शनिवार, 15 जून 2019

भारत को 2024 तक 5 ट्रिलियन इकॉनोमी बनाने का लक्ष्य : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता 2022 तक किसानों की दोगुनी आय के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन, बागवानी, फल और सब्जियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। पीएम किसान, किसान सम्मान, निधि और अन्य किसान केंद्रित योजनाओं का लाभ समय के भीतर लाभार्थियों तक पहुंचना चाहिए।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की पांचवीं बैठक शुरू हो गई है। पीएम मोदी ने कहा कि 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन इकॉनोमी बनाने का लक्ष्य है और राज्यों के ठोस कदम से यह संभव होगा। 
नीति आयोग की पांचवी बैठक शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 5 वीं बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री ने कहा, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र को पूरा करने में नीति आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका। उन्होंने कहा, 'भारत को 2024 तक 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण पर राज्यों के संयुक्त प्रयास से इसे हासिल किया जा सकता है।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'राज्य सरकारें निर्यात संवर्द्धन पर ध्यान दें, लोगों की आय और रोजगार के अवसर बढ़ाने में निर्यात क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है।' उन्होंने कहा कि नवगठित जल शक्ति मंत्रालय जल प्रबंध के विषय में एक समन्वित दृष्टिकोण अपनाने में मदद करेगा। राज्यों को भी जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में अपने विभिन्न प्रयासों को समन्वित करना चाहिए। हम कार्य-प्रदर्शन, पारदर्शिता और प्रतिपादन की विशेषता वाली शासन व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं।

- नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता 2022 तक किसानों की दोगुनी आय के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन, बागवानी, फल और सब्जियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। पीएम किसान, किसान सम्मान, निधि और अन्य किसान केंद्रित योजनाओं का लाभ समय के भीतर लाभार्थियों तक पहुंचना चाहिए।

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की पांचवीं बैठक शुरू हो गई है। पीएम मोदी ने कहा कि 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन इकॉनोमी बनाने का लक्ष्य है और राज्यों के ठोस कदम से यह संभव होगा। 

- बैठक का मुख्य एजेंडा सूखे की स्थिति, कृषि क्षेत्र का संकट और नक्सल प्रभावित जिलों में सुरक्षा को लेकर चिंता है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री ने की हैं। नई मोदी सरकार के कार्यकाल में यह संचालन परिषद की पहली बैठक है। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए हैं।

बैठक के एजेंडा में वर्षा जल संचयन, आकांक्षी जिला कार्यक्रम, कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक बदलाव के मुद्दे भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली संचालन परिषद के सदस्यों में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है। ममता का कहना है कि नीति आयोग के पास राज्यों की योजनाओं के समर्थन के लिए वित्तीय अधिकार नहीं हैं, ऐसे में इस तरह की बैठक की कवायद बेकार है। 


इन मुद्दों पर रहेगा जोर

इस बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री कई मुद्दों पर केंद्र को घेरने की तैयारी में हैं। वहीं सत्ताधारी बीजेपी अपनी योजनाओं का खाका पेश करेगी। आज की बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा होगी उनमें जल संचय, सूखे की स्थित तथा राहत उपाय, आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम से जुड़ी उपलब्धियां और चुनौतियां, कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम, आवश्यक वस्तु अधिनियम और चरमपंथ प्रभावित जिलों पर विशेष फोकस के साथ सुरक्षा संबंधी विषय मुख्य हैं।

विपक्ष के रुख पर रहेंगी निगाहें

नीति आयोग की बैठक के दौरान कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री कृषि संकट, किसानों की समस्या और कर्ज माफी मांग को उठाएगें। इसके साथ राज्यों से संबंधित मांगों को भी केंद्र के सामने रखेंगे। बता दें कि नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल पिछले बैठक की कार्य सूची में शामिल विषयों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा करती है तथा भविष्य की विकास प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श करती है।

अब तक हो चुकी हैं 4 बैठकें

गौरतलब है कि अभी तक गवर्निंग काउंसिल की चार बैठकें हो चुकी हैं। पहली बैठक 8 फरवरी, 2015 को हुई थी। इस बैठक में नीति आयोग के लिए कामकाज तय किए गए थे। गवर्निंग काउंसिल की दूसरी बैठक 15 जुलाई, 2015 को हुई थी। तीसरे बैठक 23 अप्रैल, 2017 को हुई, जिसमें रणनीति और विजन दस्तावेजों के माध्यम से देश के विकास कार्यक्रम को आकार देने में मील के पत्थर निर्धारित किए गए।

गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक 17 जून, 2018 को हुई, जिसमें किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उठाए गए कदमों तथा आयुष्मान भारत, पोषण अभियान और मिशन इंद्रधनुष जैसी अग्रणी योजनाओं के अंतर्गत हुई प्रगति की समीक्षा की गई।

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