शनिवार, 22 जून 2019

बिहार में बच्चों की मौत का ज़िम्मेदार कौन?

 दिमागी बुखार का पहला मामला 1995 में सामने आया था। वहीं, पूर्वी यूपी में भी ऐसे मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। इस बीमारी के फैलने का कोई खास पैमाना तो नहीं है लेकिन अत्यधिक गर्मी और बारिश की कमी के कारण अक्सर ऐसे मामले में बढ़ोतरी देखी गई है। हर साल लगातार इसका कहर बरप रहा है, लेकिन इस बीमारी के असल कारणों की पड़ताल अब तक नहीं हो सकी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार,एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से अब त​क 136 की मौत, 16 जिलों में फैला  मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में सबसे अधिक अब तक 117 की मौत हुई है। इसके अलावा भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामढ़ी और समस्तीपुर से मौतों के मामले सामने आए हैं।
बिहार के 16 ज़िलों में दिमागी बुखार या एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से इस महीने की शुरुआत से 600 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं जिनमें से 136 की मौत हो गई। 

विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, एक जून से राज्य में एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के 626 मामले दर्ज हुए और इसके कारण मरने वालों की संख्या 136 पहुंच गई।

मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक अब तक 117 की मौत हुई है। इसके अलावा भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामढ़ी और समस्तीपुर से मौतों के मामले सामने आए है।

 दिमागी बुखार का दायरा बहुत विस्तृत है जिसमें अनेक संक्रमण शामिल होते हैं और यह बच्चों को प्रभावित करता है। यह सिंड्रोम वायरस, बैक्टीरिया या फंगस के कारण हो सकता है।

भारत में सबसे सामान्य तौर पर जो वायरस पाया जाता है उससे जापानी इंसेफलाइटिस (जापानी बुखार) होता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुमान के अनुसार दिमागी बुखार के 5-35 फीसदी मामले जापानी बुखार वायरस के कारण होते हैं।

 मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार का पहला मामला 1995 में सामने आया था। वहीं, पूर्वी यूपी में भी ऐसे मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। इस बीमारी के फैलने का कोई खास पैमाना तो नहीं है लेकिन अत्यधिक गर्मी और बारिश की कमी के कारण अक्सर ऐसे मामले में बढ़ोतरी देखी गई है। हर साल लगातार इसका कहर बरप रहा है, लेकिन इस बीमारी के असल कारणों की पड़ताल अब तक नहीं हो सकी है।

इस बीच एईएस रोग के कारण बड़ी संख्या में बच्चों की मौत को लेकर मुजफ्फरपुर निवासी मोहम्मद नसीम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और अश्विनी कुमार चौबे तथा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एक स्थानीय अदालत में शिकायत दर्ज कराई है।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मामले की सुनवाई की तारीख 25 जून मुकर्रर की है।

 उच्चतम न्यायालय ने मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (दिमागी बुखार) से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए तत्काल चिकित्सा विशेषज्ञों का दल गठित करने का निर्देश केंद्र सरकार को देने का अनुरोध करने वाला याचिका पर सुनवाई के लिए बीते 19 जून को हामी भर दी।

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