भारत को ग्लोबल लीडर बनाने के लिए अमित शाह ने 50 साल मांगे हैं। कुछ समय पहले भोपाल में पार्टी की एक बैठक में उन्होंने भारत को विकसित देश बनाने के लिए 25 साल मांगे थे। तब मीडिया में इसकी ऐसी रिपोर्टिंग हो गई थी कि उन्होंने अच्छे दिन लाने के लिए 25 साल मांगे हैं। बहरहाल, वह बात आई गई हो गई थी। अब उन्होंने 50 साल का शासन मांगा है, जैसे कांग्रेस का रहा है।
अमित शाह ने कांग्रेस की तरह सिर्फ 50 साल का शासन नहीं मांगा है, बल्कि गांव पंचायतों से लेकर देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी संसद तक भाजपा का वर्चस्व मांगा है। उन्होंने कहा है कि पंचायत चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक भाजपा को 50 साल जीतना चाहिए तब जाकर भारत ग्लोबल लीडर बन पाएगा। ध्यान रहे थोड़े समय को छोड़ कर कभी भी कांग्रेस का ऐसा शासन नहीं रहा है। शुरुआती पांच, दस साल तक कांग्रेस का केंद्र और राज्यों में राज करती रही पर उसके बाद हालात बदल गए और एक एक कर राज्यों में दूसरी पार्टियों की सरकारें बनने लगीं। केंद्र में भी कांग्रेस का निर्बाध राज 30 साल तक चल पाया था।
वैसे भी स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव वाले किसी भी लोकतंत्र में एक पार्टी को ऐसा राज नहीं मिल सकता है। भारत जैसी विविधता वाले देश में तो यह मुमकिन ही नहीं है। इसके लिए चीन या क्यूबा की तरह का राजनीतिक सिस्टम बनाना होगा। दूसरे, जिन राज्यों में भाजपा का शासन 15-20 साल से चल रहा है वहां के हालात देख कर तो नहीं लगता है कि 50 साल में भी स्थिति में कोई खास अंतर आ जाएगा। कई लोग यह भी मान रहे हैं कि एंटी इन्कंबैंसी कम करने के लिए भाजपा 50 साल का दांव चल रही है।
अमित शाह ने कांग्रेस की तरह सिर्फ 50 साल का शासन नहीं मांगा है, बल्कि गांव पंचायतों से लेकर देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी संसद तक भाजपा का वर्चस्व मांगा है। उन्होंने कहा है कि पंचायत चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक भाजपा को 50 साल जीतना चाहिए तब जाकर भारत ग्लोबल लीडर बन पाएगा। ध्यान रहे थोड़े समय को छोड़ कर कभी भी कांग्रेस का ऐसा शासन नहीं रहा है। शुरुआती पांच, दस साल तक कांग्रेस का केंद्र और राज्यों में राज करती रही पर उसके बाद हालात बदल गए और एक एक कर राज्यों में दूसरी पार्टियों की सरकारें बनने लगीं। केंद्र में भी कांग्रेस का निर्बाध राज 30 साल तक चल पाया था।
वैसे भी स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव वाले किसी भी लोकतंत्र में एक पार्टी को ऐसा राज नहीं मिल सकता है। भारत जैसी विविधता वाले देश में तो यह मुमकिन ही नहीं है। इसके लिए चीन या क्यूबा की तरह का राजनीतिक सिस्टम बनाना होगा। दूसरे, जिन राज्यों में भाजपा का शासन 15-20 साल से चल रहा है वहां के हालात देख कर तो नहीं लगता है कि 50 साल में भी स्थिति में कोई खास अंतर आ जाएगा। कई लोग यह भी मान रहे हैं कि एंटी इन्कंबैंसी कम करने के लिए भाजपा 50 साल का दांव चल रही है।

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