एक तरफ तो भाजपा के नेता किसी तरह विपक्षी पार्टियों को पटाने में लगे हैं ताकि सरकार कुछ जरूरी विधेयक पास करा सके तो दूसरी ओर भाजपा के संसदीय प्रबंधक और पार्टी के दूसरे नेता जैसे जैसे कामचलाऊ बहुमत के जुगाड़ में भी लगे हैं। ऐसा लग रहा है कि इस रणनीति के तहत ही भाजपा की नजर कई छोटी पार्टियों के राज्यसभा सांसदों के ऊपर है। पार्टी किसी तरह से अपने राज्यसभा सांसदों की संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
इसी प्रयास के तहत भाजपा ने ओड़िशा के मुख्य़मंत्री नवीन पटनायक से बात की और
उनसे एक सीट अपने लिए मांग ली। चुनाव में भाजपा हालांकि खुल कर उनके विरोध में लड़ी थी और बीजू जनता दल के लिए चुनौती बन कर उभरी है। इसके बावजूद उसने भाजपा के लिए एक राज्यसभा सीट छोड़ी। अपने कोटे से बीजद ने भाजपा के उम्मीदवार और पूर्व आईएएस अधिकारी अश्विन वैष्णब को राज्यसभा भेजने का फैसला किया। बदले में बीजद को लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद मिल सकता है।
इस बीच हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल के इकलौते राज्यसभा सांसद रामकुमार कश्यप भाजपा में शामिल हो गए हैं। उनका कार्यकाल हालांकि अगले ही साल तक है लेकिन फिलहाल उनके आने से भाजपा को फायदा हुआ है। इससे कुछ ही दिन पहले आंध्र प्रदेश की तेलुगू देशम पार्टी के छह में से चार राज्यसभा सांसद भाजपा में शामिल हुए थे। इस तरह लोकसभा का चुनाव खत्म होने के बाद पिछले एक महीने में भाजपा ने राज्यसभा के छह सांसदों का जुगाड़ किया है। उसने चार टीडीपी से तोड़े, एक इनेलो से तोड़ा और एक बीजद के सद्भाव से हासिल किया। इस तरह राज्यसभा में अब भाजपा के सदस्यों की संख्या 76 हो गई है। अगले साल होने वाले दोवार्षिक चुनाव के बाद भाजपा की संख्या 90 से ज्यादा हो जाएगी।

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