गुरुवार, 13 जून 2019

कांग्रेस को राज्यसभा चुनावों में गड़बड़ी का अंदेशा, अमित शाह-स्मृति ईरानी की खाली हुई सीटों पर साथ चुनाव की मांग



राज्यसभा के चुनावों में भी गड़बड़ी का अंदेशा जताते हुए कांग्रेस ने मांग की है कि गुजरात में स्मृति ईरानी  और अमित शाह  के इस्तीफों से जो सीटें ख़ाली हुई हैं, उन पर एक साथ चुनाव कराए जाएं।

 राज्यसभा के चुनावों में भी गड़बड़ी का अंदेशा जताते हुए कांग्रेस ने मांग की है कि गुजरात में स्मृति ईरानी  और अमित शाह  के इस्तीफों से जो सीटें ख़ाली हुई हैं, उन पर एक साथ चुनाव कराए जाएं। कांग्रेस ने कहा है कि चुनाव को टालना क़ानून के ख़िलाफ़ है। अमित शाह की सीट खाली होने का नोटिफिकेशन 28 मई का है, जबकि स्मृति ईरानी की सीट खाली होने का नोटिफिकेशन 29 मई का है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने गुजरात में राज्यसभा की दोनों सीटों के लिए एक साथ चुनाव कराने की मांग की है।

लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा सदस्य नहीं रहे अमित शाह, रविशंकर प्रसाद और स्मृति ईरानी

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि उन्हें विश्वसनीय सूत्रों से खबर मिली है कि चुनाव आयोग दोनों सीटों पर अलग-अलग समय चुनाव कराने पर विचार कर रहा है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चुनाव आयोग से अमित शाह और स्मृति ईरानी के इस्तीफे के बाद खाली हुई राज्यसभा की दोनों सीटों पर एक साथ चुनाव न कराना असंवैधानिक होगा। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम चुनाव आयोग से अमित शाह और स्मृति ईरानी की सीट पर एक साथ चुनाव कराने का अनुरोध करना चाहते हैं, बजाय इसके कि दो अलग-अलग समय पर चुनाव हों।



कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अगर एक साथ चुनाव हुए तो एक सीट सत्ताधारी पार्टी और एक सीट विपक्ष जीत सकता है। अगर अलग-अलग समय पर चुनाव हुए तो यह गलत होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को चुनाव आयोग के समक्ष उठाएगी और जरूरत पड़ेगी तो चुनाव आयोग तक जाएगी भी।


 लोकसभा चुनाव  में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता जो पहले राज्यसभा के सदस्य थे लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अब ये नेता राज्यसभा के सदस्य नहीं होंगे। राज्यसभा सचिवालय ने कहा था कि भाजपा के वरिष्ठ नेता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह , मंत्री रविशंकर  प्रसाद और स्मृति ईरानी  लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अब राज्यसभा सदस्य नहीं रहे। वहीं द्रमुक  नेता कनिमोझी  भी लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अब उच्च सदन की सदस्य नहीं रह गई हैं। 

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