सूची में पहला नाम अल-कायदा के अयमान अल-जवाहिरी का है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यह आतंकी अभी भी अफगानिस्तान-पाकिस्तान के सीमा क्षेत्र में छिपा हुआ है। अल-कायदा के कई लड़ाकों का नाम इस सूची में शामिल हैं।
इस सूची में दूसरा नाम आतंकी राम्जी मोहम्मद बिन अल-शेइबाह है। शेइबाह एक यमनी नागरिक है, जिसे कराची से गिरफ्तार कर अमेरिकी अधिकारियों को सौंप दिया गया था।
एक दर्जन से अधिक ऐसे संदिग्ध आतंकवादी इस सूची में शामिल हैं, जिन्हें पाकिस्तान से गिरफ्तार कर अमेरिकी अधिकारियों को सौंपा गया था। इनमें से कई आतंकियों के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट भी मिले थे। दाऊद इब्राहिम कासकर का नाम भी इस सूची में है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनुसार, उसके पास अनेक पाकिस्तानी पासपोर्ट हैं, जो कराची और रावलपिंडी से जारी किये गये थे।
लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) प्रमुख हाफिज माेहम्मद सईद का नाम भी इस सूची में शामिल है। सईद का नाम इस सूची में इंटरपोल द्वारा वांछित आतंकी के रूप में है।
हाफिज के समूह के कई आतंकी, जिनकी इंटरपोल काे तलाश है, भी इसमें शामिल हैं। एलईटी अपने कई छद्म नामों जैसे अल-मंसूरियन, पासबान-ए-कश्मीर, पासबान-ए अहले हदीस, जमात-उद-दवा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन, के साथ इस सूची में शामिल है। इस सूची में उन आतंकी संगठनों को भी जगह दी गयी है, जो कथित तौर पर पाकिस्तान में स्थित हैं और यहां से काम कर रहे हैं या किसी न किसी पाकिस्तानी व्यक्ति के साथ उनका संपर्क है।
इन संगठनों में अल रशीद ट्रस्ट, हरकत-उल-मुजाहिदीन, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान, वफा ह्यूमैनिटेरियन ऑर्गनाइजेशन, जैश-ए-माेहम्मद, राबिता ट्रस्ट, उम्माह तमीर-आई नाउ, अफगान सपोर्ट कमेटी, रीवाइवल ऑफ इस्लामिक हेरिटेज सोसाइटी, लश्कर-ए-झांगवी, अल-हर्मैन फाउंडेशन, इस्लामिक जिहाद ग्रुप, अल अख्तर ट्रस्ट इंटरनेशनल, हरकत-उल-जिहाद इस्लामी, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जमात-उल-अहरर और खातिबा इमाम अल-बुखारी शामिल हैं. अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर स्थित कुछ संगठन भी इस सूची में शामिल हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें