कई राज्यों में कर्फ्यू जैसे हालात. सेना की टुकड़ियां तैनात. पंजाब में सीबीएसई की परीक्षा स्थगित. हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में बस-रेल सेवा ठप. कई राज्यों में इंटरनेट पर पाबंदी.
नई दिल्ली: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के खिलाफ हालिया आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विभिन्न संगठनों द्वारा 2 अप्रैल सोमवार को बुलाए भारत बंद में देश भर से व्यापक पैमाने पर हिंसा की खबरें आ रही हैं. मध्य प्रदेश के ग्वालियर, भिंड और मुरैना जिले में उपद्रव के दौरान चार लोगों की मौत की खबर है. ग्वालियर में गोली लगने से मौत की खबर है लेकिन गोली कहां से चली, किसने चलाई, यह साफ नहीं हो पाया है.
वहीं, मुरैना से भी एक व्यक्ति की मौत की खबर आ रही है.
दैनिक भास्कर के अनुसार, ग्वालियर के थाटीपुर इलाके से दो युवकों की मौत की खबरें आ रही हैं. चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. वहीं, मुरैना जिले में भी हिंसक झड़पों में एक युवक की मौत हो गई है. पुलिस और एससी-एसटी समुदाय के लोगों के बीच हुई फायरिंग के दौरान युवक को गोली लगी.
ग्वालियर, भिंड और मुरैना में हिंसा के दौरान दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. बंद के दौरान जमकर पथराव और तोड़फोड़ की गई. ट्रेनों को रोका गया और नेशनल हाइवे जाम कर दिए गए. भिंड में नेशनल हाइवे जाम कर वाहनों के शीशे तोड़े गए, मुरैना में रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखकर ट्रेनों को रोक दिया गया है. पुलिस को कुछ जगहों पर उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए, लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और यहां तक कि हवाई फायरिंग करनी पड़ी है. हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने ग्वालियर और भिंड में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.
ग्वालियर में बीएसएफ और एएसएफ की टुकड़ियां तैनात की गई हैं. वहीं, भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक बुलाई है.
भिंड में भीम सेना और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर पथराव हुआ. उग्र होते प्रदर्शन को काबू में करने के लिए पुलिस को गोलियां दागनी पड़ीं, इससे पांच लोगों के घायल होने की सूचना है. मालनपुर में हाइवे जाम कर दिया है, जिसके बाद दोनों और सैकड़ों वाहन फंस गए है। साढ़े तीन घंटे से वहां पर जाम लगा हुआ है.
मुरैना में दो घंटे से खड़ी छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को जैसे ही भोपाल के लिए रवाना करने की कोशिश की गई, भीम सेना के लोग इंजन पर चढ़ गए और उसमें तोड़फोड़ कर दी. यात्रियों ने दहशत में खिड़की-दरवाजे बंद कर लिए हैं. शताब्दी एक्सप्रेस को आगरा और ग्वालियर के बीच रोक दिया गया है. कई ट्रेनों को मुरैना और ग्वालियर आने से पहले ही रोका गया है.
पंजाब में भी हालात चिंतनीय
वहीं, देश के दूसरे हिस्सों से भी हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. बंद के आह्वान के बाद पंजाब में बस एवं मोबाइल सेवाएं बेद कर दी गई हैं. सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों को किसी भी परिस्थिति के लिये तैयार रहने के लिए कहा गया है. स्कूल बंद करने के आदेश हैं और बस यातायात भी रोक दिया गया है.
पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने यहां बताया किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिये मंगलवार को पूरे राज्य में बंद के दौरान सार्वजनिक एवं निजी परिवहन की सेवाएं निलंबित रहेंगी. बैंक भी बंद रहेंगे.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के शीर्ष पुलिस अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद ये आदेश जारी किए गए. वहीं, सुरक्षा बलों ने एहतियात के तौर पर राज्य के कुछ हिस्सों में फ्लैग मार्च निकाला.
सरकार ने तीन अप्रैल तक कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य के लोगों खासकर अनुसूचित जाति के सदस्यों से संयम बरतने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.
वहीं, पड़ोसी राज्य हरियाणा के अंबाला और रोहतक में तथा दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में भी प्रदर्शन हुए. दलितों ने पंजाब के जालंधर, होशियारपुर, रोपड़, बठिंडा, अमृतसर और फिरोजपुर में प्रदर्शन किए.
