बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक सहित देश के कई राज्यों में इस समय पूरी राजनीति दलित वोट को ध्यान में रख कर हो रही है। भाजपा और कांग्रेस सहित इन राज्यों की क्षेत्रीय पार्टियों में दलित वोट की दावेदारी को लेकर जंग छिड़ी है। सुप्रीम कोर्ट ने एससी, एसटी उत्पीड़न कानून के पालन में थोड़े बदलाव किए और बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगा दी तो उसके विरोध में सोमवार को पूरे देश में बंद का आयोजन हुआ। लगभग सभी पार्टियों ने इसका समर्थन किया है या कम से कम यह दिखाया है वह इसके समर्थन में है।
उत्तर प्रदेश में मायावती खुद ही इस वोट की सबसे बड़ी नेता हैं और उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भीमराव अंबेडकर नाम के दलित उम्मीदवार को उतार कर इसी वोट का कार्ड खेला था। अब उनको भाजपा की सांसद सावित्री बाई फुले का साथ भी मिल सकता है। बहराइच से भाजपा की सांसद सावित्री बाई फुले ने अंबेडकर की मूर्तियां तोड़े जाने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मुद्दा बनाया है। उन्होंने राज्य की योगी आदित्यनाथ की सरकार के खिलाफ भी मोर्चा खोला है और सड़क पर उतरी हैं।
बिहार में नीतीश कुमार ने रामविलास पासवान और अशोक चौधरी के सहारे दलित वोट का दांव चला है। इसके जवाब में लालू प्रसाद की पार्टी राजद के पास दो बड़े दलित चेहरे पहुंच गए हैं, जो पहले नीतीश के साथ थे। पिछली विधानसभा में स्पीकर रहे उदय नारायण चौधरी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी दोनों अब राजद खेमे में शामिल हैं।
कांग्रेस ने गुजरात में बड़ी तेजी से उभरे जिग्नेश मेवानी पर दांव लगाया है तो महाराष्ट्र में उसे प्रकाश अंबेडकर पर भरोसा है। भाजपा के पास अपना दलित चेहरा केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत का है पर ऐसा लग रहा है कि पार्टी को उनसे ज्यादा भरोसा सहयोगी पार्टियों के दो नेताओं रामविलास पासवान और रामदास अठावले पर है। इन दोनों के नाम में राम भी लगा है। ध्यान रहे पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम भी में भी रामजी शब्द जोड़ दिया है। 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में एक और स्मारक का उद्घाटन करेंगे। दिल्ली विधानसभा के ठीक सामने यह स्मारक बन कर तैयार हो गया है। कुछ ही दिन पहले उन्होंने नई दिल्ली में राजपथ के ठीक बगल में अंबेडकर के नाम पर एक और बड़े स्मारक का उद्घाटन किया था। मन की बात कार्यक्रम के पिछले प्रसारण में उन्होंने बड़ी देर तक अंबेडकर नाम पर चर्चा की थी।
उत्तर प्रदेश में मायावती खुद ही इस वोट की सबसे बड़ी नेता हैं और उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भीमराव अंबेडकर नाम के दलित उम्मीदवार को उतार कर इसी वोट का कार्ड खेला था। अब उनको भाजपा की सांसद सावित्री बाई फुले का साथ भी मिल सकता है। बहराइच से भाजपा की सांसद सावित्री बाई फुले ने अंबेडकर की मूर्तियां तोड़े जाने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मुद्दा बनाया है। उन्होंने राज्य की योगी आदित्यनाथ की सरकार के खिलाफ भी मोर्चा खोला है और सड़क पर उतरी हैं।
बिहार में नीतीश कुमार ने रामविलास पासवान और अशोक चौधरी के सहारे दलित वोट का दांव चला है। इसके जवाब में लालू प्रसाद की पार्टी राजद के पास दो बड़े दलित चेहरे पहुंच गए हैं, जो पहले नीतीश के साथ थे। पिछली विधानसभा में स्पीकर रहे उदय नारायण चौधरी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी दोनों अब राजद खेमे में शामिल हैं।
कांग्रेस ने गुजरात में बड़ी तेजी से उभरे जिग्नेश मेवानी पर दांव लगाया है तो महाराष्ट्र में उसे प्रकाश अंबेडकर पर भरोसा है। भाजपा के पास अपना दलित चेहरा केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत का है पर ऐसा लग रहा है कि पार्टी को उनसे ज्यादा भरोसा सहयोगी पार्टियों के दो नेताओं रामविलास पासवान और रामदास अठावले पर है। इन दोनों के नाम में राम भी लगा है। ध्यान रहे पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम भी में भी रामजी शब्द जोड़ दिया है। 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में एक और स्मारक का उद्घाटन करेंगे। दिल्ली विधानसभा के ठीक सामने यह स्मारक बन कर तैयार हो गया है। कुछ ही दिन पहले उन्होंने नई दिल्ली में राजपथ के ठीक बगल में अंबेडकर के नाम पर एक और बड़े स्मारक का उद्घाटन किया था। मन की बात कार्यक्रम के पिछले प्रसारण में उन्होंने बड़ी देर तक अंबेडकर नाम पर चर्चा की थी।

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