केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि सरकार ‘अमीरों से लो, गरीबों को दो’ के विकास मॉडल पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नए भारत के आधारभूत ढांचे का विकास के लिए पिछले पांच वर्षो में 17 लाख करोड़ रूपये की परियोजनाओं के ठेके दिए गए और 8.41 लाख करोड़ रूपये की संशोधित लागत वाली भारतमाला परियोजना के तहत 65 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण किया जा रहा है।
वर्ष 2019-20 के लिये सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि अच्छी सड़क के लिए ‘पथकर प्रणाली’ जारी रहेगी क्योंकि सरकार के पास पर्याप्त कोष नहीं है। मंत्री ने कहा, कि जो दे सकते हैं, उनसे लो और जो गरीब हैं, उन्हें दो- हमारी सरकार विकास के इसी मॉडल पर काम कर रही है ताकि प्रधानमंत्री का नये भारत के विकास का सपना साकार किया जा सके। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस एवं कुछ अन्य सदस्यों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार किसी राज्य के साथ कोई भेदभाव नहीं करती।
मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में करीब 40 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ और वैश्विक स्तर के हाइवे नेटवर्क तैयार करने पर 4 लाख 31 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए। यह संप्रग सरकार के दूसरे कार्यकाल के पांच वर्षों की तुलना में ज्यादा है।
गडकरी ने कहा कि सिर्फ उनके मंत्रालय ने पिछले पांच सालों में जीडीपी में पौने तीन प्रतिशत का योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में सड़क, पोत परिवहन और जल संसाधन के क्षेत्रों में 17 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं के ठेके दिए गए। इनमें से 11 लाख करोड़ रुपये के काम सड़क क्षेत्र में, छह लाख करोड़ रुपये के काम पोत परिवहन और एक लाख करोड़ रुपये के काम जल संसाधन क्षेत्र में हुए।
गडकरी ने कहा कि इतने काम हो रहे हैं और एक भी रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मैं सदन को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जो प्राथमिकता तय की थी उसके बहुत अच्छे नतीजे आए हैं।
मंत्री के जवाब के बाद आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने गडकरी के कार्यों की सराहना करते हुए अपने सभी कटौती प्रस्तावों को वापस ले लिया । इसके बाद सदन ने ध्वनिमत से अनुदान की मांगों को मंजूरी दे दी।
मंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की कुछ समस्या है। कई सांसदों ने कुछ मुद्दे उठाए हैं, लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि 80 फीसदी भूमि का अधिग्रहण होने तक हम सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले से रुकी 400 से अधिक परियोजनाओं की 95 फीसदी समस्याएं दूर की जा चुकी हैं। इससे बैंकों का तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक एनपीए (गैर निष्पादित संपत्तियां) होने से बचाया गया।
सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि हम 22 ग्रीन एक्सप्रेसवे बना रहे हैं। इनमें से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक है। इससे दोनों महानगरों की दूरी 120 किलोमीटर कम हो जाएगी। सड़क परिवहन मंत्री ने लोकसभा में कहा कि इस ग्रीन हाइवे के 60 प्रतिशत ठेके आवंटित किए जा चुके हैं, इसलिए ढाई से तीन साल के बाद 12 घंटों में दिल्ली से मुंबई जाना संभव हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई मार्ग गुड़गांव से शुरू होकर सवाई माधोपुर, अलवर, रतलाम, झाबुआ, वड़ोदरा होते हुए मुंबई जाएगा। मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट पर सिर्फ जमीन अधिग्रहण में 16 हजार करोड़ रुपये की बचत की है।
राजमार्गो पर पथकर के संबंध में सदस्यों के सवाल पर मंत्री ने कहा कि पथकर कम या ज्यादा हो सकता है लेकिन बंद नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि चार महीने में सभी टॉल को फास्टट्रैक किया जायेगा । श्रेष्ठ प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा और किसी को रूकने की जरूरत नहीं होगी।
सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटनाओं के बारे में सदस्यों की चिंताओं पर गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में हर साल देश में डेढ़ लाख लोग मारे जाते हैं । इनमें से आधे लोगों की मौत के लिये रोड, इसका डीपीआर और रोड इंजीनियरिंग जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि देशभर में 786 ब्लॉक स्पॉट की पहचान और 15 हजार करोड़ रूपये की परियोजना तैयार की गई है। इसे विश्वबैंक और एशियाई विकास बैंक को दिया गया है।
गडकरी ने कहा कि पिछले पांच साल में देश में सड़क हादसों में केवल 3.5 से 4 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने सड़क दुर्घटनाओं में 15 प्रतिशत तक कमी लाने में सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए हम संरक्षा सुरक्षा विधेयक सदन में लाना चाहते हैं जिसे 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों ने तैयार किया है । यह विधेयक स्थाई समिति और संयुक्त प्रवर समिति दोनों में गया है।

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