भारतीय जनता पार्टी का यह वादा था कि वो सत्ता में लौटने पर सारे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू किया जाएगा। अब उसने इस दिशा में कदम उठा दिया है। असम में ये प्रयोग अभी तक समस्याग्रस्त है। लेकिन भाजपा के लिए यह राजनीतिक रूप से लाभदायक मुद्दा है। इसलिए उसने ये कदम उठाया है। इस पर अमल कैसे होगा, दीगर सवाल है। लेकिन इससे जो सियासी पैगाम वो देना चाहती है, वह देने में वो कामयाब रहेगी, ये अनुमान लगाया जा सकता है। तो केंद्र ने अब राज्यों को विदेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए बनाए जाने वाले विदेशी अधिकरण स्थापित करने का अधिकार दे दिया है। गृह मंत्रालय के ओर से सभी राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि गैर कानूनी रूप से रह रहे प्रत्येक नागरिक को हिरासत में लेकर उसके देश भेज दिया जाए।
ये निर्देश विदेशी विषयक (अधिकरण) आदेश- 1964 में संशोधन करते हुए जारी किए हैं। जिसके तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिला मजिस्ट्रेट को भारतीय सीमा में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिक पर निर्णय लेने के लिए अधिकरण स्थापित करने के अधिकार दिए हैं। इससे पहले अधिकरण स्थापित करने का अधिकार केवल केंद्र के पास था। विदेशी अधिकरण अर्ध-न्यायिक निकाय होते हैं। ये नागरिकों की वैधता पर फैसला करते हैं। दूसरे राज्यों में विदेशी नागरिकों को पहले पुलिस गिरफ्तार करती है, जिसके बाद उन्हें पासपोर्ट एक्ट 1920 या विदेशियों विषयक अधिनियम 1946 के तहत स्थानिय कोर्ट में पेश किया जाता है। इसके तहत आरोपी व्यक्ति को दोषी साबित होने पर तीन महीने से आठ साल तक की जेल हो सकती है। सजा खत्म करने के बाद व्यक्ति को जब तक उसका देश स्वीकार नहीं करता डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है।
31 जुलाई को एनआरसी की फाइनल सूची जारी की जाएगी, जिसे देखते हुए गृह मंत्रालय ने असम में करीब 1,000 अधिकरण स्थापित करने की मंजूरी दी है। सुप्रीम कोर्ट से निर्देश के बाद रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) ने बीते साल 30 जुलाई को एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट जारी किया था। इसमें 25 मार्च 1971 के बाद पड़ोसी राज्य बांग्लादेश से अवैध रूप से असम आने वाले लोगों का नाम शामिल नहीं किया गया था। इस फाइनल ड्राफ्ट में करीबन 40 लाखों लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए थे। जब पूरे भारत में ये योजना लागू होगी, तो क्या हाल होगा, उसका अंदाजा इस अनुभव से लगाया जा सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें