जयपुर । परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि जयपुर शहर की परिवहन सेवा से वंचित कॉलोनियों, बस्तियों के निवासियों और अन्य शहरवासियों को गुणवत्ता वाली सार्वजनिक परिवहन सेवा सुलभ कराने के लिए कई नए परिवहन मार्ग खोले जाएंगे एवं कई पुराने निर्धारित परिवहन मार्गों की लम्बाई बढाई जाएगी। ई-रिक्शा के नियंत्रित संचालन को सुनिश्चित करने के साथ ही टेम्पो आदि के पूर्व निर्धारित मार्गों के स्कोप में भी बढोतरी की जाएगी। उन्होंने बताया, जयपुर शहर की यातायात व्यवस्था में जल्द ही बड़ा बदलाव किया जा रहा है जिसका असर आने वाले कुछ महीनों में नजर आने लगेगा।
परिवहन मंत्री खाचरियावास ने बताया कि जनसंख्या और बसावटों में तेेजी से बढोतरी के साथ जयपुर शहर में परिवहन सुविधाएं उस गति से नहीं बढ़ीं। इससे सार्वजनिक परिवहन सेवा का उपयोग करने वाले आम शहरी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि परकोटा क्षेत्र और बाहरी शहर में परिवहन आवश्कताओं की प्रकृति अलग-अलग है। जयपुर में परकोटा समेत पूरे शहर में समान रूप से परिवहन सेवाएं उपलब्ध कराने की योजना पर काम किया जा रहा है। इससे परिवहन सुविधा के क्षेत्र में रोजगार भी बढेगा और आमजन को सुविधा भी मिलेगी।
परिवहन मंत्री ने बताया कि जयपुर नगरीय सीमा में बस परिवहन सेवा के लिए 12 नए मार्ग खोलने पर विचार किया जा रहा है। इसी प्रकार पूर्व निर्धारित करीब 10 टेम्पो मार्गों में बढोतरी की जानी है। करीब 7 टेम्पो मार्ग ऎसे हैं जिनको या तो बढाया जाएगा या उनका डायवर्जन किया जाएगा अथवा उनकी प्रासंगिकता खत्म हो जाने के कारण उनमें कटौती की जाएगी। श्री खाचरियावास ने बताया कि इन बदलावों से सावर्जनिक परिवहन का उपयोग करने वाले लोगों को उनके घरों के आस-पास ही परिवहन सुविधा मिल सकेगी।
आठ निर्धारित जोन में संचालित होंगे ई-रिक्शा, 40 हजार लोगों को स्वरोजगार
परिवहन मंत्री ने बताया कि वर्तमान में जयपुर शहर में करीब 11 हजार ई-रिक्शा का पंजीयन किया जा चुका है। कर मुक्त होने एवं परमिट बाध्यता नहीं होने जैसी विशेषताओं के कारण खासकर परकोटा क्षेत्र में युवकों के लिए ई-रिक्शा रोजगार का लोकप्रिय साधन बन चुका है, लेकिन निर्बाध यातायात के लिए अब इनको नियंत्रित किया जाना जरूरी है।
खाचरियावास ने बताया कि पूरे शहर के निवासियों को ई-रिक्शा परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एवं और अधिक युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए पूरे शहर में आठ ई-रिक्शा जोन का निर्धारण कर इनका संचालन किया जाएगा। हर जोन में 5 हजार ई रिक्शा का पंजीयन किया जाएगा। इस प्रकार सभी जोन में कुल 40 हजार व्यक्तियों को स्वरोजगार उपलब्ध हो सकेगा। इनसे शहर में वाहन जनित प्रदूषण के नियंत्रण में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया, हर ई-रिक्शा के संचालक को स्थायी लाइसेंस उसी जोन के लिए जारी किए जाएगा एवं उसे अन्य जोन में एवं निषिद्ध क्षेत्रों में अपना रिक्शा चलाने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए हर ई-रिक्शा पर पंजीकृत जोन की सूचना दर्शाने वाला एक विशेष स्टिकर लगेगा। निर्धारित जोन से अलग जोन में ई-रिक्शा चलाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
शहर मे होंगे 9 ई-रिक्शा निषिद्ध क्षेत्र
परिवहन मंत्री ने बताया कि शहर के 1.रामनिवास बाग के पिछले गेट से जवाहर लाल नेहरू मार्ग, जवाहर सर्किल तक, 2. टोंक रोड रामबाग सर्किल से लक्ष्मी मंदिर सिनेमा तक, 3. गांधी नगर मोड़ से जवाहर लाल नेहरू मार्ग पर स्थित गांधी सर्किल तक, 4. जनपथ रोड, 5, भवानी सिंह रोड, 6. पृथ्वीराज रोड, 7. सीकर रोड पर खासा कोठी से रोड नं.14 तक, 8. कालवाड़ रोड चौमूं सर्किल से 200 फीट बाइपास पुलिया तक एवं 9. सिरसी रोड से 200 फीट बाइपास सिरसी पुलिया तक के मार्गों को ई-रिक्शा के संचालन से मुक्त रखे जाने पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि ई-कार्ट वाहन का पंजीयन सम्पूर्ण जयपुर के लिए किया जाएगा, लेकिन उन्हें भी इन निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़ते हुए लाइसेंस जारी किया जाएगा। अभी 400 ई-कार्ट ही शहर में पंजीकृत हैंं।

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