सोमवार, 29 जुलाई 2019

संसदीय तालमेल में विफल विपक्ष

लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष एकजुट होने का जितना प्रयास करता दिख रहा था आज उतना ही प्रयास बिखरने का करता दिख रहा है। संसद के चालू सत्र में किसी भी मसले पर विपक्षी पार्टियां तालमेल नहीं बना पा रही हैं। पहले माना जा रहा था कि चुनाव तुरंत खत्म हुए हैं इसलिए पार्टियां अपने अपने हिसाब से पोजिशनिंग कर रही हैं और आगे की राजनीति के हिसाब से दांवपेंच चल रही हैं। पर सूचना के अधिकार कानून में संशोधन के राज्यसभा से पास होने के बाद यह साफ हो गया कि विपक्ष इतना बिखरा हुआ है कि वह एकजुट नहीं हो सकता है। 

सूचना के अधिकार कानून का उच्च सदन से पास होना एक तरफ जहां सरकार के संसदीय प्रबंधन की जबरदस्त सफलता है वहीं दूसरी ओर विपक्ष की बड़ी विफलता है। यह एक ऐसा मुद्दा था, जिस पर विपक्ष सरकार को रोक सकता था। ध्यान रहे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एनआईए या यूएपीए से जैसे कानूनों में संशोधन पर सरकार को रोकना राजनीतिक रूप से पार्टियों के लिए आत्मघाती है। पर सूचना के अधिकार कानून में बदलाव को लेकर पूरे देश में जैसा माहौल है और जिस तरह सिविल सोसायटी या पूर्व सूचना आयुक्त इन बदलावों का विरोध कर रहे हैं उसमें विपक्ष एकजुट होकर सरकार को रोकता तो उसे आम लोगों का भी समर्थन मिलता। 

पर हैरानी की बात है कि सरकार के संसदीय प्रबंधक एनडीए की सहयोगी पार्टियों के साथ साथ एनडीए और यूपीए के बाहर की तीन तटस्थ पार्टियों को अपने साथ कर लिया। बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने इस विधेयक पर सरकार का समर्थन किया। विपक्ष के लिए ज्यादा चिंता की बात बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस के सांसदों की गैरहाजिरी होनी चाहिए। ये पार्टियां भाजपा का खुला विरोध करती हैं। अगर ये भी परोक्ष रूप से सरकार का समर्थन करती हैं तो फिर विपक्ष आगे की राजनीति कैसे करेग?

यह भी कम हैरानी की बात नहीं है कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के चार सांसद सूचना अधिकार कानून में संशोधन के समय वोटिंग से गैरहाजिर थे। इनमें से कुछ तो सुबह के सत्र में सदन में मौजूद थे पर बाद में लापता हो गए। ममता बनर्जी ने अपने संसदीय नेताओं को इसकी पड़ताल में लगाया है। उनको लग रहा है कि ये सांसद भी पाला बदलने की तैयारी तो नहीं कर रहे हैं। कुल मिला कर लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से ही विपक्ष बिखरा हुआ है और सरकार उनके ऊपर हावी है। 

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