जयपुर। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री बुलाकी दास कल्ला ने विधानसभा में बताया कि किसी भी प्रकरण में दोषी पाये जाने पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को संबंधित प्रशासनिक विभाग द्वारा नोटिस दिया जाता है तथा अधिकारी के सहमत नहीं होने पर मामला कार्मिक विभाग में आता हैै।
कल्ला प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का कार्मिक मंत्री की ओर से जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद को सीधे विभाग द्वारा तथा अन्य विभागों में कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को संबंधित प्रशासनिक विभाग द्वारा नोटिस दिया जाता है। उन्होंने में विभाग में आने वाले मामलों के बारे में बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के चार अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किये गए जबकि 14 मामले विचार स्तर पर समाप्त किये गये तथा एक अधिकारी सी आर मजीट को नियम 10 के तहत नोटिस जारी किया गया।
इसी प्रकार भारतीय पुलिस सेवा के सात अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किये गए इनमें पांच प्रकरण विचार स्तर पर समाप्त किये गये तथा एक अधिकारी को अन्तिम आदेश जारी किया गया। उन्होंने बताया कि भारतीय वन सेवा के एक अधिकारी को आरोप पत्र जारी किया गया तथा यह प्रकरण अभी समाप्त ही हुआ है और न ही अन्तिम आदेश जारी किया गया।
उन्होंने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के जिन अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किये गये हैं उनमें जी. एस. सन्धू, सूआ लाल भाटी, हंसा सिंह, गोविन्द शर्मा, हेमराज एवं अबताब हुसैन है। इसी प्रकार भारतीया पुलिस सेवा के अधिकारी पंकज कुमार चौधरी को दो आरोप पत्र जारी किये है। उन्होंने बताया कि चौधरी को संघ लोकसेवा आयोग के आदेश संख्या 18 अक्टुबर, 2017 के द्वारा परिनिन्दा के दण्ड से दण्डित किया गया। इसके अतिरिक्त चौधरी को भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश दिनांक 8 फरवरी, 2019 के द्वारा भी दण्डित किया गया है।
कल्ला ने बताया कि वन विभाग के नियम 8 के तहत एक अधिकारी को आरोप पत्र जारी किया गया तथा आरोप प्रमाणित पाये जाने पर अखिल भारतीय वन सेवा के नियम 1992 के नियम 6 के तहत दण्डित किये जाने हेतु प्रस्ताव मुख्यमंत्री से अनुमोदन के उपरान्त भारत सरकार को भेजा गया। इसके बाद भारत सरकार के वन मंत्रालय के 8 फरवरी, 2019 के आदेश द्वारा अधिकारी को दण्डित किया गया।
इससे पहले विधायक संयम लोढ़ा के मूल प्रश्न के जवाब में कल्ला ने बताया कि अम्बरीष कुमार, आईएएस, द्वारा राज्य सरकार की बिना अनुमति के एक जून, 2015 से 12 जून, 2015 की अवधि में की गई विदेश यात्रा के संबंध में 18 जून, 2019 द्वारा स्पष्टीकरण चाहा गया हैा उन्होंने स्पष्टीकरण की प्रति सदन के पटल पर रखी।
कल्ला ने बताया कि राजेन्द्र कुमार जोशी (से.नि.), आईपीएस, द्वारा बिना स्वीकृति के प्रतिनियुक्ति अवधि (5 वर्ष 11 माह 2 दिवस) समाप्ति के पश्चात (1 अगस्त, 2009 से 2 जुलाई, 2015 तक) भी विभाग में उपस्थिति नहीं देने के कारण 15 अक्टूबर, 2015 को स्पष्टीकरण चाहा गया है। उन्होंने स्पष्टीकरण की प्रति सदन की मेज पर रखी।
