शुक्रवार, 26 जुलाई 2019

नाम बदलने का अभियान फिर से

पश्चिम बंगाल के सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बुधवार को सांसदों ने उनसे मिल कर पश्चिम बंगाल का नाम बदलने की अपील की। ध्यान रहे इससे पहले केंद्र सरकार राज्य सरकार की अपील ठुकरा चुकी है। पश्चिम बंगाल का नाम बदल कर बांग्ला या बंगाल करने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने विधानसभा से पास करा कर केंद्र को भेजा है। पर केंद्र सरकार का कहना है कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर की दिक्कतें आ रही हैं। बांग्लादेश के साथ नाम का टकराव हो सकता है। पश्चिम बंगाल सरकार का कहना है कि जब पूर्वी बंगाल भारत का हिस्सा था तब पश्चिम बंगाल नाम ठीक था। पर पूर्वी पाकिस्तान के बांग्लादेश बन जाने के बाद भी पश्चिम बंगाल नाम रखना ठीक नहीं है। असल में तृणमूल कांग्रेस के नेता इसके जरिए बांग्ला अस्मिता का कार्ड खेल रहे हैं। 

इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने पश्चिम बंगाल के सियाल्दह रेलवे जंक्शन का नाम बदल कर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जंक्शन करने की मांग शुरू कर दी है। कहा जा रहा है कि रेल मंत्रालय इसकी मंजूरी दे सकता है। 2021 में होने वाले चुनाव से पहले यह काम पूरा हो जाएगा। ऐसे ही दिल्ली में सड़कों का नाम बदल रहे भाजपा नेताओं ने अब दिल्ली का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है। वैसे यह प्रस्ताव सिर्फ अंग्रेजी नाम की स्पेलिंग बदलने का है। अंग्रेजी में देल्ही लिखा जाता है। भाजपा सांसद विजय गोयल ने संसद में प्रस्ताव दिया है कि इसे अंग्रेजी में भी दिल्ली ही लिखा जाए। 

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