शनिवार, 9 फ़रवरी 2019

गुर्जरों ने पटरियों पर गाड़े तंबू, ट्रेनों के बाद अब बसों का संचालन भी बंद

 आरक्षण को लेकर राजस्थान में भड़की चिंगारी धीरे धीरे बड़ी आग का रूप लेती दिख रही हैं। गुर्जर लगातार दो दिन से रेलवे ट्रैक पर हैं। पांच जातियों को पांच फीसदी आरक्षण के नोटिफिकेशन की मांग को लेकर शुक्रवार शाम पांच बजे से शुरू हुआ गुर्जर आंदोलन दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रहा। पहले दिन से जहां ट्रेनें प्रभावित हुई हैं, वहीं अब बसों के संचालन को भी गुर्जर आंदोलन प्रभावित करने लगा है। 

 हजारों गुर्जरों ने राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के मलारना रेलवे स्टेशन से ढाई किलोमीटर दूर मकसूदनपुरा में पड़ाव डाल रखा है। कड़ाके की ठण्ड के बीच गुर्जरों ने यहीं पर रात बिताई। गुर्जरों ने रेल पटरियों के पास तंबू गाड़ रखे हैं। 8 डिग्री न्यूनतम तापमान भी गुर्जरों को हौसला नहीं डिगा पाया। सुबह पाला जमने के बावजूद गुर्जरों ने महापड़ाव जारी रखा। गुर्जरों ने इसलिए मकसूदनपुरा को गुर्जर आंदोलन के लिए दौसा का सिकन्दरा चौराहा, पीलूपुरा के बाद अब सवाई माधोपुर के मलारना स्टेशन के पास का गांव मकसूदनपुरा भी चर्चा में है।

 गुर्जर आरक्षण आंदोलन 2019 का आगाज करने के लिए गुर्जर नेताओं ने मकसूदनपुरा को चुना। इसकी एक वजह यह भी है कि इसके आस-पास गुर्जर बाहुल्य 15 गांव है। इनमें मकसूदनपुरा के अलावा मलारना स्टेशन, नदी बाढ़ बिलोली, चौहानुपरा, गुर्जर टापरी, बालोली, दौनायचा, श्यामौली, रईथा, बौंली, बरियारा, गोठ, मोरपा व डिडवाड़ा आदि शामिल हैं। 

देवनारायण मंदिर में तैयार हो रहा भोजन

 आरक्षण के लिए रेल पटरियों पर कब्जा जमाए बैठे गुर्जर वहीं पर रात बिताने के साथ ही चाय नाश्ता और भोजन वहीं पटरियों पर ही कर रहे हैं। आंदोलनरत गुर्जरों के लिए भोजन मकसूदनुपरा स्थित देवनारायण मंदिर में तैयार किया जा रहा है। 15 गांवों के जो लोग पटरियों पर नहीं बैठे हैं, वे देवनारायण मंदिर में भोजन-पानी की व्यवस्था कर आंदोलन में सहयोग कर रहे हैं।

 वार्ता तो होगी सिर्फ ट्रैक पर ही राजस्थान में गर्जर आरक्षण आंदोलन मतलब कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला। पिछले एक दशक से अनेक बार गुर्जर आरक्षण आंदोलन कर चुके हैं। हर बार की तरह इस बार भी नेतृत्व कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला कर रहे हैं। गुर्जर आंदोलन 2019 के दूसरे दिन दोपहर तक महापड़ाव डाले बैठे गुर्जरों से सरकार की तरह से वार्ता के लिए कोई नहीं पहुंचा। किरोड़ी सिंह बैंसला पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि अब वार्ता बंद कमरों की बजाय रेलवे ट्रैक पर होगी।

 गुर्जरों ने यहां रोकी रोडवेज बसें आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनरत गुर्जरों ने गांव गुड़ला में जाम लगाने के लिए रोडवेज बसों को रोकना चाहा। ऐसे राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने हिण्डौन-करौली मार्ग पर रोडवेज बसों का संचालन बंद कर दिया है। इससे भरतपुर, जयपुर, अलवर, मथुरा और उदयपुर की ओर जाने वाले बस यात्री प्रभावित होने लगे हैं।

 दिल्ली-मुम्बई के बीच रेल सेवा बंद दिल्ली से मुम्बई की ओर जाने वाली ट्रेनें सवाई माधोपुर होकर गुजरती हैं, जबकि यही ट्रैक गुर्जर आंदोलन से सर्वाधिक प्रभावित है। ऐसे में शुक्रवार शाम को सवाई माधोपुर के मलारना रेलवे स्टेशन से किलोमीटर दो दूर स्थित मकसूदनपुरा में रेलवे के लेवल क्रॉसिंग नम्बर 167 के पास पटरियों पर महापड़ाव डाला उसके बाद से दिल्ली-मुम्बई के बीच ट्रेनों का संचालन बंद करना पड़ा।



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