उच्चतम न्यायालय ने20 मार्च के अपने फैसले में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के कुछ प्रावधानों को नरम बनाया था ताकि अपना कर्तव्य निभा रहे ईमानदार अधिकारियों को कानून के तहत झूठे मुकदमों में फंसा कर ब्लैकमेल किए जाने से रोका जा सके.
फैसले की दलितों और विपक्ष ने कटु आलोचना की है. उनका कहना है कि कानून को कमजोर करने से दलितों के खिलाफ भेदभाव और अपराध बढ़ जाएंगे.
इस बीच सीबीएसई ने राज्य सरकार के अनुरोध पर 12वीं और 10वीं की परीक्षाओं को पंजाब में स्थगित कर दिया है. बोर्ड ने कहा कि पंजाब सरकार के स्कूली शिक्षा महानिदेशक की ओर से भारत बंद के दौरान कानून एवं व्यवस्था की समस्याओं और अन्य गड़बड़ियों की आशंका जताते हुए दो अप्रैल को होने वाली परीक्षाएं स्थगित करने के लिए एक अप्रैल को अनुरोध पत्र मिला था.
दिल्ली में भी भारी प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी बाहरी दिल्ली में कई जगह रेल की पटरियों पर बैठ गए, जिससे देहरादून एक्सप्रेस और रांची राजधानी सहित कई ट्रेनों को रास्ते में ही रोकना पड़ा.
उत्तरी रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के आज सुबह करीब 10 बजे गाजियाबाद यार्ड पहुंचने के बाद सेवाएं बाधित हुईं. अधिकारियों ने बताया कि सप्त क्रांति एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस, भुवनेश्वर और रांची राजधानी, कानपुर शताब्दी सहित कई ट्रेनों को गाजियाबाद से पहले मेरठ और मोदीनगर में ही रोक दिया गया.
उन्होंने बताया कि करीब 2000 लोगों की भीड़ ने हापुड़ स्टेशन पर ट्रेनों को रोका. कई माल गाड़ियों को भी रोका गया. दिल्ली पुलिस और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के कर्मी लोगों को पटरी से हटाने की कोशिश कर रहे हैं.
इसके अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, राजस्थान, गुजरात से भी हिंसा और आगजनी की खबरें. राजस्थान में दलित संगठनों और करणी सेना के बीच हुई झड़प में 25 लोग घायल हो गए.
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और मुजफ्फरनगर में वाहनों को आग लगा दी गई.
देहरादून में भी जबरन बाजारों को बंद कराया गया.
नई दिल्ली: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के खिलाफ हालिया आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विभिन्न संगठनों द्वारा 2 अप्रैल सोमवार को बुलाए भारत बंद में देश भर से व्यापक पैमाने पर हिंसा की खबरें आ रही हैं. मध्य प्रदेश के ग्वालियर, भिंड और मुरैना जिले में उपद्रव के दौरान चार लोगों की मौत की खबर है. ग्वालियर में गोली लगने से मौत की खबर है लेकिन गोली कहां से चली, किसने चलाई, यह साफ नहीं हो पाया है.
वहीं, मुरैना से भी एक व्यक्ति की मौत की खबर आ रही है.
दैनिक भास्कर के अनुसार, ग्वालियर के थाटीपुर इलाके से दो युवकों की मौत की खबरें आ रही हैं. चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. वहीं, मुरैना जिले में भी हिंसक झड़पों में एक युवक की मौत हो गई है. पुलिस और एससी-एसटी समुदाय के लोगों के बीच हुई फायरिंग के दौरान युवक को गोली लगी.
ग्वालियर, भिंड और मुरैना में हिंसा के दौरान दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. बंद के दौरान जमकर पथराव और तोड़फोड़ की गई. ट्रेनों को रोका गया और नेशनल हाइवे जाम कर दिए गए. भिंड में नेशनल हाइवे जाम कर वाहनों के शीशे तोड़े गए, मुरैना में रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखकर ट्रेनों को रोक दिया गया है. पुलिस को कुछ जगहों पर उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए, लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और यहां तक कि हवाई फायरिंग करनी पड़ी है. हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने ग्वालियर और भिंड में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.
ग्वालियर में बीएसएफ और एएसएफ की टुकड़ियां तैनात की गई हैं. वहीं, भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक बुलाई है.
भिंड में भीम सेना और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर पथराव हुआ. उग्र होते प्रदर्शन को काबू में करने के लिए पुलिस को गोलियां दागनी पड़ीं, इससे पांच लोगों के घायल होने की सूचना है. मालनपुर में हाइवे जाम कर दिया है, जिसके बाद दोनों और सैकड़ों वाहन फंस गए है। साढ़े तीन घंटे से वहां पर जाम लगा हुआ है.