उन्होंने बताया कि विजय शंकर पाण्डे आईएफएस द्वारा 18 जून, 2018 से 29 जून, 2018 तक की अवधि का उपार्जित अवकाश राज्य सरकार की बिना अनुमति के उपभोग किये जाने के कारण 21 अगस्त, 2018 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने नोटिस की प्रति सदन के पटल पर रखी।
कल्ला ने बताया कि एम.एल. मीणा, आईएफएस द्वारा 2 मई, 2018 से 11 मई, 2018 तक की अवधि का उपार्जित अवकाश राज्य सरकार की बिना अनुमति के उपभोग किये जाने के कारण 14 अगस्त, 2018 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने नोटिस की प्रति सदन के पटल पर रखी।
उन्होंने बताया कि श्रीमती सुदीप कौर, आईएफएस द्वारा 21 मई, 2018 से 1 जून, 2018 तक की अवधि का उपार्जित अवकाश राज्य सरकार की बिना अनुमति के उपभोग किये जाने के कराण 21 अगस्त, 2018 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने नोटिस की प्रति सदन की मेज पर रखी।
उन्होंने बताया कि आरएएस. शेखावत, आईएफएस द्वारा 7 मई, 2018 से 25 मई, 2018 तक की अवधि का उपार्जित अवकाश राज्य. सरकार की बिना अनुमति के उपभोग किये जाने के कारण 14 अगस्त, 2018 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने नोटिस की प्रति सदन के पटल पर रखी। कल्ला ने बताया कि खेमराज, आईएएस तत्कालीन प्रमुख शासन सचिव एवं गोविन्द शर्मा, आईएएस द्वारा मैसर्स बिनानी सीमेन्ट लिमिटेड से वसूली योग्य 173 करोड़ रुपये की वसूली को स्थगित करने के संबंध में एवं कम्पनी की प्रारंभिक रूगणावस्था (Incipient Sickness½ का प्रकरण बिना कम्पनी के आवेदन सक्षम कमेटी का गठन प्रस्तावित करने के अरोप के संबंध में स्पष्टीेकरण चाहा गया । उन्होंने स्पष्टीेकरण की प्रति सदन की मेज पर रखा।
कल्ला ने बताया कि पूर्णचन्द किशन, तत्कालीन जिला कलक्टर, श्रीगंगानगर को एसीबी. फौजदारी विविध पिटीशन संख्या 1991/2012, श्रीमती भागवती देवी बनाम स्टेट आफ राजस्थान व अन्य में याची द्वारा अधिनस्थ न्यायालय उपखण्ड मजिस्टे्रट घड़साना जिला श्रीगंगानगर द्वारा पारित आदेश 29 जून, 2012 व 3 नवम्बर, 2003 के साथ विदान अपर सेशन न्यायाधीश अनूपगढ़ कैम्प, घड़साना, जिला श्रीगंगानगर द्वारा फौजदारी प्रकरण संख्या 91/2009 जमना देवी बगैरह बनाम श्रीमती भगवन्ती देवी व अन्य में 20 जुलाई, 2016 में उपखण्ड मजिस्ट्रेट घड़साना तथा जिला कलक्टर, श्रीगंगानगर द्वारा अभिलेख उपलब्ध नहीं कराने व सुनवाई दिनांक को रिकार्ड उपलब्ध कराने के कोई प्रयास नहीं करने एव न्यायालय नोटिस का कोई जवाब नहीं दिये जाने के कारण उक्त देानों अधिकारियों को अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के क्रम में प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए उक्त दोनों अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनिक कार्यवाही करने के क्रम में स्पष्टीकरण 08 फरवरी, 2016 को चाहा गया। उन्होंने स्पष्टीकरण की प्रति सदन की मेज पर रखी।
उन्होंने बताया कि अम्बरीश कुमार, आईएएस, द्वारा दिये गये स्पष्टीकरण पर सक्षम स्तर से यह निर्णय लिया गया है कि भविष्य में इस प्रकृति का आचरण दंढ को आकर्षित करेगा एवं उक्त अवधि की विदेश यात्रा की कार्योत्तर स्वीकृति अनुमोदन उपरान्त स्वीकृति जारी की गई। उन्होंने संबधित आदेश एवं प्रतियां सदन के मेज पर रखी।
