बुधवार, 26 जून 2019

आज भी बच्चों का बुखार से मरना देश की 70 साल की विफलताओं में से एक है

 लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के लिए ईवीएम पर ‘‘ठीकरा' फोड़ने को लेकर कांग्रेस पर बरसते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विपक्ष को ‘‘नकारात्मकता' त्यागने और देश की विकास यात्रा में सकारात्मक योगदान देने की नसीहत दी। उन्होंने झारखंड में भीड़ द्वारा एक युवक की हत्या किए जाने पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इसे लेकर पूरे एक राज्य को बुरा बताना अनुचित है और इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। 

बिहार में ‘चमकी' बुखार के कारण बच्चों की लगातार मौत पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह स्थिति हमारी 70 साल की विफलताओं में से एक है और हम सभी को मिलकर इन विफलताओं से निबटने के समाधान खोजने होंगे। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात कही। उन्होंने हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं जब चुनाव स्वयं जनता लड़ती है। 2019 का चुनाव दलों से परे देश की जनता लड़ रही थी । ' 

भाजपा नीत राजग को लोकसभा चुनाव में मिले बहुमत को ‘‘देश की हार' बताने के लिए कांग्रेस पर बरसते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि ऐसा कहना देश के करोड़ों मतदाताओं, किसानों एवं मीडिया का अपमान है। उन्होंने कहा कि ये चुनाव विशेष थे, कई दशकों के बाद पूर्ण बहुमत की सरकारें बनना मतदाताओं की सोच की स्थिरता जाहिर करता है ।

 ‘‘ भाजपा की जीत को लोकतंत्र तथा देश की हार बताना लोकतंत्र का अपमान है ।' विपक्षी कांग्रेस पर तंज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘ कांग्रेस हारी तो देश हार गया । देश यानी कांग्रेस, कांग्रेस यानी देश । अहंकार की एक सीमा होती है । ' उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हारने से देश नहीं हार जाता क्योंकि कांग्रेस देश नहीं है । झारखंड में भीड़ द्वारा एक युवक की हत्या किए जाने को ‘‘दुखद एवं शर्मनाक' बताते हुए मोदी ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिले, यह हम मानते हैं। किंतु इसे लेकर पूरे राज्य को गलत बताना अनुचित है। 

उन्होंने कहा कि राज्य के सभी नागरिकों को कठघरे में खड़ा करके हम अपनी राजनीति तो कर सकते हैं लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यह कहना बिल्कुल गलत है कि ‘‘झारखंड मॉब लिन्चिंग का अड्डा हो गया है। दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। किंतु इसे लेकर झारखंड राज्य को दोषी ठहराना उचित नहीं है। हमसे से किसी को भी पूरे झारखंड को बदनाम करने का अधिकार नहीं है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि यह किसी भी राज्य में हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून का ढांचा स्थिति से निपटने में सक्षम है। बिहार में बच्चों की इंफेसेलाइटिस के कारण मौत की घटनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हम सभी के लिए ‘दुख और शर्म' की बात है। उन्होंने कहा कि आज भी बच्चों का बुखार से मरना देश की 70 साल की विफलताओं में से एक है और हम सभी को मिलकर इन विफलताओं से निबटने के समाधान खोजने होंगे । प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में वह राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। 

कभी हम दो हुआ करते थे

राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि अक्सर चुनावों में देखा जाता रहा था कि पुरुष मतदाताओं का अनुपात करीब 9 फीसदी तक ज्यादा होता था। इस बार यह अंतराल शून्य पर पहुंच गया है। चुनाव में महिलाओं ने बढ-चढ़कर हिस्सा लिया। महिलाएं में ज्यादा संख्या में चुनकर संसद पहुंचीं हैं। उन्होंने कहा कि कभी हमारी संख्या 2 थी. हमारा मजाक उड़ाया जाता था। निराशाजनक वातावरण में विश्वास के बलबूते हमने पार्टी को खड़ा किया। हम हार पर कभी दुखी नहीं हुए।जब स्वयं पर भरोसा नहीं होता, सामर्थ्य का अभाव होता है. तब बहाने खोजे जाते हैं। ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा जाता है।