मुरैना में दो घंटे से खड़ी छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को जैसे ही भोपाल के लिए रवाना करने की कोशिश की गई, भीम सेना के लोग इंजन पर चढ़ गए और उसमें तोड़फोड़ कर दी. यात्रियों ने दहशत में खिड़की-दरवाजे बंद कर लिए हैं. शताब्दी एक्सप्रेस को आगरा और ग्वालियर के बीच रोक दिया गया है. कई ट्रेनों को मुरैना और ग्वालियर आने से पहले ही रोका गया है.
पंजाब में भी हालात चिंतनीय
वहीं, देश के दूसरे हिस्सों से भी हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. बंद के आह्वान के बाद पंजाब में बस एवं मोबाइल सेवाएं बेद कर दी गई हैं. सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों को किसी भी परिस्थिति के लिये तैयार रहने के लिए कहा गया है. स्कूल बंद करने के आदेश हैं और बस यातायात भी रोक दिया गया है.
पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने यहां बताया किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिये मंगलवार को पूरे राज्य में बंद के दौरान सार्वजनिक एवं निजी परिवहन की सेवाएं निलंबित रहेंगी. बैंक भी बंद रहेंगे.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के शीर्ष पुलिस अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद ये आदेश जारी किए गए. वहीं, सुरक्षा बलों ने एहतियात के तौर पर राज्य के कुछ हिस्सों में फ्लैग मार्च निकाला.
सरकार ने तीन अप्रैल तक कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य के लोगों खासकर अनुसूचित जाति के सदस्यों से संयम बरतने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.
वहीं, पड़ोसी राज्य हरियाणा के अंबाला और रोहतक में तथा दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में भी प्रदर्शन हुए. दलितों ने पंजाब के जालंधर, होशियारपुर, रोपड़, बठिंडा, अमृतसर और फिरोजपुर में प्रदर्शन किए.
उच्चतम न्यायालय ने20 मार्च के अपने फैसले में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के कुछ प्रावधानों को नरम बनाया था ताकि अपना कर्तव्य निभा रहे ईमानदार अधिकारियों को कानून के तहत झूठे मुकदमों में फंसा कर ब्लैकमेल किए जाने से रोका जा सके.
फैसले की दलितों और विपक्ष ने कटु आलोचना की है. उनका कहना है कि कानून को कमजोर करने से दलितों के खिलाफ भेदभाव और अपराध बढ़ जाएंगे.
इस बीच सीबीएसई ने राज्य सरकार के अनुरोध पर 12वीं और 10वीं की परीक्षाओं को पंजाब में स्थगित कर दिया है. बोर्ड ने कहा कि पंजाब सरकार के स्कूली शिक्षा महानिदेशक की ओर से भारत बंद के दौरान कानून एवं व्यवस्था की समस्याओं और अन्य गड़बड़ियों की आशंका जताते हुए दो अप्रैल को होने वाली परीक्षाएं स्थगित करने के लिए एक अप्रैल को अनुरोध पत्र मिला था.
दिल्ली में भी भारी प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी बाहरी दिल्ली में कई जगह रेल की पटरियों पर बैठ गए, जिससे देहरादून एक्सप्रेस और रांची राजधानी सहित कई ट्रेनों को रास्ते में ही रोकना पड़ा.
उत्तरी रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के आज सुबह करीब 10 बजे गाजियाबाद यार्ड पहुंचने के बाद सेवाएं बाधित हुईं. अधिकारियों ने बताया कि सप्त क्रांति एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस, भुवनेश्वर और रांची राजधानी, कानपुर शताब्दी सहित कई ट्रेनों को गाजियाबाद से पहले मेरठ और मोदीनगर में ही रोक दिया गया.
उन्होंने बताया कि करीब 2000 लोगों की भीड़ ने हापुड़ स्टेशन पर ट्रेनों को रोका. कई माल गाड़ियों को भी रोका गया. दिल्ली पुलिस और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के कर्मी लोगों को पटरी से हटाने की कोशिश कर रहे हैं.
इसके अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, राजस्थान, गुजरात से भी हिंसा और आगजनी की खबरें. राजस्थान में दलित संगठनों और करणी सेना के बीच हुई झड़प में 25 लोग घायल हो गए.
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और मुजफ्फरनगर में वाहनों को आग लगा दी गई.
देहरादून में भी जबरन बाजारों को बंद कराया गया.

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