कल्ला ने बताया कि राजेन्द्र कुमार जोशी (से.नि.), आईपीएस, को जारी स्पष्टीकरण के पश्चांत प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्ति पर अपने पैतृक विभाग में उपस्थिति नहीं दिया जाना राज्य सेवा के प्रति कर्तव्य या दायित्व को नहीं निभाने व घोर लापरवाही बरतने का द्योतक होने के कारण आरोप पत्र जारी किया गया। उन्होंने बताया कि कार्मिक (क-3/जॉच ख) विभाग द्वारा जारी चार्जशीट एफ 1(242) कार्मिक/क-3/2016 3 मार्च, 2017 के विरुद्व माननीय केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण, जयपुर में ओ.ए. संख्या 1 291/513/217 राजेन्द्र जोशी बनाम भारत संघ व अन्य दायर की गई जिसमें स्थागन जारी किया गया है जो आदिनांक तक प्रभावी है, एवं जिसमें सुनवाई 16 सितम्बर, 2019 नियत है। उन्होंने अधिकरण, जयपुर की बेवसाइट से उक्त प्रकरण की वर्तमान स्थिति एवं प्रकरण में 12 अक्टूबर, 2017 को स्थगन आदेश की प्रति सदन के पटल पर रखी।
उन्होंने बताया कि विजय शंकर पाण्डेे, आईएफएस को दिये गये नोटिस के संबंध में वन विभाग द्वारा पाण्डे द्वारा दिये गये कारण में उक्त अवधि में उपार्जित अवकाश के स्थान पर आकस्मिक अवकाश का उपभोग किये जाने के कारण प्रस्ताव नत्थी किया गया है। उन्होंने संबंधित आदेश एवं प्रतियां सदन के पटल पर रखी।
कल्ला ने बताया कि एम.एल. मीणा, आईएफएस को जारी कारण बताओ नोटिस के संदर्भ में मीणा द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एचओएफएफ) राजस्थान जयपुर की अभिशंषा अनुसार सक्षम स्तर से अनुमोदन उपरान्त उपार्जित अवकाश स्वीकृति आदेश जारी किये गये। उन्होंने संबंधित आदेश एवं प्रतियां सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि सुदीप कौर, आईएफएस को जारी कारण बताओ नोटिस के संदर्भ में कौर द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण में वन विभाग द्वारा भविष्य में इसकी पुनरावृति नहीं की जायेगी की अभिशंषा अनुसार सक्षम स्तर पर अनुमोदन उपरान्त उपार्जित अवकाश स्वीकृति आदेश जारी किये गये। उन्होंने संबंधित आदेश एवं प्रतियां सदन के पटल पर रखी।
कल्ला ने बताया कि खेमराज, आईएफएस को जारी कारण बताओ नोटिस के संदर्भ में शेखावत द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण में प्रशासनिक विभाग द्वारा भविष्य में उपार्जित अवकाश स्वीकृत कराकर ही प्रस्थान किये जाने की सक्षम स्तर पर अनुमोदन उपरान्त उपार्जित अवकाश स्वीकृति आदेश जारी किये गये।
उन्होंने संबंधित आदेश एवं प्रतियां सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि खेमराज, आईएएस एवं गोविन्द शर्मा, आईएएस से प्राप्त स्पष्टीकरण को अशा. टीप 10 जून, 2014 एवं 26 सितम्बर, 2014 और 17 अक्टूबर, 2014 से प्रेषित कर वित्त विभाग द्वारा एक सितम्बर, 2017 एवं एक फरवरी, 2014 से प्रेषित टिप्पणी का परीक्षण किये जाने पर खेमराज एवं गोविन्द शर्मा द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण को सन्तोषजनक पाये जाने पर खेमराज एवं गोविन्द शर्मा को जारी कारण बताओं नोटिस को अशा. टीप 20 मार्च, 2016 के द्वारा निरस्त किया गया। उन्होंने संबंधित आदेश एवं प्रतियां सदन के पटल पर रखा।
कल्ला ने बताया कि पूर्णचन्द किशन तत्कालीन जिला कलक्टर, श्रीगंगानगर से प्राप्त प्रस्ताव का परीक्षण कर पूर्णचन्द किशन, द्वारा प्रस्तुत स्पंष्टीकरण को सन्तोषजनक पाये जाने के कारण उनके विरुद्ध जारी नोटिस को अशा. टीप 11 मार्च, 2016 के द्वारा प्रकरण समाप्त किया। उन्होंने अशा टीप की प्रति सदन के पटल पर रखी।

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