शनिवार, 13 जुलाई 2019

बिहार में प्रकृति की मार : 20 दिन पहले लू से 200 मरे, अब बाढ़ ले रही जान

सैकड़ों गांव टापू में हुए तब्दील
राज्य में 20-22 दिन पहले लू के चलते 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। अब प्रकृति ने रूप बदल लिया है। भारी बारिश के कारण राज्य के 10 जिले बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। कोसी और उत्तर बिहार के इन जिलों के कई गांवों का संपर्क मुख्यालय से कट गया है। लगातार जलस्तर बढ़ने से गंडक, बागमती, कमला, कोसी सहित अन्य नदियां तबाही मचाने लगी हैं। बाढ़ में अब तक 16 लोगों के डूबने की सूचना है़ 

10 जिलों में बाढ़ से स्थिति गंभीर, गांव बने टापू

बगहा/मधुबनी/मोतिहारी/सीतामढ़ी : नेपाल के तराई इलाकों में हो रही लगातार बारिश से गंडक, बागमती और कमला नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सीतामढ़ी, मोतिहारी और मधुबनी जिलों के बड़े इलाके में बाढ़ का पानी फैल गया है। सीतामढ़ी के छह प्रखंड (सुरसंड, सोनबरसा, सुप्पी, परिहार, रून्नीसैदपुर और मेजरगंज) बाढ़ से पूरी तरह घिर गये हैं। पूर्वी चंपारण के ढाका व पताही के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है।

शनिवार को गंडक बराज से 2.1 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। इससे पीपी तटबंध के दुलारी प्वाइंट एवं जीएच प्रभाग पर दबाव बढ़ गया है। बाढ़ का पानी बगहा- बेतिया एनएच 727 पर चौतरवा के समीप दो फुट बह रहा है। सीतामढ़ी के रीगा-मेजरगंज पथ पर इमली बाजार लचका के समीप स्थित पुलिया शनिवार की देर शाम पानी के तेज बहाव में बह गया। इस दौरान तकरीबन एक दर्जन लोग बीच मझधार में फंस गये। यह जानकारी मिलने के बाद स्थानीय थानाध्यक्ष ने देर शाम मछुआरों को लेकर मंझधार में फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। 

शुक्रवार की देर रात सुप्पी प्रखंड के जमला में तटबंध टूटने व बागमती एवं अधवारा समूह के नदियों ने विकराल रूप धारण कर लिया है। इससे सैकड़ों गांव जलमग्न हो गये हैं। मुख्य सड़क पर पानी के तेज बहाव व सड़क टूटने के कारण जिले के  सोनबरसा, बैरगनिया, सुरसंड, सुप्पी, परिहार व सुरसंड का सीधा सड़क संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। बाढ़ का पानी रीगा व परसौनी समेत आसपास के प्रखंडों में भी फैल रहा है। सीतामढ़ी-रक्सौल रेलखंड पर गुरहनवां हाल्ट के समीप ट्रैक पर बाढ़ का पानी आ जाने के कारण ट्रेन परिचालन बाधित है। नयी दिल्ली व जालंधर जाने वाली ट्रेन का रूट बदल दिया गया है। वहीं पाटलिपुत्र जाने वाली ट्रेन का परिचालन रद्द कर दिया गया है।

 मधुबनी में कमला व भूतही बलान सहित सभी नदियां उफना गयी हैं। जयनगर में कमला का पानी कमला ब्रिज पर चढ गया है। भूतही बलान व कमला खतरे के निशान से पांच फुट ऊपर बह रही हैं। घोघरडीहा में भूतही बलान का पानी पहुंच जाने से धनखोइ, कालीपुर,जनही टोल सहित अन्य टोल में बाढ़ आ गयी है। फुलपरास के दर्जन भर गांवों में भी पानी घुसने से लोग एनएच पर शरण लेने लगे हैं। झंझारपुर में भी कमला खतरे के निशान से पांच फुट ऊपर बह रही थी। भूतही बलान के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी से पूर्वी व पश्चिमी तटबंध पर दबाव बढ़ गया है।

बागमती, लालबकेया व जान नदी में उफान से पूर्वी चंपारण के पताही व ढाका प्रखंड के कई गांव प्रभावित हो गये है. लालबकेया नदी के गुआबारी, झिटकहिया, सपही, खोरीपाकड़ आदि बांध में रिसाव जारी है। रेन कट का मरम्मत किया जा रहा है। 

कहां-क्या स्थिति

बगहा-बेतिया एनएच 727 पर दो फुट चढ़ा पानी 
मधुबनी में  कमला व भूतही बलान खतरे के निशान से पांच फुट ऊपर
जयनगर में कमला पुल पर चढ़ा बाढ़ का पानी  
मोतिहारी में बागमती नदी के पूरी तटबंध में रिसाव

फारबिसगंज अनुमंडल की दो दर्जन पंचायतों की स्थिति भयावह
अररिया-कुर्साकांटा की लाइफ लाइन सड़क रामपुर बोची के पास हुई क्षतिग्रस्त

कई जगह बांध पर दबाव

बाढ़ के कारण अररिया के कुर्साकांटा, सिकटी, पलासी, जोकीहाट व अररिया प्रखंड के एक दर्जन से अधिक पंचायतों का संपर्क जिला मुख्यालय से शनिवार की दोपहर तक ठप हो गया. इन प्रखंडों की दर्जनों पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। कई गांव चारों तरफ पानी फैल जाने के कारण टापू में तब्दील हो गये हैं। फारबिसगंज अनुमंडल की एक दर्जन से अधिक पंचायतों का भी फारबिसगंज अनुमंडल से संपर्क भंग हो गया है। फटकी चौक से कांशीबाड़ी जाने वाली सड़क को जोड़ने वाली सड़क मदरसा के पास कट जाने से आवाजाही में परेशानी हो रही है। 

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