अखबारों की हेडलाइन और इवीएम का वार

राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि सुधार की एक निरंतर प्रक्रिया है। पहले का जमाना देख लीजिए क्या था ? चुनाव के बाद अखबारों की हेडलाइन में क्या नजर आता था?  इतनी हिंसा हुई, इतने लोग मारे गये और इतने बूथ कैप्चर किये गये। आज हेडलाइन होती है कि पहले की तुलना में मतदान कितना बढ़ा है। 1977 में ईवीएम की चर्चा हुई। 1982 में पहली बार इसका प्रयोग किया गया। 1988 में इसी सदन के महानुभावों ने कानूनन इस बात की स्वीकृति प्रदान की। कांग्रेस के नेतृत्व में ईवीएम को लेकर नियम बनाए गये। आप हर गए इसलिए रो रहे हो। ये क्या तरीका है ?  इस ईवीएम से अबतक विधानसभा के चुनाव हुए हैं अबतक 113, और यहां उपस्थित सभी दलों को उसी ईवीएम से जीतकर सत्ता में आने का मौका मिला। चार लोकसभा के आम चुनाव हुए हैं। उसमें भी दल बदले हैं और आज हम पराजय के लिए कैसी बात कर रहे हैं। सारे परीक्षण के बाद ईवीएम पर सारी देश की न्यायपालिकाओं ने सही फैसला दिया है। चुनाव आयोग ने चुनौती दी थी। आज जो ईवीएम का यहां हल्ला कर रहे हैं। वह कोई गया नहीं। केवल दो दल गया एनसीपी और सीपीआई। बाकी लोग चुनाव आयोग के निमंत्रण के बाद भी नहीं गये।

पीएम मोदी ने किया बड़ा वार-जीत भी नहीं पचा पाती है कांग्रेस

राज्यसभा में पीएम मोदी ने ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर कहा कि उस हवा में हमारे लोग भी फंस गये थे। हम भी मानने लगे थे कि ईवीएम में गड़बड़ी है। हमने सारी चीजों को समझा...हमारी पार्टी में भी उस विचार को मानने वाले को समझाया गया कि वे गलत रास्ते पर चल रहे हैं। 2014 से मैं लगातार देख रहा हूं कि कांग्रेस पराजय को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं। मध्य प्रदेश में क्या हुआ ? अभी तो विजय हुई है। मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा वार करते हुए कहा कि जीत भी नहीं पचा पाती है कांग्रेस, हार भी स्वीकार करने का सामर्थ्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक देश, एक चुनाव के पक्ष में नहीं हैं। अरे चर्चा में तो भाग लीजिए।

हम आधार से भ्रष्टाचार खत्म करना चाहते हैं तो

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि अगर साथ चुनाव होंगे तो रीजनल पार्टियां खत्म हो जाएंगी। जहां-जहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ हुए वहां प्रादेशिक पार्टियों ने जीत दर्ज की है। देश के मतदाताओं को समझ है, इसलिए उनकी समझ पर शक करने का काम उचित नहीं। हर प्रयास का स्वागत किया जाना चाहिए। लेकिन हम पहले ही दरवाजे बंद करें तो कभी बदलाव नहीं आता है। उन्होंने कहा कि इसी सदन में विद्वान लोग बैठे थे, उन्होंने कहा था कि हमारे देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन असंभव है। जब हम आधार से भ्रष्टाचार खत्म करना चाहते हैं तो वह गलत हो जाता है। हम महान भारत बनाना चाहते हैं तो तकनीक से कितना दूर रह सकते हैं। हम चीजों से भागते रहेंगे। जीएसटी, ईवीएम, वीमैप हर चीज में उसका विरोध किया जा रहा है। इस सदन में जिन दलों का व्यवहार पिछले पांच साल में रुकावट डालने का रहा है, अड़ंगे डालने का रहा है, उन सबको देशवासियों ने सजा देने का काम किया है।

ओल्ड इंडिया या न्यू इंडिया

राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि मैं हैरान हूं कि अब न्यू इंडिया का विरोध किया जा रहा है। मैं यह समझ सकता हूं, कि इसमें 5 बातें सही और 5 बातें गलत है। औरों ने क्या किया, उसे छोड़ दीजिए...देश के लोगों को निराशा की ओर धकेलने का पाप न करें। हम आइडिया में सुधार करेंगे...लेकिन एकदम विरोध...ओल्ड इंडिया चाहिए क्या... जहां कैबिनेट के निर्णय को पत्रकारों के बीच फाड़ दिया जाए, वैसा ओल्ड इंडिया चाहिए, हमें वो ओल्ड इंडिया चाहिए जो जल, थल, नभ में घोटाले से परेशान रहे?, हमें वो ओल्ड इंडिया चाहिए जो टुकड़े गैंग को समर्थन करने पहुंच जाए ? पासपोर्ट के लिए महीनों तक इंतजार करना चाहिए, क्या हमें वो ओल्ड इंडिया चाहिए? इंटरव्यू के नाम पर करप्शन वाला इंडिया चाहिए ? उन्होंने कहा कि देश छोटी-छोटी चीजों से बदलता है। देश को छोटी चीजें चाहिए। हम बड़े नहीं छोटों के बीच से यहां पहुंचे हैं। हमें उसी के लिए काम करने की जरूरत है। हमने पांच साल आम लोगों के काम को पूरा करने का प्रयास किया है। अब ये पांच साल आवश्यकताओं से ज्यादा इच्छाओं की पूर्ति का है। हम भाग्यवान हैं, जब देश का सामान्य लोग इच्छाओं के साथ है। इससे काम की गति बढ़ती है। इसलिए हम सबका दायित्व बढ़ता है।



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