जयपुर । राजस्थान में निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी के चलते सैंकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर लग गया है। मामला निजी विश्वविद्यालयों की एग्रीकल्चर कोर्स की डिग्री का है। इस मामले में दो साल पहले ही कृषि विभाग ने उच्च शिक्षा विभाग को आगाह कर दिया था। कृषि विभाग की शिकायत पर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने अगस्त 2017 में ही जांच के आदेश 20 निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ दे दिए थे। साथ ही विभिन्न जांच समितियों भी गठित कर दी थी। तत्कालीन उच्च शिक्षा, तकनीकी एवं संस्कृत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजहंस उपाध्याय ने यह आदेश जारी किए थे। इन आदेशों के मुताबिक कृषि विभाग द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के ध्यान में लाया गया है कि कई निजी विश्वविद्यालयों द्वारा कृषि पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन इन विश्वविद्यालयों के द्वारा आईसीएआर, नई दिल्ली के द्वारा कृषि शिक्षा के लिए निर्धारित न्यूनतम मापदंडों की पालना नहीं की जा रही है।
इन आदेश के मुताबिक (1).जयपुर नेशनल विश्वविद्यालय, (2).डॉ.के.एन.मोदी विश्वविद्यालय, निवाई, (3). महाराजा विनायक ग्लोबल विश्वविद्यालय,(4) .जेईसीआरसी विश्वविद्यालय, जयपुर, (5).माधव विश्वविद्यालय, पिंडवाडा, सिरोही, (6).मेवाड़ विश्वविद्यालय, चित्तौड़गढ़, (7).संगम विश्वविद्यालय, भीलवाड़ा,( 8).भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर,(9). ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय, जयपुर, (10).सुरेश ज्ञान विहार विश्वविद्यालय, जयपुर,(11) महात्मा ज्योति राव फूले विश्वविद्यालय, (12). कैरियर पॉाईंट विश्वविद्यालय, कोटा,(13) सिंघानियां विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी (झुंझुनूं),(14). श्रीधर विश्वविद्यालय,बिगोदना(झुंझुनूं),(15). टांटिया विश्वविद्यालय, श्रीगंगानगर,(16) आर.एन.बी ग्लोबल विश्वविद्यालय, बीकानेर,(17). सनराईज विश्वविद्यालय, अलवर, (18)यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एवं मैनेजमेंट जयपुर,(19). महर्षि अरविंद विश्वविद्यालय, जयपुर, (20).भगवंत विश्वविद्यालय अजमेर के खिलाफ जांच की गई थी। लेकिन जांच रिपोर्ट आने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अब इन निजी विश्वविद्यालयों की एमबीए एग्री बिजनस मैनेजमेंट, बीएससी ऑनर्स एग्रीकल्चर की डिग्रियों को राजस्थान राज्य लोक सेवा आयोग (आरपीएससी ) ने रिजेक्ट कर दिया है। वहीं अब इस मामले में सीएमओ ने भी दखल दे दिया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने यह सभी फाइलें तलब की है।
वहीं उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि जांच के बाद पता चला है कि कई निजी विवि सरकार से बिना अनुमति के कृषि के कोर्स चला दिये थे। साथ ही छात्र-छात्राओं को डिग्री दे दी है। लेकिन अब राज्य सरकार ऐसे विश्वविद्यालयों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेगी, लेकिन छात्र-छात्राओं का भविष्य खराब नहीं हो, इसके लिए भी उचित कदम उठायेगी।


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